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राजपथ पर दिखेगी हरियाणा के खिलाड़ियों की विजय गाथा, ऐसी होगी गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकी

इस बार गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की झांकी विशेष होगी। झांकी में राज्य के खिलाड़ी अपनी विजय गाथा बताते नजर आएंगे। देश का केवल 1.3 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र और 2.09 प्रतिशत आबादी फिर भी यहां के सूरमाओं ने झंडे गाड़े हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:06 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:19 PM (IST)
राजपथ पर दिखेगी हरियाणा के खिलाड़ियों की विजय गाथा, ऐसी होगी गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकी
ऐसी होगी गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की झांकी। फोटो डीपीआर के ट्विटर अकाउंट से

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलिंपिक खेलों में पदकों की झड़ी लगाकर दुनिया में देश और प्रदेश का जो नाम रोशन किया था, उसकी ‘विजय रथ’ रूपी झांकी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राजपथ पर प्रदेश का गौरव बढ़ाती नजर आएगी। इस विजय रथ पर हरियाणा के वह तमाम खिलाड़ी सवार रहेंगे, जिन्होंने टोक्यो में पदक जीते हैं।

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इससे पूर्व, पांच साल पहले वर्ष 2017 में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ थीम पर आधारित हरियाणा की झांकी का चयन किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में पानीपत से इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की थी। ‘हरियाणा खेलों में नंबर वन’ की थीम पर तैयार प्रदेश की झांकी सूचना एवं जनसंपर्क तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग ने तैयार की है।

विभाग के महानिदेशक एवं सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल की देखरेख में झांकी रूपी विजय रथ तैयार किया गया है। हरियाणा के लिए यह गौरव की बात है कि देश के केवल 1.3 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र और 2.09 प्रतिशत आबादी के बावजूद यहां के खिलाड़ियों ने पूरी दुनिया में देश और प्रदेश का नाम बुलंद किया है।

टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारत को कुल सात पदक मिले थे, जिनमें हरियाणा के खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत वर्ग में एक स्वर्ण पदक सहित चार पदक जीते हैं। प्रदेश सरकार ने टोक्यो ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को 25.40 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार प्रदान किए, जबकि पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 28.15 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई है। टोक्यो ओलिंपिक और टोक्यो पैरालंपिक 2020 के अलावा, हरियाणा के खिलाड़ियों ने 2012 में हुए ओलिंपिक खेलों में भी भारत द्वारा जीते गए कुल छह पदकों में से चार पदक जीतकर अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाया था।

ओलिंपिक 2016 में भारत को मिले दो पदकों में से एक हरियाणा की देन है। एशियाई खेल 2018 में हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश भर के खिलाड़ियों द्वारा जीते गए कुल 69 पदकों में से 17 पदक तथा एशियाई खेल-2012 में कुल 57 पदकों में से 21 पदक जीते थे। राष्ट्रमंडल खेल 2014 और 2018 में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 20 और 22 पदक जीतकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था।

हरियाणा के 10 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनेंगे झांकी की शान

सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल ने बताया कि दो हिस्सों में बनी हरियाणा की झांकी के अगले हिस्से में घोड़े व शंख होंगे। घोड़ों से जुता रथ महाभारत युद्ध के ‘विजय रथ’ का प्रतीक है। यहां रखा शंख भगवान श्रीकृष्ण के शंख का प्रतीक है। झांकी के दूसरे हिस्से को चार भागों में बांटा गया है। इसके पहले भाग में ओलिंपिक की तर्ज पर बने अखाड़े में दो पहलवान खिलाड़ी कुश्ती का प्रदर्शन करते दिखेंगे। इसके पीछे के दो हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हरियाणा के 10 ख्याति प्राप्त खिलाड़ी खड़े होंगे। झांकी के अंतिम हिस्से पर भाला फेंकने की मुद्रा में ओलिंपियन नीरज चोपड़ा की आदमकद प्रतिमा होगी। झांकी के दोनों ओर हाई रिलीफ में हरियाणा के चुनिंदा खेलों जैसे बाक्सिंग, वेट लिफ्टिंग, शूटिंग, डिस्कस-थ्रो व हाकी के खिलाडिय़ों की गतिविधियों को उकेरा गया है।

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा. कुलदीप सैनी के अनुसार झांकी में विजय रथ पर खड़े होने वाले खिलाड़ियों में बजरंग पुनिया, कुमारी रानी रामपाल, योगेश्वर दत्त, ममता खरब, सुमित अंतिल, दीपक पूनिया, हरविंदर, योगेश कथूनिया, रामपाल, रंजीत, आशु और अनिल शामिल हैं।

हरियाणा की बड़ी उपलब्धियों की साक्षी बनेगी झांकी

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि राज्य के कपिल देव, नीरज चोपड़ा, रानी रामपाल, साक्षी मलिक, योगेश्वर दत्त, बजरंग पूनिया, बिजेंद्र सिंह और फौगाट बहनों समेत कई अन्य उत्कृष्ट खिलाड़ी देश को दिए हैं। खेल के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले हरियाणा राज्य की झांकी के माध्यम से देश के सभी राज्यों व अन्य राष्ट्रों को न केवल हरियाणा की खेल प्रतिभाओं से नई प्रेरणा मिलेगी, बल्कि वे इस छोटे से राज्य की बड़ी उपलब्धियों के साक्षी भी होंगे, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में विकास की लंबी दूरी पार कर चुका है।


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