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कोरोना संकट में खुला नौकरियों का पिटारा, हरियाणा के प्राथमिक स्कूलों में भर्ती होंगे 5695 जेबीटी

कोरोना संकट केे बीच हरियाणा में नौकरियों की बारिश होगी। राज्य सरकार प्राथमिक स्‍कूलों मेंं 5695 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:31 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:31 AM (IST)
कोरोना संकट में खुला नौकरियों का पिटारा, हरियाणा के प्राथमिक स्कूलों में भर्ती होंगे 5695 जेबीटी
कोरोना संकट में खुला नौकरियों का पिटारा, हरियाणा के प्राथमिक स्कूलों में भर्ती होंगे 5695 जेबीटी

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में कोरोना संकट केे बीच नाैकरियों का पिटारा खुल गया है। राज्‍य में सात साल बाद प्राथमिक स्कूलों में जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती की तैयारी है। कोरोना काल में करीब 12 हजार करोड़ रुपये के नुकसान के बावजूद प्रदेश सरकार दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ 5695 पदों पर नियुक्ति की कवायद शुरू की है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) से संबंधित जिलों में प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है। अगले महीने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास रिक्त पदों पर भर्ती के लिए सिफारिश भेजी जाएगी।

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मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईईओ से मांगा रिक्त पदों का ब्योरा

प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के कुल 41 हजार 273 स्वीकृत पद हैं। प्राइमरी स्कूलों में फिलहाल 29 हजार 550 पदों पर स्थायी शिक्षक तैनात हैं, जबकि छह हजार 28 अतिथि अध्यापक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। कानूनी अड़चनों के चलते अभी तक अतिथि अध्यापकों के पदों को रिक्त मानकर भर्तियां की जा रहीं थी, लेकिन अब प्रदेश सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित कर 58 वर्ष तक के लिए इनकी नौकरी सुरक्षित कर दी है। इसके चलते बाकी के 5695 पदों को रिक्त माना गया है।

एचएसएससी को नई भर्ती के लिए संस्तुति, 6028 अतिथि अध्यापकों के पदों को नहीं माना जाएगा रिक्त

हाल ही में एडवोकेट जनरल कार्यालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहे कृष्णा देवी एवं अन्य बनाम प्रदेश सरकार के मामले में अदालत को बताया कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सभी जिलों से रिक्त पदों का डाटा जुटाया जा रहा है। इसके बाद कंपाइल रिपोर्ट तैयार कर मौलिक शिक्षा विभाग भर्ती के लिए एचएसएससी को पत्र लिखेगा और नई भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

नौकरी से हटाये 1983 पीटीआइ को झटका, रही-सही उम्मीदें भी खत्म

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में वर्ष 2010 में भर्ती हुए 1983 शारीरिक शिक्षकों (पीटीआइ) की बहाली की रही-सही उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विगत आठ अप्रैल को भर्ती में अनियमितता के चलते नौकरी से निकालने के आदेश पर पुनर्विचार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।

इसके साथ ही 1 और 2 जून को निकाले गए इन शारीरिक शिक्षकों के पास अब कोई दूसरा चारा नहीं बचा है। हालांकि जो पीटीआइ कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नए सिरे से शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया पास कर लेंगे, उनकी नौकरी बहाल हो जाएगी। एक सप्ताह से धरने पर बैठे पीटीआइ सरकार से मांग कर रहे कि कोई विधायी प्रक्रिया अपना कर उनकी नौकरी सुरक्षित की जाए।

कोरोना काल में सिरे चढ़ी कई भर्ती प्रक्रिया

महामारी के चलते एक साल के लिए भर्तियों पर रोक लगाने के फैसले को बदलते हुए प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों न केवल डेढ़ हजार जूनियर इंजीनियर की ज्वाइनिंग सहित पांच साल से अटकी भर्तियों के नतीजे घोषित किए हैं, बल्कि ग्रुप-डी के 2949 पदों पर प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग शुरू हो गई है। जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से नई भर्तियों का सिलसिला शुरू होगा।


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