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तीन बार नजरअंदाज हुए हरियाणा के सीनियर IAS सुनील गुलाटी, पंजाब की तर्ज पर बदल सकता है पदनाम

हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अफसर सुनील कुमार गुलाटी (IAS Sunil Kumar Gulati) की वरिष्ठता को दरकिनार कर उनसेे जूनियर को मुख्य सचिव बनाया गया है। अब गुलाटी को पंजाब की तर्ज पर विशेष मुख्य सचिव का रैंक मिल सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 01:52 PM (IST)
तीन बार नजरअंदाज हुए हरियाणा के सीनियर IAS सुनील गुलाटी, पंजाब की तर्ज पर बदल सकता है पदनाम
हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अफसर सुनील कुमार गुलाटी। (फाइल फोटो)

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में 26 साल बाद किसी आइएएस अफसर की वरिष्ठता को दरकिनार (सुपरसीड) कर उनसे एक साल जूनियर अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया गया है। हालांकि यह प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात है और संबंधित अधिकारी की योग्यता पर भी निर्भर करता है कि सरकार उसे कितना महत्व देती है, लेकिन इसके साथ ही बीते एक साल में तीन बार सुपरसीड किए जा चुके 1984 बैच के आइएएस सुनील कुमार गुलाटी के पदनाम को लेकर अफसरशाही में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

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पड़ोसी प्रदेश पंजाब की तर्ज पर प्रदेश सरकार सुनील गुलाटी को विशेष मुख्य सचिव या फिर मुख्य सचिव के समकक्ष किसी पद पर एडजस्ट कर सकती है, ताकि उन्हें अपने से जूनियर अधिकारी को रिपोर्टिंग न करनी पड़े।

1985 बैच के आइएएस अधिकारी विजय वर्धन को हाल ही में मुख्य सचिव बनाया गया है। वह बेहद काबिल अफसर हैं। अफसरशाही में मुख्य सचिव के बाद वित्तायुक्त और राजस्व सचिव (फाइनेंसियल कमिश्नर रेवेन्यू) दूसरा वरिष्ठम पद है जिस पर स्टेट कॉडर में मौजूद दूसरे सबसे वरिष्ठ आइएएस को तैनात किया जाता है।

पांच माह पूर्व 30 अप्रैल को भी सुनील कुमार गुलाटी को सुपरसीड कर विजयवर्धन को एफसीआर बनाया गया था। इससे पहले भी नवंबर 2019 में 1984 बैच की नवराज संधू की रिटायरमेंट के बाद गुलाटी के स्थान पर 1985 बैच के धनपत सिंह को एफसीआर लगा दिया गया था। अब 1986 बैच के आइएएस संजीव कौशल को एफसीआर तैनात किया गया है।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार ऐसी स्थिति में गुलाटी को मुख्य सचिव के समकक्ष पद पर लगाया जा सकता है या फिर उनके पद को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के तौर पर पदांकित किया जा सकता है, जिससे कि वह सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करें। अगस्त 1994 में जब तत्कालीन भजन लाल सरकार में 1962 बैच के आइएएस एचडी बंसल को मुख्य सचिव बनाया गया तो 1961 बैच के आइएएस ए बनर्जी को हरियाणा योजना बोर्ड का चेयरमैन लगा दिया गया था, ताकि उन्हें अपने जूनियर को रिपोर्ट नहीं करनी पड़े।

अफसरशाही में पंजाब मॉडल रहा कारगर

जब मार्च 2017 में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने 1982 बैच के आइएएस सर्वेश कौशल के स्थान पर 1984 बैच के करण अवतार सिंह को प्रदेश का मुख्य सचिव तैनात कर दिया। हालांकि उनसे सीनियर सभी आइएएस अधिकारियों को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के तौर पर तैनात किया गया, ताकि उनका दर्जा भी मुख्य सचिव के समकक्ष हो। फिलहाल 1987 बैच की आइएएस विनी महाजन पंजाब की मुख्य सचिव हैं, जबकि उनसे ऊपर के चार आइएएस में दो केंद्र में डेपुटेशन पर हैं। वहीं, 1984 बैच के करणबीर सिंह सिद्धू और 1985 बैच की कल्पना मित्तल को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी का रैंक दिया हुआ है। 1985 बैच के सतीश चंद्र भी बीती 30 सितंबर को ही स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए हैं।


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