देवीलाल के बहाने जाटलैंड में इनेलो बजाएगा चुनावी बिगुल, मायावती पर टिकी हैं नजरें
इनेलो आज जाटलैंड गोहाना से हरियाणा में अगले साल होनेवाले चुनाव के लिए बिगुल बजाएगा। इस रैली में बसपा सुप्रीमो के शामिल होने पर सबकी नजर लगी है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। देश की सियासत में कांग्रेस मुक्त शासन की नींव रखने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की जयंती मनाने के बहाने इनेलो रविवार को चुनावी दांव खेलने की तैयारी में है। इनेलो-बसपा गठबंधन के बाद जाटलैंड गोहाना में अाज पहली बार हो रही यह रैली के चुनावी घोषणाओं से भरपूर होने की संभावना है। अगले साल लोकसभा चुनाव है। इनेलो विधानसभा चुनाव भी साथ होने की तैयारी के साथ मैदान में है। लिहाजा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की मौजूदगी में गोहाना की रैली में इनेलो पार्टी अपना घोषणापत्र जारी कर सकती है। इसके साथ ही रैली को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती पर सबकी निगाहें रहेंगी। इनेलो नेताआें ने मायावती के रैली में शामिल होने की घोषणा की थी।
इनेलो-बसपा गठबंधन के बाद पहली बार हो रही राज्य स्तरीय रैली, भाजपा-कांग्रेस की खास निगाह
हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके ताऊ देवीलाल की 25 सितंबर को 105 वीं जयंती थी। इस दिन भारी बरसात के चलते गाेहाना में होनेवाली रैली स्थगित कर दी गई। अब यह रैली रविवार को गोहाना में ही होने जा रही है। 25 सितंबर की रैली के स्थगित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला फरलो पर बाहर आ गए। इनेलो को इसका बड़ा फायदा मिला है। कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए चौटाला हालांकि रैली में कोई राजनीतिक बात नहीं करेंगे, लेकिन इनेलो नेताओं का मानना है कि उनकी उपस्थिति ही पार्टी कार्यकर्ताओं में नए जोश का संचार करेगी।
अभय चौटाला के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती।
फरलो पर जेल से आए ओमप्रकाश चौटाला होंगे शामिल, लोभा चुनाव से पहले इनेलो की आखिरी बड़ी रैली
इनेलो की इस रैली के कई राजनीतिक मायने हैं। सोनीपत व रोहतक के बीच पड़ने वाली गोहाना की जाटलैंड में रैली कर इनेलो जाटों में अपनी राजनीतिक पकड़ साबित करने की कोशिश करेगा। इसके साथ ही वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सत्तारूढ़ भाजपा को भी खुली चुनौती देगा। यह इलाका कभी इनेलो का गढ़ माना जाता था, लेकिन दस साल तक सत्ता में रहे हुड्डा ने यहां अपना कब्जा जमा लिया। इनेलो अब हुड्डा की तरफ मुड़ा अपना वोटबैंक वापस लाने की जुगत में है। इस रैली में इनेलो के पास ओमप्रकाश चौटाला की मौजूदगी का प्लस प्वाइंट है।
बेटे अभय चौटाला के साथ पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला।
दो दिन बाद यानी 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बुलावे पर जाटलैंड सांपला में दीनबंधु सर छोटू राम की प्रतिमा का अनावकरण करने आ रहे हैं। ऐसे में इनेलो अपनी रैली में अधिक से अधिक भीड़ जुटाकर सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देना चाहता है। सांपला की रैली की तैयारियों में पूरी भाजपा सरकार और संगठन जी जान से जुटा हुआ है। दोनों रैलियां जाटलैंड में हो रही हैं। दोनों पार्टी के नेताओं की इन दोनों रैलियों पर निगाह टिकी हुई है।
आठ बड़ी घोषणाएं होंगी इनेलो की गोहाना रैली में संभव
इनेलो चूंकि इस रैली को चुनाव से पहले की सबसे बड़ी आखिरी रैली मानकर चल रही है, ऐसे में कई बड़ी घोषणाएं संभव है। ओमप्रकाश चौटाला की मौजूदगी में इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला राज्य में किसानों का कर्ज माफ करने, किसान के खेत में इस्तेमाल होने वाली बिजली का पूरा बिल माफ करने, घर में इस्तेमाल होने वाली बिजली का आधा बिल माफ करने, पेंशन ढ़ाई हजार रुपये मासिक देने, एसवाईएल नहर का निर्माण कराने, हर घर से कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार देने तथा हरियाणा में व्यापारी आयोग गठित करने की बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं।
चाचा अभय चौटाला के साथ सांसद दुष्यंत चौटाला।
चाचा-भतीजे का राजनीतिक कद तय करेगी यह रैली
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और अजय सिंह चौटाला के जेल जाने के बाद विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने पार्टी को मजबूती के साथ खड़ा किया। उनका साथ इनेलो के सात बार अध्यक्ष बन चुके अशोक अरोड़ा, रामपाल माजरा, जसविंदर सिंह संधू और इनेलो संसदीय दल के नेता दुष्यंत चौटाला ने मजबूती के साथ दिया। अब अभय और दुष्यंत में तकरार व प्रतिद्वंद्विता की कयासबाजी सोशल मीडिया पर चल रही हैं। लेकिन, पार्टी और परिवार इस तरह की खबरों को खारिज करते हुए रविवार को एक मंच पर दिखाई देगा। ऐसे में यह रैली चाचा अभय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला का कद भी तय करेगी।
ओमप्रकाश चौटाला करेंगे देवीलाल के बाकी साथियों की कमी पूरी
इनेलो की ओर से ताऊ देवीलाल के तमाम पुराने साथियों को उनके जयंती समारोह में पहुंचने का निमंत्रण दिया गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती, प्रकाश सिंह बादल, मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, शरद यादव, फारुख अब्दुल्ला और तेलुगूदेशम पार्टी के नेताओं को रैली में बुलाया गया है। लेकिन, माना जा रहा है कि विभिन्न राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाने की वजह से इस नेताओं का स्वयं मंच पर दिखाई देना मुश्किल है। उनके प्रतिनिधि जरूर रैली में दिखाई देंगे। हरियाणा में चूंकि शिरोमणि अकाली दल बादल की ओर से सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया जा चुका है, ऐसे में बादल के भी पहुंचने की संभावना कम है।