हुड्डा का पलटवार- बीरेंद्र ने भी कराए थे सीएलयू , अब वापस करें
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह पर तगड़ा पलटवार किया है। बीरेंद्र सिंह ने हुड्डा के दस साल के शासनकाल के सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) की जांच की मांग की मांग की थी। इस पर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए बीरेंद्र सिंह ने भी सीएलयू कराए थे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह पर तगड़ा पलटवार किया है। बीरेंद्र सिंह ने हुड्डा के दस साल के शासनकाल के सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) की जांच की मांग की मांग की थी। इस पर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए बीरेंद्र सिंह ने भी सीएलयू कराए थे।
हुड्डा ने यहां कहा कि सीएलयू विकास की धुरी होता है। जब सीएलयू नहीं होगा तो विकास परियोजनाएं कहां लगेंगी। सीएलयू कराना या करना बुरी बात नहीं है। बीरेंद्र सिंह भी चूंकि विकास चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपने कालेज और पेट्रोल पंप के लिए सीएलयू कराए थे। अब उन्हें लगता है कि सीएलयू गलत हुए थे तो अब उसे वापस कर देना चाहिए।
हुड्डा ने कहा, बीरेंद्र मेरे बड़े भाई हैं। मैैं यह नहीं कहता कि उनके सीएलयू गलत हुए थे, लेकिन उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिए। अपनी कमजोरी छिपाने के लिए दूसरों को बदनाम करना उचित नहीं है। सीएलयू हर सरकार करती है। इनेलो-भाजपा सरकार में भी सीएलयू हुए। अगर भाजपा सरकार सीएलयू न कर विकास की गति को खत्म करना चाहती है तो यह उसका फैसला हो सकता है।
हुड्डा ने कहा कि उनके कार्यकाल में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए 1069 सीएलयू, 148 सीएलयू इंस्टीट्यूशन, 336 पेट्रोल पंप और 114 रिटेल आउटलेट के लिए सीएलयू किए गए। उन्होंने भाजपा से सवाल पूछा कि अमेरिका व कनाडा से अगर कोई निवेश आता है तो क्या वह बिना सीएलयू के सिरे चढ़ जाएगा। उन्होंने कहा, बीरेंद्र सिंह की इच्छा मुख्यमंत्री बनने की थी। वह बनें, हमें कोई ऐतराज नहीं। जब वह सीएम बनेंगे, मैैं खुश होऊंगा।
हुड्डा ने बीरेंद्र के उस आरोप को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया है कि एसइजेड के लिए जमीनें अधिग्रहीत की गईं। हुड्डा ने कहा कि सरकार ने एक भी इंच जमीन एसइजेड के लिए अधिग्रहीत नहीं की। सेक्शन-4 व 6 के बाद भी जमीन रिलीज होती हैं, नियमों में इसका प्रावधान है। मौजूदा सरकार ने तो 3800 एकड़ भूमि सेक्शन-9 यानी अवार्ड होने के बाद भी रिलीज कर दी। अब इसका जवाब भाजपा सरकार दे कि यह जमीन किसके हितों को देखते हुए रिलीज की गई।
यह भी बोले हुड्डा
- कांग्रेस ने कभी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के प्रति सहमति नहीं जताई थी।
- हमने जमीन अधिग्रहण में किसानों की सहमति और मुआवजे में बदलाव का विरोध किया था। सिर्फ इतना कहा था कि जो केस अदालतों में चल रहे हैैं, उनका निपटारा जल्दी होना चाहिए।
- भाजपा ने ही भूमि अधिग्रहण का मुआवजा घटा दिया है। कांग्रेस राज्य में भूमि अधिग्रहण कानून की बैकडोर एंट्री नहीं होने देगी।
- भाजपा अब भी 'चुनावी मोड' से बाहर नहीं आ पाई। उसे लग रहा कि अभी भी चुनाव चल रहे हैं। अब एक साल हो गया है। भाजपा को कुछ करके भी दिखाना चाहिए।
- कांग्रेस की 'किसान सम्मान रैली' में हरियाणा से लाखों लोग पहुंचे। इससे साबित हो गया कि जनता केंद्र व हरियाणा की भाजपा सरकार से विमुख हो चुकी है।