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राई खेल विश्वविद्यालय में कपिल देव ही सर्वेसर्वा नहीं, राज्यपाल का रहेगा हस्तक्षेप

हरियाणा के राई में स्थित खेल विश्‍वविद्यालय को लेकर राज्‍य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब पूर्व क्रिकेटर कपिलदेव इसके सर्वेसर्वा नहीं होंगे बल्कि राज्‍यपाल भी इसके कामकाज में हस्‍तक्षेप कर सकेंगे। इस संबंध में नया विधेयक विधानसभा के पिछले दिनों समाप्‍त बजअ सत्र में लाया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 09:46 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 09:46 AM (IST)
राई खेल विश्वविद्यालय में कपिल देव ही सर्वेसर्वा नहीं, राज्यपाल का रहेगा हस्तक्षेप
हरियाणा के राज्‍यपाल सत्‍यदेव नारायण आर्य औ पूर्व क्रिकेटर कपिलदेव की फपाइल फोटो।

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। सोनीपत के राई में स्थित खेल स्कूल को विश्वविद्यालय बनाने का रास्ता साफ होने वाला है। हरियाणा विधानसभा के पिछले दिनों समाप्‍त हुए बजट सत्र में दोबारा विधेयक पेश किया गया। इससे पहले भी 2019 में विधेयक पारित किया गया था, लेकिन यूजीसी इसे वापस कर दिया था।

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अब विधानसभा में हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2021 पेश कर दिया गया। विधेयक पारित होने पर खेल विश्वविद्यालय प्रदेश में न केवल कहीं पर भी खेल महाविद्यालय, क्षेत्रीय केंद्र, दूरस्थ केंद्र और अध्ययन केंद्र बना सकता है, बल्कि सरकार की अनुमति से दूसरे राज्यों में भी दूरस्थ कैंपस और अध्ययन केंद्र स्थापित कर सकेगा। नए विधेयक के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ही इस विश्वविद्यालय में सर्वेसर्वा नहीं होंगे। अब उनके ऊपर भी कुलाधिपति काम करेंगे।

केंद्र की आपत्तियों को दूर करते हुए प्रदेश सरकार ने विधानसभा में पेश किया खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक

इससे पहले अगस्त 2019 में भी प्रदेश सरकार ने हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। केंद्र सरकार की आपत्ति के चलते प्रदेश सरकार को यह विधेयक वापस लेना पड़ा। केंद्र सरकार की आपत्ति यह थी कि राज्यपाल को दरकिनार करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव को सीधे चांसलर बना दिया गया। सेलेक्शन कमेटी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के किसी प्रतिनिधि को भी जगह नहीं दी गई।

कपिल देव को चांसलर बनाने में यूजीसी की सहमति नहीं लेने पर केंद्र ने दी थी पुनर्विचार की हिदायत

केंद्र सरकार की आपत्तियों को दुरुस्त करते हुए अब नए सिरे से विधेयक लाया गया है जिसे विधानसभा में  पारित भी कर दिया गया। प्रदेश के राज्यपाल खेल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। एक कुलपति होगा जो विश्वविद्यालय का प्रधान कार्यपालक और शैक्षणिक अधिकारी होगा तथा विश्वविद्यालय के समस्त क्रियाकलापों पर नियंत्रण रखेगा।


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