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अंतरराज्यीय कार चोर गिरोह का भंडाफोड़, RTA कर्मियों की मदद से ऐसे चलता था कारोबार

STF ने RTA कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर चोरी के वाहन बेचने वाला अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा है। इनसे 14 लग्जरी कारें बरामद की गई हैंं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 10:56 AM (IST)
अंतरराज्यीय कार चोर गिरोह का भंडाफोड़, RTA कर्मियों की मदद से ऐसे चलता था कारोबार
अंतरराज्यीय कार चोर गिरोह का भंडाफोड़, RTA कर्मियों की मदद से ऐसे चलता था कारोबार

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) ने क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर चोरी के वाहन बेचने वाला अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा है। महम परिवहन प्राधिकरण के दो कर्मचारियों सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर करोड़ों रुपये की 14 लग्जरी कारें बरामद की गई हैं। इनमें छह फार्च्यूनर, चार इनोवा, तीन महिंद्रा स्कॉर्पियो और एक ब्रेजा कार शामिल हैं।

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STF के डीआइजी सतीश बालन ने बताया कि दादरी के प्रेम नगर निवासी परवीन कुमार को चोरी की कार के साथ पकड़ा गया, जबकि अन्य 13 वाहन विभिन्न स्थानों से बरामद हुए। महम स्थित परिवहन अथॉरिटी में कार्यरत एमआरसी अनिल कुमार व कंप्यूटर ऑपरेटर सोमबीर को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सदस्य वाहन के चेसिस और इंजन नंबर को बदलकर जाली दस्तावेजों के आधार पर पंजीकृत कराकर बेच देते थे।

डीआइजी बालन ने बताया कि आरोपितों ने विभिन्न प्राधिकरणों से 500 से अधिक वाहनों का पंजीकरण कराना स्वीकार किया है। गिरोह में शामिल दूसरे लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं। मुख्य आरोपित अमित और रमेश चंडीगढ़ जेल में हैं जिन्हें 3 जुलाई को STF द्वारा प्रोडक्शन रिमांड पर लाया जाना है।

ऐसे चलता था वाहन चोरों का खेल

1. परवीन कुमार चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त का काम करता है। वह चोरी की गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबर को बदलकर अथॉरिटी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर खरीदार के नाम पर पंजीकृत करा देता था। उसके अन्य साथी पहले उन खाली नंबरों का पता लगाते थे जिनकी फाइलें वाहन प्राधिकरण द्वारा नष्ट कर दी गई हैं। इसके बाद वाहनों को पंजीकृत कर बेच दिया जाता था।

2. महम में एमआरसी क्लर्क अनिल कुमार पंजीकरण प्रमाणपत्र, बैक लॉग एंट्री, डुप्लीकेट आरसी और ट्रांसफर आरसी का काम करता है। नकली और जाली कागजात पर वाहनों के पंजीकरण के लिए पद के दुरुपयोग से ऐसे वाहनों को ट्रेस करना लगभग असंभव हो गया था।

3. महम कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर सोमबीर आरोपितों की मदद करता था। इस संबंध केस दर्ज किया गया है।

4. चंडीगढ़ जेल में बंद अमित और रमेश चुराए गए वाहनों को चोरों से प्राप्त कर इंजन व चेसिस नंबर बदलवाते थे। 

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