हरियाणा खेल विभाग ने कहा- गूंगा पहलवान को पहले ही दिया जा चुका है 1.20 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार
वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान ने हरियाणा सरकार को उन्हें पैरा-एथलीट के रूप में मान्यता देने की अपनी मांग दोहराई थी। इस पर हरियाणा खेल विभाग का कहना है कि उन्हें पहले ही सर्वाधिक नकद ईनाम दिया जा चुका है।
एएनआइ, चंडीगढ़। पद्मश्री वीरेंद्र सिंह गूंगा पहलवान को हरियाणा सरकार पहले ही 1.20 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दे चुकी है। यह कहना है कि हरियाणा खेल और युवा मामलों के निदेशक पंकज नैन का। वीरेंद्र सिंह ने हरियाणा सरकार से उन्हें पैरा-एथलीट के रूप में मान्यता देने की अपनी मांग दोहराई थी।
माननीय @ipspankajnain जी, वर्ष 2016, 2017 में गोल्ड मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार ने 8 करोड़ की घोषणा की थीं, और A ग्रेड की नौकरी, मिला क्या जो आपने लिखा...
वर्ष 2015 में जूनियर कोच लगाया था, और आज भी जूनियर कोच हूँ, शायद इसलिए मैं सुन-बोल नहीं सकता.? https://t.co/kP7ResrWwV— Virender Singh (@GoongaPahalwan) January 16, 2022
नैन के अनुसार वीरेंद्र सिंह को नौकरी की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। वीरेंद्र को हरियाणा सरकार 1.20 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया है, जो देश में सबसे अधिक है। वह पहले से ही खेल विभाग हरियाणा में कार्यरत हैं। उन्हें पैरालिंपियन के बराबर एक ग्रुप बी पोस्ट की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने लेने से इन्कार कर दिया था।
#UPDATE हरियाणा सरकार द्वारा वीरेंद्र को पहले ही 1.20 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं जो देश में सबसे अधिक है। वीरेंद्र पहले से ही राज्य खेल विभाग में कार्यरत हैं,उन्हें पैरालिंपियन के समान ग्रुप B पोस्ट ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया: पंकज नैन,निदेशक,खेल हरियाणा pic.twitter.com/TrF1Axde8H— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 16, 2022
बता दें, गूंगा पहलवान ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार उनके जैसे खिलाड़ियों को पैरा एथलीट का दर्जा देने की मांग की थी और उसी के हिसाब से सरकारी मदद की मांग की थी। इसके जवाब में हरियाणा सरकार ने यह बात कही है। वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान ने पंकज नैन को ट्वीट कर कहा कि वर्ष 2016, 2017 में गोल्ड मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार ने 8 करोड़ की घोषणा की थीं और ए ग्रेड की नौकरी। लेकिन उन्हें क्या मिला। 2015 में जूनियर कोच लगाया था और आज भी वह जूनियर कोच हैं। इसी ट्वीट का जवाब पंकज नैन ने दिया।
पद्मश्री वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान अपनी मांग को लेकर पहले धरने पर भी बैठ चुके हैं। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना खत्म किया था। इसके बाद वह सीएम से लेकर खेल निदेशक तक मिल चुके हैं लेकिन उनका कहना है कि उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। वीरेंद्र सिंह हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 2005 मेलबर्न डेफलंपिक्स में गोल्ड मेडल और 2009 तायपेई डेफलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्हें राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है।