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निजी स्कूलों को स्थायी मान्यता की उम्‍मीद जगी, सरकार ने डीसी से पाॅवर छीनी

हरियाणा में स्‍थायी मान्‍यता की प्रतीक्षा कर रहे निजी स्‍कूलों को राहत मिलने वाली है। इन स्‍कूलों को जल्‍द ही मान्‍यता मिल सकेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 07:04 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 09:00 PM (IST)
निजी स्कूलों को स्थायी मान्यता की उम्‍मीद जगी, सरकार ने डीसी से पाॅवर छीनी
निजी स्कूलों को स्थायी मान्यता की उम्‍मीद जगी, सरकार ने डीसी से पाॅवर छीनी

जेएनएन, चंडीगढ़। स्थायी मान्यता के जद्दोजहद कर रहे निजी स्‍कूलों के संचालकों के लिए बड़ी राहत की खबर है। हरियाणा के इन 2092 निजी स्कूल संचालकों को अब स्‍थायी मान्‍यता मिलने की उम्‍मीद है। जिला उपायुक्तों से निजी स्कूलों को मान्यता देने की पावर लेने के करीब एक साल बाद सरकार ने शिक्षा अधिकारियों को यह अधिकार सौंप दिया है। नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी और पहली से आठवीं तक के स्कूलों को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मान्यता देंगे।

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डीसी से छिनी मान्यता देने की पावर, अब डीईओ और डीईईओ देंगे निजी स्कूलों को मान्यता

शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी किए हैं। जिला स्तर पर नौवीं से 12वीं तक के निजी स्कूलों को मान्यता के लिए गठित कमेटियों में जिला शिक्षा अधिकारी चेयरमैन होंगे। खंड शिक्षा अधिकारी, नजदीकी सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल व विज्ञान विशेषज्ञ उनकी मदद करेंगे। इसी तरह आठवीं तक के स्कूलों के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई वाली कमेटी में खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी और नजदीकी सरकारी स्कूल के हेडमास्टर शामिल होंगे।

इससे पहले जिला स्तर पर उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, एसडीएम और डीईओ की जिला स्तरीय कमेटी स्कूलों का निरीक्षण करके मान्यता देती थी। डीसी, एडीसी व एसडीएम के पास काम का अधिक बोझ होने के कारण कई महीनों तक मान्यता की फाइलें अटकी रहती थीं। इसलिए पिछले साल 30 जून को सरकार ने इन मान्यता कमेटियों को भंग कर नए सिरे से गठित करने के निर्देश दिए थे।

उस समय 1159 निजी स्कूलों को मान्यता की फाइलें डीसी कार्यालयों में लंबित थीं, जबकि मान्यता से वंचित 933 स्कूल सक्षम प्राधिकरण में चले गए थे। इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से बचाने के लिए इन सभी स्कूलों को एक साल के लिए अस्थायी मान्यता दे दी गई थी।

एक दशक से अटकी है मान्यता की फाइल

प्रदेशभर में एक दशक से उपायुक्तों के पास दो हजार से अधिक स्कूलों की फाइलें स्थायी मान्यता के लिए लटकी हुई हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से संबद्धता के लिए नियमानुसार शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही मान्यता पर फैसला हो जाना चाहिए, लेकिन दिसंबर तक इन फाइलों पर विचार ही चलता रहता है। तब तक इन स्कूलों में बगैर मान्यता के ही लाखों बच्चे दाखिला ले चुके होते हैं, जिनका भविष्य खराब होने से बचाने के लिए इन स्कूलों को हर साल अस्थायी मान्यता देनी पड़ती है।

मान्यता के लिए अब नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने फैसले का स्वागत किया है। उन्‍होंने उम्मीद जताई कि अब स्कूलों को मान्यता लेने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि स्कूलों को तीसरी मंजिल के लिए भूमि में 30 फीसद छूट का नोटिफिकेशन जल्द जारी की जाए। इसके अलावा एग्जिस्टिंग व अस्थायी स्कूलों को स्थायी करने, 134ए के तहत दाखिल बच्चों का बकाया पैसा देने व बसों पर लगाए गए टैक्स को माफ करने सहित अन्य मांगों को भी जल्द पूरा किया जाए।


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