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वायु प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार ठहराने से हरियाणा के परिवहन मंत्री गुस्से में

हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार ठहराने वालों पर निशाना साधा। पूछा वाहन तो पूरे साल चलते हैं फिर दो माह में ही प्रदूषण क्यों बढ़ता है। क्या वाहन सिर्फ अक्टूबर व नवंबर में ही चलते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 08:31 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 08:31 PM (IST)
वायु प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार ठहराने से हरियाणा के परिवहन मंत्री गुस्से में
हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में वायु प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार ठहराए जाने से प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा नाराज हैं। उनकी दलील है कि वाहन सिर्फ अक्टूबर या नवंबर के महीने में नहीं चलते। सरकार की रोडवेज बसों और प्राइवेट वाहनों का संचालन पूरे साल होता है, लेकिन वायु प्रदूषण सिर्फ अक्टूबर व नवंबर के महीने में बढ़ता है। यदि इन दो माह में ही वायु प्रदूषण को बढ़ा मानकर वाहनों को दोष दिया जाएगा तो यह उचित नहीं है। बातों ही बातों में मंत्री ने बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए पराली जलाने को भी जिम्मेदार ठहराया है और साथ ही प्रशासनिक मशीनरी पर इसे रोक पाने में विफल रहने का दोष मढ़ा है।

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हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन में वायु प्रदूषण के लिए वाहनों के संचालन को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद मंत्री मूलचंद शर्मा का पारा गर्म हुआ है। परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर किसी तरह की अंगुली न उठे, इसके लिए उन्होंने 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल के वाहनों के संचालन पर रोक को सख्ती से लागू करने की बात कही है। मूलचंद शर्मा ने सोमवार को मौखिक आदेश जारी किए कि 10 साल पुरानी हरियाणा रोडवेज की बसें और सरकारी वाहन भी सड़कों पर नहीं चलेंगे। पेट्रोल के 15 साल पुराने सरकारी वाहनों पर भी यही नियम लागू होगा। यदि ऐसा कोई वाहन चलता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।

परिवहन मंत्री के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक प्रदूषण अक्टूबर व नवंबर महीने में होता है। इसके लिए पराली के साथ-साथ वाहनों के संचालन तथा निर्माण कार्यों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। उन्होंने सवाल दागा कि क्या वाहन सिर्फ इन दो माह में ही चलते हैं? खुद ही जवाब दिया कि ऐसा नहीं है। वाहन साल भर चलते हैं। निर्माण कार्य भी साल भर होते हैं, इसलिए हमें यह बात स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि हरियाणा-दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण पराली का जलाना ही है। केंद्र सरकार व न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करते हुए हरियाणा सरकार ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल व 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद क्या प्रदूषण रुक पाया है।

मूलचंद शर्मा ने कहा कि धान की कटाई और गेहूं की बुआई के कारण वातावरण में प्रदूषण फैलता है। प्रदेश सरकार ने पराली के जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद पराली जलती है। संबंधित विभागों के अधिकारियों को मिलकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने की जरूरत है। पराली जलाने पर अधिक कड़ाई से कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य की रोडवेज बसों में ई-टिकटिंग की व्यवस्था अगले साल एक अप्रैल से आरंभ हो जाएगी।


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