हरियाणा में कल से बढ़ जाएगी मंडियों में गेहूं की आवक, फसल का पैसा सीधे किसानों के खाते में
हरियाणा मेंं गेहूं की फसल खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई है। अभी किसान अपनी फसल काटकर उसे तैयार कर रहे हैं जबकि नमी की मात्रा को खत्म कर मंडियों में ला रहे हैं। कल 10 अप्रैल से मंडियों में फसल की आवक बढ़ने की संभावना है।
जेएनएन, चंडीगढ़। तीन कृषि कानूनों के विरोध के बीच हरियाणा की मंडियों में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने हालांकि राज्य की करीब 400 मंडियों में एक अप्रैल से ही गेहूं खरीद शुरू कर दी थी, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि 10 अप्रैल से गेहूं की आवक में तेजी बढ़ेगी। अभी किसान अपनी फसल काटकर उसे तैयार कर रहे हैं, जबकि नमी की मात्रा को खत्म कर मंडियों में ला रहे हैं।
पहले सरकार ने 14% तक नमी वाली गेहूं खरीदने की व्यवस्था की थी, लेकिन भारतीय खाद्य निगम के नए निर्देशों के बाद इसे 12% कर दिया गया है। राज्य में 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन संभावित है, जिसमें से 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में बिक्री के लिए पहुंचेगा। हरियाणा सरकार ने इसके लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण अनिवार्य किया था। यानी जिन किसानों ने फसल बिक्री के लिए पंजीकरण कराया है, उन्हेंं ही पहले एसएमएस भेजकर फसल बेचने के लिए मंडियों में बुलाया जाएगा। राज्य सरकार ने फसल बिक्री के लिए जे फार्म कटने के 48 घंटे के भीतर भुगतान करने का दावा किया है। ऐसा नहीं होने पर सरकार किसानों को नौ प्रतिशत की दर पर ब्याज का भुगतान करेगी।
हरियाणा में गेहूं उत्पादन एवं खरीद
- सरकारी खरीद - 1 अप्रैल से शुरू
- आठ अप्रैल तक खरीद - 1 लाख 42 हजार मीट्रिक टन
- राज्य में मंडियां - 400
- गेहूं का कुल उत्पादन संभावित - 125 लाख मीट्रिक टन
- मंडियों में आने की संभावना - 85 लाख मीट्रिक टन
- बीज के लिए किसान अपने पास रखेंगे - 15 लाख मीट्रिक टन
- किसानों के खुद के खाने और ओपन मार्केट में बिक्री के लिए गेहूं - 25 लाख मीट्रिक टन
- खरीद प्रक्रिया कब तक चलेगी - 15 मई तक संभावित
- सेंट्रल पूल में हरियाणा की हिस्सेदारी - 70 लाख मीट्रिक टन
- विश्व का भारत में गेहूं उत्पादन का हिस्सा - 13%
- भारत में गेहूं उत्पादन को लेकर उत्तर प्रदेश का हिस्सा - 33%
- पंजाब का हिस्सा - 23%
- मध्य प्रदेश का हिस्सा - 11%
- हरियाणा का हिस्सा - 9%
- गेहूं उत्पादन में उत्तर प्रदेश व पंजाब के बाद हरियाणा - 3 नंबर पर
- पेमेंट - इस बार सीधे किसानों के खाते में जाएगी
- पिछले साल की रुकी पेमेंट - 9% ब्याज के साथ
- इस बार भी किसानों को पेमेंट देर से मिली तो - 9% ब्याज दिया जाएगा
- पेमेंट की अवधि - जे फार्म कटने के 48 घंटे के भीतर सीधे किसान के खाते में जाएगा पैसा
- गेहूं की अधिक पैदावार वाले जिले - उत्तर हरियाणा के करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत, रोहतक, सिरसा और फरीदाबाद
- आढ़तियों ने सीधे पेमेंट किसान को देने का विरोध किया तो - राज्य सरकार अस्थाई लाइसेंस देगी
- तीन कृषि कानूनों की स्थित - अभी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। इसलिए इन पर अमल नहीं
- दूसरे राज्यों से आने वाले गेहूं की स्थिति - मंडियों में तभी बिकेगा, जब मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा
- आढ़ती को आढ़त कितनी मिलेगी - 40 रुपये प्रति क्विंटल
- इस बार आढ़त कौन देगा - पहले किसान से कटती थी, लेकिन अब राज्य सरकार अपने खजाने से आढ़त देगी
- गेहूं उठान की व्यवस्था - आटोमेटिक मशीनें लगाई गई हैं, जो सीधे ट्रक या ट्राली में बोरियां लोड करेंगी और गोदाम तक पहुंचाएंगी
- गेहूं के भंडारण की व्यवस्था - सरकार के पास 65 लाख मीट्रिक टन भंडारण के इंतजाम
- बाकी का भंडारण कैसे होगा - प्लीथ लगाकर और तिरपाल ढ़ककर।