Move to Jagran APP

AJL plot allocation case में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ED court में पेश, वोरा नहीं पहुंचे

AJL plot allocation case में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मंगलवार सुबह ईडी की कोर्ट में पेश हुए। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 11:27 AM (IST)
AJL plot allocation case में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ED court में पेश, वोरा नहीं पहुंचे
AJL plot allocation case में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ED court में पेश, वोरा नहीं पहुंचे

पंचकूला [राजेश मलकानियां]।  AJL plot allocation case: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मंगलवार सुबह AJL प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष ईडी कोर्ट में पेश हुुुुए, जबकि AJL हाउस के चेयरमैन मोतीलाल वोरा नहीं हुए कोर्ट में पेश। मामले में आज की सुनवाई पूरी हो गई है। आज कोर्ट में आरोपितों की केवल  हाजिरी लगी। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी।

loksabha election banner

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व AJL हाउस के चेयरमैन मोतीलाल वोरा को रेगुलर जमानत दे दी थी। 26 अगस्त को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हुड्डा एवं वोरा के खिलाफ अभियोजन की शिकायत दाखिल कर दी थी। हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64.93 करोड़ रुपये का प्लॉट AJL को 69 लाख 39 हजार रुपये में दिया था।

कुछ दिन पूर्व प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को एक भूखंड आवंटन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की थी।,भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए गए थे। पंचकूला स्थित यह भूखंड सेक्टर 6 में सी-17 नंबर AJL को आवंटित किया गया था। इसे पिछले साल ED ने कुर्क कर लिया था।

AJL को कथित तौर पर नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संचालित किया जाता था। यह ग्रुप नेशनल हेरल्ड अखबार निकालता था। ED की जांच में पाया गया कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए यह भूखंड पुन: आवंटन करने की आड़ में नए सिरे से AJL को 1982 की दर (91 रुपये प्रति वर्ग मीटर) और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया।

एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुन: आवंटन से AJL को अनुचित फायदा हुआ। ED के मुताबिक, इस भूखंड का बाजार मूल्य 64.93 करोड़ रुपये था, जबकि इसे हुड्डा को 69.39 लाख रुपये में आवंटित कर दिया था। हुड्डा के खिलाफ विशेष CBI अदालत में पहले ही मानेसर जमीन घोटाले, AJL प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है। CBI के विशेष जज जगदीप सिंह इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। AJL केस में ED द्वारा दाखिल अभियोजन की शिकायत की सुनवाई भी वही करेंगे।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.