Move to Jagran APP

आरपार के मूड में एचएसवीपी और मार्केट कमेटी, बकाया नहीं मिलने पर बंद होगी अपनी मंडी

आरपार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 07:18 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 07:18 PM (IST)
आरपार के मूड में एचएसवीपी और मार्केट कमेटी, बकाया नहीं मिलने पर बंद होगी अपनी मंडी
आरपार के मूड में एचएसवीपी और मार्केट कमेटी, बकाया नहीं मिलने पर बंद होगी अपनी मंडी

राजेश मलकानियां, पंचकूला : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और मार्केट कमेटी इस समय आरपार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। मार्केट कमेटी जहां एचएसवीपी का किराया, जोकि लगभग साढ़े 4 करोड़ बकाया है, वह देने के लिए तैयार नहीं है, वहीं, एचएसवीपी को किराया नहीं मिला, तो शहर में लगने वाली किसान सब्जी मंडी को बंद कर देगा। एचएसवीपी के संपदा अधिकारी आशुतोष राजन, जिनके पास हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कारपोरेशन फेडरेशन वीटा के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी का कार्यभार भी है, ने लोगों को परेशानी न हो, इसलिए सब्जियां वीटा बूथों पर ही उपलब्ध करवाने की तैयारी कर ली है। किसान मंडी बंद हुई, तो लोगों को दिक्कत होगी, यह बात मार्केट कमेटी के सचिव एवं अन्य अधिकारी अच्छे से जानते हैं, इसलिए वह किराया आसानी से देने वाले नहीं हैं। परंतु आशुतोष राजन पहले से ही पैनिक होने वाली स्थिति का अनुमान लगाते हुए वीटा बूथों पर सब्जियों उपलब्ध करवाने के लिए वीटा बूथ संचालकों की बैठक ले चुके हैं। वीटा बूथों पर सब्जियां बेचने के लिए सरकार से अनुमति लेने के लिए पत्र भी लिखा जा चुका है। सीएम से की हस्तक्षेप की मांग

loksabha election banner

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण निगम को मंडी बोर्ड से शहर में सब्जी मंडियों के लगाने के लिए जमीन का किराया वसूल करना है और दूसरी तरफ मार्केट बोर्ड इस बकाया रकम को दे नहीं रहा है। पंचकूला शहर में जहां अलग-अलग सेक्टरों से हजारों की तादाद में लोग सब्जियों को और साथ में राशन तथा कपड़ों की खरीद यहां से करते हैं। वैसे तो यहां लगने वाली सभी फडि़यों की पर्चियां काटने पर बहुत बार सवाल खड़े होते रहे हैं कि फड़ियां ज्यादा लगती हैं और मार्केट कमेटी बोर्ड के स्टाफ द्वारा पर्चियां कम काटी जाती हैं। आम जनता को होने वाली परेशानी को भांपते हुए हरियाणा लोक सर्वहितकारी सोसायटी के चेयरमैन राकेश अग्रवाल ने सीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि इस मुद्दे को दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों की मी¨टग कर निपटाना चाहिए। रोजाना हजारों लोग करते हैं खरीद

शहर में विभिन्न सेक्टरों में रोजाना किसान मंडी लगती है। जिसमें सब्जियां खरीदने के लिए हजारों लोग आते हैं। इन मंडियों में रोजाना 200 से अधिक सब्जी एवं अन्य सामान बेचने वाले किसान एवं सब्जी विक्रेता आते हैं। सेक्टर-5, 14, 15, एमडीसी, एचएमटी ¨पजौर में मंडी लगती है। यह मंडियां पिछले कई सालों से प्राधिकरण की जमीन पर लगती आ रही है। मंडियां लगाने के एवज में मार्केट कमेटी की ओर से प्राधिकरण को रोजाना 30 हजार रुपये दिये जाते हैं। परंतु पिछले लंबे समय से मार्केट कमेटी की ओर से यह किराया एचएसवीपी के पास जमा नहीं करवाया गया। लगभग चार साल से नहीं दे रहे पैसा

ईओ आशुतोष राजन ने बताया कि 1 सितंबर 2014 को मार्केट कमेटी को पत्र लिखा गया था, उसके बाद 25 जनवरी 2018 को पत्र लिखा गया था। जिसमें कहा गया था कि एचएसवीपी की जमीन पर अपनी किसान मंडियां लग रही है। जिसमें रोजाना हर मंडी का 30 हजार रुपये किराया सुनिश्चित किया गया था। दिसंबर 2018 तक का किराया मार्केट कमेटी की ओर से जमा नहीं करवाया गया था। जोकि लगभग चार करोड़ 26 हजार 60 हजार रुपये से अधिक है। इसके अलावा सर्विस टैक्स भी जमा किया जाना है। राजन ने मार्केट कमेटी सचिव को चेतावनी दे दी है कि यदि नोटिस देने के बाद भी फीस जमा नहीं करवाई गई, तो वह प्राधिकरण की जमीन पर कहीं मंडी नहीं लगने देंगे। बंद हो सकता है पानी-सीवरेज

मार्केट कमेटी हरियाणा मंडी बोर्ड के अंतर्गत आती है। मंडी का किसान भवन, सरकारी मकान भी पंचकूला में बने हुए हैं। कई बड़े अधिकारी कर्मचारी भी पंचकूला में रहते हैं। जिनको पानी एवं सीवरेज की व्यवस्था एचएसवीपी की ओर से ही करवाई जाती है। एचएसवीपी के पास पावर है कि यदि वह चाहे, तो किसान भवन एवं मार्केट कमेटी के अधिकारियों का पानी एवं सीवरेज कनेक्शन काट सकता है। मैंने पूरी प्ला¨नग बना रखी है। एचएसवीपी को घाटे से उबारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मार्केट कमेटी से लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपये बकाया लेकर रहेंगे। लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए वीटा बूथ पर भी सब्जियां उपलब्ध करवाने के लिए संचालकों से बैठक हो चुकी है।

-आशुतोष राजन, संपदा अधिकारी, एचएसवीपी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.