दिव्यांग IAS रवि गुप्ता के ट्रांसफर पर हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल, हरियाणा ने जवाब के लिए मांगा समय
दिव्यांग आइएएस रवि प्रकाश गुप्ता ने डीसी पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा न होने पर ट्रांसफर के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के दिव्यांग आइएएस अधिकारी रवि प्रकाश गुप्ता ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। गुप्ता फतेहाबाद के डीसी थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन है कि दो साल के कार्यकाल से पहले सरकार किसी का तबादला नहीं कर सकती। इसे आधार बनाते हुए रवि प्रकाश गुप्ता ने अपने तबादला आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि कोरोना वायरस के चलते गुप्ता को फील्ड में ड्यूटी नहीं दी गई और उनका ट्रांसफर किया गया। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या कोरोना का आतंक खत्म होने के बाद उनको फील्ड ड्यूटी दी जाएगी।
कोर्ट ने सरकार को चार अगस्त तक इस बाबत जवाब देेने का आदेश दिया है। इससे पहले सरकार ने हाई कोर्ट में कहा था कि वह गुप्ता को चंडीगढ़ में दो पोस्ट में से एक पर एडजस्ट कर कर सकती है। इनमें एक पद सचिव, राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग का है और दूसरा पद निदेशक अभिलेखागार विभाग का है।
आइएएस रवि प्रकाश गुप्ता को स्टेट अथॉरिटी द्वारा डीसी फतेहाबाद के पद से ट्रांसफर कर स्वर्ण जयंती हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ फिस्कल मैनेजमेंट का डायरेक्टर जनरल बना दिया गया था। इस आदेश को कैट में चुनौती दी गई थी। लेकिन कैट की चंडीगढ बेंच ने रवि प्रकाश की याचिका को खारिज कर दिया था।
मूल रूप से पानीपत के समालखा के निवासी रवि प्रकाश गुप्ता 2007 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। रवि ने याचिका में कहा कि सरकार ने आइएएस (काडर) अमेंडमेंट नियम 2014 की वॉयलेशन की है। उन्हें 28 दिसंबर 2019 को फतेहाबाद का डीसी बनाया गया था, लेकिन यहां से छह महीने में ही उनका ट्रांसफर किया जा रहा है।
काडर नियमों के मुताबिक उनका यहां पर दो साल का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे पहले भी उनका कई जगह से ऐसे ही ट्रांसफर किया गया था। तब भी हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए उनके ट्रांसफर के आर्डर को खारिज कर दिया था।
इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों को सही बताते हुए गुप्ता के पक्ष में फैसला दिया था। इसी को आधार बनाते हुए रवि ने कैट में इस बार फतेहाबाद से हुए ट्रांसफर को चुनौती दी थी।