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हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी सैलजा के समानांतर कुलदीप बिश्नोई ने खींची अलग लाइन

हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई जलपान कार्यक्रम आयोजित कर फिर से राजनीति में सक्रियता दिखाने की तैयारी में हैं। कांग्रेस हाईकमान से इशारा मिलने के बाद वह गतिविधियां बढ़ाएंगे। इसके लिए कुलदीप बिश्नोई द्वारा रोडमैप तैयार कर लिया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 03:10 PM (IST)
हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी सैलजा के समानांतर कुलदीप बिश्नोई ने खींची अलग लाइन
कुलदीप बिश्नोई, भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी सैलजा की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। कांग्रेस हाईकमान का इशारा मिलते ही अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई एक बार फिर हरियाणा में अपनी गतिविधियां बढ़ाने वाले हैं। कुलदीप पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं और हिसार व भिवानी से सांसद रह चुके हैं। फिलहाल अपने पिता स्व. भजनलाल की परंपरागत सीट आदमपुर का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भजनलाल ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिनकी गैर जाट होने के बावजूद जाटों समेत तमाम बिरादरियों में स्वीकार्यता थी। कुलदीप बिश्नोई भी अपने पिता की राह पर हैं।

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कुलदीप के राजनीतिक विरोधी प्रदेश में कुछ समय के लिए उनकी गैरमौजूदगी पर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन वह विदेश में इलाज के लिए गए हुए थे। अब पूरी तरह से फिट कुलदीप जहां अपने विधानसभा क्षेत्र आदमपुर और संसदीय क्षेत्र हिसार में सक्रियता बढ़ाएंगे, वहीं पूरे प्रदेश में जलपान कार्यक्रम आयोजित करने वाले हैं। कुलदीप पहले कई बार ट्रैक्टर व पदयात्राएं कर चुके हैं। पिछले दिनों जब कांग्रेस में अंदरूनी घमासान चरम पर था, उस समय कुलदीप को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपने की चर्चाएं बड़ी तेजी के साथ चली, लेकिन बीच में बरोदा उपचुनाव आ जाने और अब वहां कांग्रेस की जीत के बाद प्रदेश में फिर नए राजनीतिक समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके राज्यसभा सदस्य बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा 13 दिसंबर को गोहाना में राज्यस्तरीय रैली करने के बाद प्रदेश के दौरे शुरू करेंगे। इसके तुरंत बाद कुलदीप बिश्नोई के राज्यस्तरीय कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। कभी हुड्डा के नेतृत्व को नकार देने वाले कुलदीप अब उनके भरोसेमंद साथियों में गिने जाते हैं, लेकिन साथ ही दिल्ली दरबार की राजनीति करने वाली कु. सैलजा के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं। कांग्रेस के नए प्रभारी विवेक बंसल से उनकी पार्टी के तमाम मसलों पर औपचारिक बातचीत हुई है, जिसके बाद कुलदीप न तो अपने पत्ते खोल रहे और न ही पार्टी के किसी नेता के हक या विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मित्रमंडली में शामिल कुलदीप बिश्नोई हाईकमान के फैसले का इंतजार किए बिना धरातल पर काम करने में जुटे हैं। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जाता है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर कुलदीप की दावेदारी हुड्डा खेमे को रास आती है, जबकि हुड्डा खेमे के खिलाफ सैलजा गुट कुलदीप को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की सोच रखता है। रणदीप सुरजेवाला दिल्ली की राजनीति में अच्छा खासा दखल रखते हैं। ऐसे में हुड्डा या सैलजा से किसी तरह के विवाद के बिना कुलदीप ने अपनी अलग लाइन खींचते हुए राजनीतिक गतिविधियों को तेज करने का निर्णय लिया है।

चंडीगढ़ पहुंचे कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि सभी कांग्रेस नेता एकजुट हैं और सबकी मंशा पार्टी की मजबूती है। सभी का लक्ष्य भी एक ही है कि भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार को सत्ता से बाहर करते हुए कांग्रेस को वापस सरकार में लाना है। इसके लिए हर कोई अपने-अपने ढंग से काम कर रहा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जल्द ही प्रदेशभर में दौरे-जलपान कार्यक्रम आरंभ होंगे। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। हाईकमान के दिशा-निर्देशों से जुड़े सवाल पर कुलदीप ने कहा कि पार्टी की बातें पार्टी के प्लेटफार्म पर ही ठीक रहती हैं, लेकिन इतना तय है कि हम सब मिलकर गठबंधन सरकार की खामियों के विरुद्ध बड़ा जनांदोलन खड़ा करने वाले हैं।


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