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हरियाणा सीएम मनाेहरलाल बोले - मुफ्त चीजें देने की बजाय लोगों को पैरों पर खड़ा कर रही सरकार

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में 11 विधेयक पारित कराए गए। विधानसभा में गरमागरम बहस का मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने जवाब दिया और विपक्षी दल कांग्रेस के सवालों के उत्‍तर में दिए। उन्‍होंने कहा कि सरकार मुफ्त चीजें देने के बदले लोगों को अपने पैर पर खड़ा कर रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 09:50 AM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 09:50 AM (IST)
हरियाणा सीएम मनाेहरलाल बोले - मुफ्त चीजें देने की बजाय लोगों को पैरों पर खड़ा कर रही सरकार
हरियाणा विधानसभा में मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल। (स्रोत-हरियाणा डीपीआर)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के तीन दिन चले मानसून सत्र में कुल 11 विधेयक पारित किए गए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विपक्ष ने कुछ विधेयकों को समिति के पास भेजने की मांग कर हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन उनकी शंकाओं को दूर करते हुए कुछ विधेयकों में जरूरी सुधार कर उन्हें पारित किया गया। हम लोगों को मुफ्त चीजें देने की बजाय उन्हें पैरों पर खड़ा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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मानसून सत्र में 11 विधेयक हुए पारित, विपक्ष ने केवल खिलाफत के लिए की आलोचना

मानसून सत्र समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विपक्ष को विधेयकों में त्रुटियों को इंगित करने का मौका दिया, लेकिन उन्होंने पुरानी आदत के चलते केवल खिलाफत करने के लिए ही आलोचना की। भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक से विकास परियोजनाओं, आवश्यक और आपातकालीन परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने में मदद मिलेगी। भूमि मालिकों को न्यायोचित मुआवजा प्रदान करने तथा भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता में संतुलन बनाने के लिए यह विधेयक पारित किया गया है।

परिवार पहचान विधेयक का मुख्य उद्देश्य लाभ, सब्सिडी, योजनाओं और सेवाओं के वितरण के लिए लाभार्थियों और प्राप्तकर्ताओं की पहचान करना है। कई बार अपात्र लाभार्थी सरकारी योजनाओं का लाभ ले जाते हैं, जबकि पात्र व्यक्ति वंचित रह जाते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल और प्रधान मीडिया सलाहकार विनोद मेहता भी मौजूद रहे।

विधायकों ने उठाए जनहित के मुद्दे

मानसून सत्र में सभी दलों के विधायक अपने दल और पद से ऊपर उठकर जनहित के मुद्दों पर मुखर रहे। विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी अपने क्षेत्रों से संबंधित भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते हुए गंभीरता दिखाई। कई विधायकों ने तो यहां तक कह दिया कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ रहा है सत्र के दौरान किसान संगठनों के आंदोलन पर भाजपा-जजपा गठबंधन और कांग्रेस का रुख पहले जैसा ही रहा। सत्र के दौरान कोरोना काल में हुई मौतों, पेपर लीक होने पर कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया रद और परिवार पहचान पत्र के आंकड़े सुरक्षित रखने को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मोर्चा संभाला तो विपक्ष की तरफ से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, किरण चौधरी, गीता भुक्कल और बीबी बत्रा ने सत्तापक्ष पर हमला बोला।

सदन की कार्यवाही के दौरान निर्दलीय विधायक भी सक्रिय रहे। निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने अपने विधानसभा क्षेत्र के गांव छायंसा में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज में ओपीडी शुरू कराने की मांग रखी। निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने गुरुग्राम नगर निगम के भ्रष्टाचार से लेकर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।

विधायक गीता भुक्कल ने बीके कुठियाला को शिक्षा विभाग में जिम्मेदारी पर सवाल उठाए। बाक्स विधायकों को पूरे विवरण से मिलें जवाब कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा ने अहम मुद्दा खड़ा किया कि विधायकों की तरफ से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब विवरण के साथ नहीं दिए जाते। उनके निर्वाचन क्षेत्र रोहतक में बरसात के दिनों दो फुट तक सड़कों पर जलभराव हो जाता है मगर सरकार ने उनके सवाल को एक तरह से टाल दिया।

जजपा विधायक जोगीराम सिहाग ने कह दिया कि सरकार का यह कहना गलत है कि बरवाला नगर पालिका ही बड़ी परियोजनाओं के डिजाइन तैयार करेगी। पालिका में अधिकारी ही नहीं हैं तो डिजाइन कहां से तैयार होगा।बाक्स भाजपा विधायक हुए भ्रष्टाचार पर हमलावर भाजपा विधायक सुधीर सिंगला ने गुरुग्राम नगर निगम और विधायक नरेंद्र गुप्ता ने फरीदाबाद नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। सत्तापक्ष के इन विधायकों की वजह से भ्रष्टाचार के मुद्दे उठा रहे कांग्रेस विधायकों को बल भी मिला। विधानसभा में किसान संगठनों के आंदोलन पर विपक्षी सदस्य एकजुट दिखाई दिए। निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने किसान संगठनों के आंदोलन को खत्म करवाने के लिए सरकार से पहल करने की मांग की।

जीएमडीए और आवासीय संघों से नाराजगी

बादशाहपुर के निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। दौलताबाद ने कहा कि 2017 में जीएमडीए का एक्ट बना था, जिसमें क्लाज नंबर 47 में प्रविधान है कि तीन साल बाद एक कमेटी बनेगी, जिसमें पूरे देश के एक्सपर्ट होंगे, जो कि सर्वांगीण विकास की दिशा बताएंगे। तीन साल से आठ माह ऊपर हो चुके हैं। लेकिन अभी तक कमेटी नहीं बनी है। जीमडीए काफी धीमी गति से काम कर रहा है।

राकेश ने एचआरएसएस एक्ट में बदलाव के लिए प्राइवेट मेंबर बिल खारिज किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पांच हजार आवासीय संघ हैं। हम उनमें भ्रष्टाचार रोकना चाहते हैं और हमारे बिल को मनी बिल कहकर खारिज कर दिया गया है। 

काम में बाधा डालना हुड़दंग की परिधि में

घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण ने किसान आंदोलन के नाम पर हुई तोड़फोड़ व कुछ लोगों द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्रियों सहित अन्य जनप्रतिनिधियो के कामों में बाधा डालने पर सदन में राजनीति से ऊपर उठ कर चिंतन करने की बात कही। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों से अपील की कि इस विषय पर गंभीर चर्चा करके यह तय किया जाना चाहिए कि विरोध की परिभाषा क्या है तथा उसकी सीमा भी सर्वसम्मति से तय हो, ताकि किसी भी आंदोलन में विरोध की गतिविधियाँ अगर उस सीमा से आगे बढ़ती हैं तो उसे हुड़दंग की संज्ञा दी जा सके।

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