पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में फैसला आज
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत शुक्रवार को फैसला सुनाएगी।
-पुलिस ने सुरक्षा प्रबंध किए तगड़े, हर तरफ पुलिस तैनात
-कोर्ट परिसर रहेगा सील, केवल वकीलों की होगी एंट्री
-जिनके केसों की सुनवाई होगी, वे डिटेल देने के बाद ही जा पाएंगे
-वैला बिस्टा से माजरी चौक तक सड़क रहेगी सील जागरण संवाददाता, पंचकूला : पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत शुक्रवार को फैसला सुनाएगी। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम वीडियो कांफ्रें¨सग से सुनारिया जेल रोहतक से ही पेश होगा, जबकि जमानत पर चल रहे आरोपित कोर्ट में हाजिर होंगे। फैसला आने के बाद किसी तरह का माहौल न बिगड़े, इसके लिए पंचकूला पुलिस द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। 4 पुलिस बटालियन पंचकूला में तैनात कर दी गई हैं। विशेष जज जगदीप सिंह की सिक्योरिटी टाइट
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप ¨सह को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट परिसर में लाया जाएगा। जिसके बाद कोर्ट की सुनवाई में जज अपना फैसला सुनाएंगे। डीसीपी कमलदीप गोयल पूरी सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे हैं। कई डीएसपीज और इंस्पेक्टरों के नेतृत्व में अलग-अलग जगहों पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है। डीसीपी कमलदीप गोयल ने बताया कि चार पुलिस बटालियनों को तैनात किया गया है। वेला बिस्टा चौक से माजरी चौक तक सड़क बंद रहेगी। कोर्ट परिसर को सील रखा जाएगा। केवल वकीलों और जिनके केसों में शुक्रवार की तिथि लगी है, उन्हें पूरी चे¨कग के बाद ही जाने देंगे। इसके अलावा विभिन्न सेक्टरों में नाकेबंदी की गई है। शहर के आने और जाने वाले इलाकों, बस स्टैंड, अस्पताल और सार्वजनिक स्थानों पर विशेष नजर रखी जा रही है। कानून व्यवस्था को किसी भी हालत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। डीसीपी ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि पंचकूला में कहीं पर भी डेरा अनुयायी इकट्ठा हों। नाम चर्चा घरों में हालांकि किसी के आने-जाने पर रोक नहीं है, परंतु फिर भी पुलिस निगरानी रख रही है। जींद के रहने वाले हैं जगदीप सिंह
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप ¨सह द्वारा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में फैसला सुनाएंगे। बता दें कि मूल रूप से जींद के रहने वाले जगदीप ¨सह ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में सुनवाई के बाद दोषी करार दिया था और 20 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में राम रहीम के खिलाफ लगभग 16 साल तक केस चला। सीबीआइ मामले में पेश कर चुकी है 46 गवाह
राम रहीम की मुश्किलें बढ़ेंगी, क्योंकि उसके खिलाफ सीबीआइ द्वारा कई तथ्य रखे गए हैं। राम रहीम के ड्राइवर खट्टा ¨सह ने भी उसके खिलाफ ही गवाही दी थी। इस मामले में सीबीआइ की ओर से 46 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर 21 गवाह पेश किए गए थे। हत्या के चश्मदीद रामचंद्र के बेटे अंशुल और अदिरमन थे। जिन्होंने कोर्ट में आंखों देखी बयां की थी। इसके अलावा हत्या के षड्यंत्र के बारे में गवाह खट्टा ¨सह ने कोर्ट में बयान दिए थे। साथ ही डॉक्टरों की भी गवाहियां हुई थी। बचाव पक्ष की दलीलें थी कि राम रहीम का पहली बार 2007 में केस में सामने आया था। साथ ही किसी भी आरोपित की पहचान नहीं हुई थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने की थी मामले की जांच
मामले की जांच डीएसपी सतीश डागर और डीआइजी एम नारायणन ने की थी। कोर्ट में केस को साबित करने के लिए एडवोकेट एचपीएस वर्मा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इस मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के अलावा कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल ¨सह पर हत्या का आरोप है।