कोराना से जंग में दांव पर थी जिंदगी, 36 जीतकर लौटे और जगाई उम्मीद की मशाल
हरियाणा में काेराेना के प्रकोप के बीच 36 ऐसे लोग हैं जिन्हाेंन इस महामारी से जंग लड़ते हुए इसको मात दी। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने इन लोगों से संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया।
चंडीगढ़, जेएनएन।जिंदगी दांव पर थी, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा। कोरोना के खिलाफ जिंदगी और मौत की लड़ाई में ये लोग असली योद्धा साबित हुए। महामारी से जूझ कर पूरी तरह फिट हुए 36 लोग कोरोना को हराकर विजेता बनकर लौटे। कोरोना को हराने वाले यह जांबाज अब प्रदेश के उन लोगों के लिए हिम्मत और हौंसला बढ़ाने का जज्बा पैदा कर रहे हैं, जो हाल फिलहाल कोरोना से पंजा लड़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने महामारी को मात देने वाले पांच योद्धाओं से संवाद किया और उनका हौसला बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कोरोना को हराने वाले पांच योद्धाओं से की बात, साझा किए अनुभव
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोरोना के खिलाफ युद्ध के असली सिपाहियों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया और अनुभव साझा किए। पांच लोगों से मुख्यमंत्री ने फोन पर बात कर आमजन से उनका साक्षात्कार कराया। साथ ही लोगों को लाॅकडाउन का कड़ाई के साथ अनुपालन करने के लिए सचेत किया। उन्होंने कहा कि अभी यह लड़ाई लंबी चल सकती है, लेकिन हर किसी को इसमें हौसले से आगे बढ़ने तथा घर में रहकर अच्छी आदतें विकसित करने की जरूरत है। लाकडाउन की इस अवधि में बुरी आदतों का परित्याग करना चाहिए, जिसके लिए यह समय बेहद उपयुक्त है।
सीएम से संवाद के दौरान पता चला कि महामारी से उबरी एक महिला अब कुछ छोटी सोच के लोगों से जूझ रही हैं। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रोहतक पीजीआइ में इलाज बहुत बढ़िया हुआ। शुरू में घबरा गई थी, लेकिन बाद में सब ठीक होता चला गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि गांव के कुछ लोग जीना हराम कर रहे हैं। दूध भी नहीं देते। किराये पर रहती हूं, लेकिन मकान भी खाली कराने की धमकी दे रहे हैं। गांव वाले कहते हैं कि बीमारी आ गई।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। वह खुद आज ही उपायुक्त से बात करेंगे। उन्होंने महिला को विश्वास दिलाया कि आपको कोई कुछ नहीं कहेगा। सीएम ने साथ ही लोगों से आह्वान किया कि महामारी की चपेट में आने वाले लोगों से अच्छा बर्ताव करें।
ठीक होकर लौटते ही बना दिया कंटेनमेंट जोन
गुरुग्राम के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को बताया कि पूरे प्रदेश में उनका दूसरा केस था। 9 मार्च को बीमारी के लक्षण दिखे तो वह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हो गए। 25 मार्च को उन्हें छुट्टी मिली है। उन्होंने शिकायत की कि जिस दिन मैं ठीक होकर लौटा, उसी दिन सोसाइटी को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया। इससे काफी लोग प्रभावित हो रहे हैं। सफदरजंग हॉस्पिटल से ही ठीक होकर लौटे फरीदाबाद के एक व्यक्ति ने कहा कि डॉक्टरों व नर्स का व्यवहार बहुत अच्छा था। ठीक होकर लौटने पर सोसाइटी ने भी बढ़िया से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।
न लें किसी तरह का कोई जोखिम
गुरुग्राम के एक व्यक्ति ने बताया कि कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आया तो वह परिजनों को लेकर चिंतित हो गए थे। उनके टेस्ट निगेटिव आए तो उन्हें थोड़ी राहत मिली। आज ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है। उन्होंने कहा कि कोई भी रिस्क भारी पड़ सकता है। गुरुग्राम की ही एक महिला ने बताया कि उनके बेटे मेहुल और लंदन से लौटी बेटी को कोरोना हो गया था। सेक्टर दस के सामान्य अस्पताल में इंतजामों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों अब पूरी तरह फिट हैं। फोर्टिस अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिल गई है।
सीएम बोले 30 अप्रैल तक बढ़ सकता लॉकडाउन
मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ने के संकेत देते हुए कहा कि इस समय का हमें सदुपयोग करना चाहिए। प्रदेश कि मौजूदा स्टेटस रिपोर्ट देते हुए उन्होंने बताया कि 20 हजार लोगों की निगरानी की जा रही है। करीब चार हजार लोगों के टेस्ट लिए गए थे, जिनमें से 180 पॉजिटिव आए। इनमें से 36 ठीक हो चुके हैं। पूरा भरोसा है कि जो संक्रमित लोग अस्पतालों में हैं, वह भी ठीक होकर लौटेंगे।
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