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गरीब लोगों को कैसे मिलेगा कम किराये का मकान, किसने कितना रखा बजट, हाई कोर्ट ने पूछा सवाल

गरीब लोगों को कम किराये पर मकान कैसे मिलेगा। इसकी पूरी योजना क्या है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने सरकारों से सवाल पूछा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 10:09 AM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 10:26 AM (IST)
गरीब लोगों को कैसे मिलेगा कम किराये का मकान, किसने कितना रखा बजट, हाई कोर्ट ने पूछा सवाल
गरीब लोगों को कैसे मिलेगा कम किराये का मकान, किसने कितना रखा बजट, हाई कोर्ट ने पूछा सवाल

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। केंद्र सरकार ने मजदूरों और झोपड़ पट्टियों में रह रहे गरीब लोगों को कम किराये के मकान देने की जो घोषणा की है उस पर हाई कोर्ट ने अब चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा से जवाब तलब कर लिया है। कोर्ट ने पूछा कि बताएं कि इसके लिए कितना बजट रखा गया है और कब तक यह मकान बनकर तैयार हो जाएंगे।

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जस्टिस ऋतु बाहरी ने यह आदेश एक मामले की सुनवाई के दौरान दिए हैं । हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों, मजदूरों और झोपड़ पट्टियों में रह रहे लोगों के लिए कम किराये के मकान बनाए जाने का ऐलान किया है । अब इस ऐलान के बाद इसे कैसे अंजाम दिया जाएगा। इसकी पूरी रुपरेखा तैयार की जानी जरूरी है। लिहाजा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन सहित पंजाब और हरियाणा को इन कम किराये के मकानों के लिए तय की जा रही जगह, इस पर कितना खर्च आएगा और इन्हेंं कैसे बनाया जाएगा इसकी पूरी जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए जाने के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ भी हाई कोर्ट ने मनरेगा के लिए जारी किए जाने वाले बजट की भी जानकारी मांग ली है

जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं वहां भी बच्चों और महिलाओं को दिया जाए मिड-डे मील

हाई कोर्ट ने कहा कि मौजूदा समय में नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट को लागू किया जाना बेहद जरूरी है। जहां आंगनबाड़ी केंद्र हैं वहां तो बच्चों और महिलाओं को मिड-डे मील दिया जा रहा है, लेकिन जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं वहां भी बच्चों और महिलाओं को मिड-डे मील दिए जाने के हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा को आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत प्रत्येक नागरिक को सम्मान से जीने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में प्रत्येक तक भोजन पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है।

महिलाओं को पेपर और कपड़े के बैग बनाने की ट्रेनिंग से बनाया जाए आत्मनिर्भर

हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए हैं कि वह झोपड़ पट्टियों में रहने वाली और गरीब महिलाओं को पेपर और कपड़े के बैग बनाए जाने की ट्रेनिंग दे, ताकि वह आत्मनिर्भर हो सकें और यह पर्यावरण के लिए भी काफी बेहतर होगा। मौजूदा हालात में जब गरीबों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया है तो ऐसा करने से रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। 


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