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हरियाणा के एक वैवाहिक विवाद मामले हाई कोर्ट का फैसला, मां यूके में, पिता को दी बच्चे की कस्टडी

हरियाणा के एक वैवाहिक विवाद के बाद बच्चे की कस्टडी के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी पिता को सौंपी है। कहा कि पिता उसका नैसर्गिक अभिभावक है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 04:45 PM (IST)
हरियाणा के एक वैवाहिक विवाद मामले हाई कोर्ट का फैसला, मां यूके में, पिता को दी बच्चे की कस्टडी
वैवाहिक विवाद पर बच्चे की कस्टडी मामले में हाई कोर्ट का फैसला। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महज दो साल के बच्चे को विदेश में रह रही उसकी मां के बजाय भारत में रह रहे उसके पिता की कस्टडी में देते हुए कहा है कि मां इंग्लैंड में अपने पति के साथ चल रहे वैवाहिक विवाद के चलते वहां चल रहे केस के कारण भारत नहीं आ सकती है। ऐसे में बच्चा अपने पिता के साथ उसकी देखभाल में रह सकता है।

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जस्टिस हरिंदर सिंह सिद्धू ने बच्चे को उसके पिता के हवाले करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अपने नाबालिग बच्चे का नैसर्गिक अभिभावक है, लेकिन उनके खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों के चलते हम यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उसका पिता एक अच्छा अभिभावक नहीं बन सकता है। जस्टिस सिद्धू ने कहा कि बच्चे की मां की वापसी अनिश्चित है। ब्रिटेन में पति द्वारा उसकी मां के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही के कारण मां के दस्तावेजों को जब्त किया जा रहा है। हालांकि मां ने अदालत से कहा था कि वह भारत लौटने का इरादा रखती है, ताकि बेटे को ब्रिटेन ले जाकर अपने और बेटी के साथ रहने के लिए ले जा सके।

इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि यह बेटे के हित में नहीं होगा कि उसे अदालतों में चल रहे विवादों का निपटारा होने तक ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति दी जाए। अगर बेटा ब्रिटेन भेज दिया जाए तो मां को बेटे और बेटी की अकेले देखभाल करनी होगी, जो उसके करियर की मांगों को देखते हुए मुश्किल हो सकता है।

लिहाजा, हाई कोर्ट ने बच्चे को पिता के हवाले के करते हुए कहा कि भारत में बच्चा अपने पिता सहित दादा-दादी और परिवार के अन्य सदस्यों सहित दोनों पैतृक और मातृ पक्ष दोनों की छत्रछाया में रह पाएगा और यही बच्चे के लिए बेहतर रहेगा। बता दें, बच्चे के माता-पिता की 2010 में शादी हुई थी दंपति के दो बच्चे हैं। लड़की 10 साल की है, जबकि लड़का 2019 में यूके में पैदा हुआ था। इसके तुरंत बाद वे भारत आ गए और वैवाहिक कलह शुरू हो गई और दोनों अलग रहने लगे। पत्नी सोनीपत में अपने माता-पिता के साथ और पति जींद में अपने अपने माता-पिता के साथ। दोनों बच्चे मां की देखरेख में थे। पति ने सितंबर में अपने बेटे की कस्टडी के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में यह भी पता चला कि महिला वापस यूके चली गई है और उसका बेटा उसकी पत्नी के माता-पिता के साथ सोनीपत में है।


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