हाई कोर्ट में बोली सरकार, सुरक्षा की जरूरत होती तो खुद को गोली मारने की चुनौती नहीं देते दलाल
हाई कोर्ट में दायर दलाल की याचिका पर सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल ने दलील दी कि दलाल को खतरा होता तो वह सिरसा में प्रेस कान्फ्रेंस कर खुद को गोली मारने की चुनौती नहीं देते।
जेएनएन, चंडीगढ़। पलवल विधानसभा क्षेत्र के विधायक करण सिंह दलाल की वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग को हरियाणा सरकार ने राजनीतिक स्टंट बताया है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर दलाल की याचिका पर सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने दलील दी कि दलाल को खतरा होता तो वह सिरसा में प्रेस कान्फ्रेंस कर खुद को गोली मारने की चुनौती नहीं देते। हाईकोर्ट ने फिलहाल हरियाणा सरकार के जवाब पर दलाल का प्रत्युत्तर मांगते हुए सुनवाई को 3 अक्तूबर तक स्थगित कर दिया है।
जस्टिस राकेश कुमार जैन की पीठ के समक्ष महाजन ने कहा कि दलाल को अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत नहीं है। उन्हें पहले से ही पर्याप्त सुरक्षा दी गई है। महाजन ने कहा कि पलवल के पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में गठित विशेष जांच टीम दलाल पर खतरे की आशंका से इनकार कर चुकी है।
दलाल ने अपनी याचिका में कहा है कि वह हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय पर चल रहे आय से अधिक संपत्ति के केस में गवाह हैं, इसलिए उनकी जान को खतरा है।
अपनी याचिका में उन्होंने दिल्ली पुलिस की उस रिपोर्ट का जिक्र किया है जिसमें दलाल को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था दिए जाने की बात कही गई है। इसके साथ ही दलाल ने हाल ही में अभय द्वारा उन्हें विधानसभा में और मीडिया में धमकियां दिए जाने की बात कही गई है।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा में पिछले दिनों सत्र के दौरान दलाल और चौटाला के बीच तीखी बहस हुई थी और दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अपने अपने जूते हाथ में ले लिए थे।