दो मंत्रियों की तकरार से लंबी खिंच रही हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित
दो मंत्रियों की तकरार के कारण हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में चल रही बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में चल रही बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैैं। हड़ताल के चलते न तो गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो पा रहा है और न ही नवजात बच्चों को उचित इलाज मिल रहा है। प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों के बीच आपसी टकराव के चलते यह हड़ताल लंबी खिंच रही है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के बीच तकरार लंबे समय से चल रही है।
हरियाणा के बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी (एमपीएचडब्ल्यू) 27 अगस्त से हड़ताल पर हैैं। प्रदेश सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार उनकी जिन मांगों को स्वीकार कर चुकी है, उसकी नोटिफिकेशन जारी कराई जाए। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मियों की मांगें मानकर मंजूरी के लिए फाइल वित्त विभाग को भेजने तथा वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ऐसी कोई फाइल विभाग में लंबित नहीं होने की बात कहकर कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ा रहे हैैं।
प्रदेश सरकार अब तक 891 हड़ताली एमपीएचडब्ल्यू के खिलाफ एस्मा के तहत मुकदमे दर्ज करवा चुकी और 788 हड़ताली कर्मचारियों की सेवाएं बर्खास्त कर दी गई हैैं। करीब 500 कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके बावजूद कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए हैैं, जिसका असर आम लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल के दौरान यदि कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए सीधे तौर पर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी और मंत्री जिम्मेदार होंगे।
सीएम को लिखा पत्र, 18 को देंगे सामूहिक गिरफ्तारियां
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले में तुरंत दखल देकर मांगों की नोटिफिकेशन जारी करवाने तथा हड़ताल को खत्म कराने की मांग की है। संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने चेतावनी दी है कि अगर 17 सितंबर तक हड़ताल का बातचीत से समाधान नहीं हुआ तो विभिन्न विभागों के कर्मचारी 18 सितंबर को जेल भरो आंदोलन के तहत सामूहिक गिरफ्तारियां देंगे।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की इन मांगों पर है टकराव
- एमपीएचएस पुरुष महिला और एसएमआई के पदों को तकनीकी घोषित किया जाए।
- एमपीएचडब्ल्यू पुरुष को एमपीएचडब्ल्यू महिला के समान वर्दी भत्ता दिया जाए।
- एमपीएचडब्ल्यू पुरुष महिला और एमपीएचएस पुरुष महिला को निर्धारित यात्रा भत्ता (एफटीए) एक हजार व दो हजार रुपये दिया जाए।
- आरसीएच परियोजना के अंतर्गत कार्यरत एमपीएचडब्ल्यू महिला को दो वर्ष के सेवाकाल के उपरांत नियमित करने की पालिसी बनाई जाए।
- नियमित न होने तक समान काम समान वेतन लागू किया जाए।