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हरियाणा में गैर एचसीएस अफसरों को IAS बनाने का मामला फिर गर्माया, हाई कोर्ट पहुंचा विवाद

हरियाणा में गैर एचसीएस अफसरों को आइएएस अधिकारी बनाने का मामला फिर गर्मा गया है। यह पूरा मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। हरियाणा वन सेवा का अधिकारी आइएएस बनने का पात्र नहीं ने अपना आवेदन खारिज करने को हाई कोर्ट में चुनौती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 03:19 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 03:19 PM (IST)
हरियाणा में गैर एचसीएस अफसरों को IAS बनाने का मामला फिर गर्माया, हाई कोर्ट पहुंचा विवाद
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन।  हरियाणा में गैर एचसीएस अधिकारियों को आइएएस अफसर बनाने का मामला फिर गर्मा गया है। पूरा मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। हरियाणा वन सेवा के अधिकारी ने इस संबंध में अपना आवेदन खारिज किए जाने को हाई काेर्ट में याचिका दायर किया है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में हरियाणा सरकार, संघ लोक सेवा आयोग तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। य‍ह याचिका हरियाणा वन सेवा के अधिकारी व (नूंह) मेवात के डिविजनल फोरेस्ट आफिसर विजेंद्र सिंह ने दायर की है।

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 हरियाणा वन सेवा का अधिकारी आइएएस बनने का पात्र नहीं, कोर्ट में चुनौती

विजेंद्र सिंह ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि वह हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अधिकारी न होने के नाते नान एचसीएस से आइएएस में आवेदन के योग्य है, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया। विजेंद्र ने हाई कोर्ट में बताया कि उसका दिसंबर 2004 में हरियाणा वन सेवा के लिए चयन हुआ था। हरियाणा वन सेवा ग्रुप बी की सेवा है और वह वर्तमान में नूंह (मेवात) में डिविजनल फोरेस्ट आफिसर के पद पर तैनात हैं।

हाई कोर्ट ने यूपीएससी व एचपीएससी को नोटिस जारी किया मांगा जवाब

हरियाणा लोक सेवा आयोग ने जून माह में  गैर एचसीएस से आइएएस के पांच पदों के लिए आवेदन मांगे थे। याचिकाकर्ता ने नियमों के अनुसार, आनलाइन आवेदन किया, लेकिन उसको अयोग्य मान कर उसका आवेदन खारिज कर दिया गया, क्योंकि वह राज्य स्तरीय सेवा के अधिकारी हैं। इसके खिलाफ याची ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) मे याचिका दायर कर अंतरिम राहत की मांग की। विजेंद्र सिंह गैर एचसीएस से आइएएस बनाने की परीक्षा में याचिका विचाराधीन रहने तक प्रोविजनल तौर पर बैठने की मांग की, लेकिन कैट ने उसे कोई अंतरिम राहत न देते हुए केवल प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

कैट से किसी भी तरह की राहत न मिलने के कारण अब याची ने हाई कोर्ट से इस बाबत गुहार लगाई है। याची ने कोर्ट को बताया कि इस बाबत 8 अगस्त को परीक्षा भी आयोजित हो गई लेकिन याची योग्य होते हुए भी यह परीक्षा देने से वंचित रह गया। याची ने हाई कोर्ट से मांग कि वह याचिका विचाराधीन रहने तक इस परीक्षा के परिणाम पर रोक लगाई जाए व याची के लिए पूरक परीक्षा का आयोजन किया जाए।

याची के वकील की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस जसवंत सिंह व जस्टिस संत प्रकाश की बेंच ने हरियाणा सरकार, संघ लोक सेवा आयोग व हरियाणा लोक सेवा आयोग को 29 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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