कुत्ते को गली में घुमाया तो जमानत होगी रद, हरियाणा का रोचक मामला पहुंचा हाई कोर्ट
हरियाणा के बहादुरगढ़ का कुत्ते को गली में घुमाने और मल त्याग कराने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट ने कुत्ते के मालिक से कहा है कि अब उसने कुत्ते को गली में घूमाया तो उसे मिली जमानत रद होगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के बहादुरगढ़ में पालतू कुत्ते को गली में घुमाने का विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। पालतू कुत्ते को गली में घुमाने व मल करवाने के कारण हुए विवाद में गोली चलाने के कारण उसके मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हाई कोर्ट ने सोमवार को उसे जमानत तो दे दी, लेकिन कहा कि उसने फिर कुत्ते को गली में घुमाया और मल त्याग कराया तो जमानत रद होगी।
जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने शर्त रखी है कि याचिकाकर्ता इस बीच अपने कुत्ते को गली में नहीं घुमाएगा। हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता को छूट दी कि अगर कुत्ते का मालिक अपने कुत्ते को गली में घुमाने लाता है तो वह उसकी जमानत रद करवाने को लेकर अर्जी दायर कर सकता है। झज्जर जिले के बहादुरगढ़ शहर के आर्यनगर के रहने वाले नवीन को जमानत देते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने यह आदेश दिए हैं।
कुत्ते को गली में घुमाने व मल करवाने के कारण हुई लड़ाई में नवीन ने अपने पड़ोसियों पर कथित रूप से फायरिंग की थी। नवीन, उसके भाई और पिता के खिलाफ 5 मई को हमला कर घायल करने, हत्या के प्रयास , आपराधिक धमकी देने के आरोप और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि नवीन ने अपने पड़ोसी तटरक्षक बल में सेवारत एक रक्षाकर्मी विकास और उसकी पत्नी पर कथित रूप से हमला कर उनको घायल किया।
एफआइआर के अनुसार, शिकायतकर्ता विकास ने नवीन के स्वजनों द्वारा गली में कुत्ते को घुमाने व गली में मल करवाने पर आपत्ति जताई थी। उसका कहना था इससे गली में गंद फैल रहा था। आरोप है कि इस पर कहासुनी के दौरान नवीन ने अपनी पिस्तौल से दो गोलियां चलाईं। इसमें विकास की हथेली और उसकी पत्नीकी कोहनी पर चोट लगी। आरोपितों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
जमानत के लिए नवीन ने हाई कोर्ट में याचिका दासर की। नवीन के अनुसार उसने आत्मरक्षा में लाइसेंसी पिस्तौल से गाली चलाई, क्योंकि विकास और उसका परिवार नवीन के पिता और भाई पर हमला कर रहा था। उन्होंने अपने सिर और हाथ पर चोटों के निशान भी दिखाए। आरोप लगाया था कि पुलिस ने शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि नवीन को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह फिर से शस्त्र का दुरुपयोग कर सकता है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता 5 मई से हिरासत में है। जांच पूरी हो गई है और यह जांच के दौरान तय किया जाना है कि हमलावर पक्ष कौन था। हाईकोर्ट ने जमानत के लिए तीन शर्त तय करते हुए आदेश दिया कि नवीन 15 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता विकास और उसकी पत्नी सुनीता के पक्ष में 50 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट इलाज के लिए देगा। जब तक यह मामला खत्म नहीं होता, तब तक नवीन का लाइसेंसी हथियार पुलिस के पास रहेगा। इसके अलावा याची अपने कुत्ते को गली में घुमाने व मल करवाने नहीं ले जा सकेगा। अगर वह ऐसा करेगा तो उसकी जमानत रद करने की शिकायतकर्ता को अर्जी दायर करने की छूट रहेगी।
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