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IAS अफसर खेमका की याचिका पर केंद्र सरकार ने नहीं दिया जवाब, हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

हरियाणा के आइएएफ अफसर अशोक खेमका की याचिका पर केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया। इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 06:02 PM (IST)
IAS अफसर खेमका की याचिका पर केंद्र सरकार ने नहीं दिया जवाब, हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
IAS अफसर खेमका की याचिका पर केंद्र सरकार ने नहीं दिया जवाब, हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा के आइएएस अधिकारी अशोक खेमका की एक याचिका पर केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दिया। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हजार रूपये का जुर्माना लगा दिया और सात दिन के भीतर जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। खेमका ने यह याचिका केंद्र में सेवाएं देने के संबंध में दायर किया है।

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अशोक खेमका के केंद्र में सेवाएं देने की याचिका हाई कोर्ट में दायर किया गया मामला

हाई कोर्ट ने 24 अगस्त को केंद्र सरकार को 10 दिन के भीतर जवाब दायर करने को कहा था, लेकिन बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान यह नहीं दिया गया। केंद्र की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय की मांग की तो हाई कोर्ट ने उस पर एक हजार रूपये का जुर्माना लगा दिया। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि हर हाल में एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

कैट ने खेमका की केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने की मांग कर दी थी खारिज

खेमका ने कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) चंडीगढ़ बेंच के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने की उनकी मांग को कैट ने खारिज कर दिया था। खेमका ने कहा कि उन्हें केंद्र में सेवाएं देनी हैं, ऐसे में उन्हें केंद्र में अतिरिक्त सचिव या समकक्ष पद पर नियुक्ति दी जाए। उन्होंने कई बार केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाए जाने के लिए आवेदन किया लेकिन बार-बार उनका आवेदन रद कर दिया गया। उन्होंने तीन अन्य ऐसे अफसरों के नाम दिए, जिन्होंने आवेदन भी नहीं किया था, लेकिन फिर भी उन्हेंं केंद्र में अतिरिक्त सचिव बना दिया गया।

कैट ने खेमका की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र का कैडर एक्स कैडर है। यहां पर नियुक्ति के लिए कोई दावा नहीं कर सकता है। यह अक्सर देखा जाता है कि केंद्र की इंपेनलमेंट के लिए आवेदन किया जाता है, लेकिन दावा करने के स्थान पर याचिकाकर्ता को इसके लिए अपनी सेवाओं के स्तर पर और अधिक बेहतर कार्य करना चाहिए।

एक्स कैडर में नियुक्ति के लिए न्यूनतम तीन वर्ष का डिप्टी सेक्रेटरी पद का अनुभव अनिवार्य है। कैट द्वारा याचिका खारिज किए जाने को अशोक खेमका ने गलत करार देते हुए हाई कोर्ट से कैट के आदेश को रद करने की अपील की है। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब मांग रखा है, जो अब एक सप्ताह में देना होगा।

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