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जेबीटी भर्ती घोटाले के दोषियों की पेंशन पर रिपोर्ट न देने से हाई कोर्ट सख्‍त, सरकार को फटकार

हाई कोर्ट ने हरियाणा के जेबीटी भर्ती घोटाले के दोषियों की पेंशन रोकने के बारे में रिपोर्ट न देने के कारण कड़ा रुचा दिखाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 08:42 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 08:42 AM (IST)
जेबीटी भर्ती घोटाले के दोषियों की पेंशन पर रिपोर्ट न देने से हाई कोर्ट सख्‍त, सरकार को फटकार
जेबीटी भर्ती घोटाले के दोषियों की पेंशन पर रिपोर्ट न देने से हाई कोर्ट सख्‍त, सरकार को फटकार

चंडीगढ़, जेएनएन। जेबीटी भर्ती घोटाले के दोषियों को पेंशन देने में भेदभाव के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा मांगी गई स्टेटस रिपोर्ट सरकार की ओर से पिछले सात महीने से पेश नहीं की जा रही है। अब हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने साफ किया है कि कि अगर अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं की गई तो इस केस के सभी आरोपितों की पेंशन रोक दी जाएगी व दोषी अधिकारियों को समन जारी किया जाएगा।

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कोर्ट का कड़ा रुख, अगली सुनवाई पर जवाब नहीं दिया तो रोक देंगे अन्य सभी दोषियों की पेंशन

ज्ञात रहे कि इसी एफआइआर में पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला का नाम भी है। पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने जेबीटी भर्ती घोटाले में दोषी अधिकारियों की पेंशन रोकने पर सवाल उठाया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार की सजायाफ्ता को पेंशन व अन्य लाभ देने की नीति में खामी है। इस पर हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा था कि वह सजाफ्ता को जारी पेंशन व लाभ वापस लेने पर कार्रवाई कर कोर्ट में रिपोर्ट देगी।

हाई कोर्ट ने टिप्पणी कि थी कि इस घोटाले के दोषी नेताओं की सरकार ने पेंशन क्यों नहीं रोकी, जबकि दोषी अधिकारियों के सेवानिवृत्ति लाभ व पेंशन रोकी जा रही है। यह दोहरा मापदंड क्यों, नियमों के अनुसार कार्रवाई क्यों नहीं।

उल्लेखनीय है कि घोटाले में दोषी पूर्व ब्लाक शिक्षा अधिकारी राम कुमार व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा सरकार के उस आदेश  को चुनौती दी है जिसमें सरकार ने उनके सेवानिवृत लाभ व पेंशन रोकने के निर्देश जारी किए थो। याची के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि याची समेत 56 अधिकारी जेबीटी भर्ती मामले में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व उनके बेटे अजय सिंह चौटाला के साथ दोषी करार दिए गए थे।

साल 2013 में इन सब को सजा मिली थी। मगर हरियाणा सरकार ने 2015 में  पेंशन व सेवानिवृति लाभ देने पर रोक के आदेश जारी कर दिए।  इस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा के एडवोकेट जनरल को तलब करते हुए कहा कि जिन नेताओं को सजा हों चुकी है सरकार उनको पेंशन व सुविधा जेल तक देकर आती है लेकिन इन अधिकारियों की पेंशन व लाभ रोकने में तत्पर क्यों है।

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