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हरियाणा रोडवेज कर्मी 26 को करेंगे दो घंटे विरोध प्रदर्शन, निजीकरण व कृषि कानूनों का करेंगे विरोध

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी 26 मार्च को दो घंटे निजीकरण महंगाई व कृषि कानूनों के विरोध में विरोध प्रदर्शन करेंगे। आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी दिन किसानों ने भारत बंद का आह्वान भी किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 06:05 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 06:05 PM (IST)
हरियाणा रोडवेज कर्मी 26 को करेंगे दो घंटे विरोध प्रदर्शन, निजीकरण व कृषि कानूनों का करेंगे विरोध
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी 26 मार्च को दो घंटे करेंगे विरोध प्रदर्शन। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के रोडवेज कर्मचारी निजीकरण, बेरोजगारी, महंगाई और तीन कृषि कानूनों के विरोध को आधार बनाते हुए 26 मार्च को दो घंटे का विरोध प्रदर्शन करेंगे। आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें हरियाणा के रोडवेज कर्मी भी भागीदारी कर रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से दो बजे तक किए जाएंगे। बता दें, इसी दिन संयुक्त किसान मोर्चा ने भी भारत बंद का आह्वान किया है।

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रोडवेज कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि प्राइवेट बसों से एकमुश्त फीस लेकर पूरे देश के सभी रूटों पर उन्हें परमिट जारी किए जा रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया है। 26 मार्च को हरियाणा के रोडवेज कर्मचारी सभी डिपो पर दो घंटे विरोध प्रदर्शन करेंगे। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेंद्र दिनौद और उप महासचिव बलबीर जाखड़ ने बताया कि पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतों का परिवहन सेवाओं समेत तमाम जरूरी सेवाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है।

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केंद्र सरकार एक अप्रैल से "वन नेशन वन परमिट" प्रणाली लागू करने जा रही है। इस प्रकार प्राइवेट क्षेत्र में परमिट देने से हरियाणा रोडवेज व सभी देश भर का सरकारी परिवहन क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा। मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन 2020 के सभी प्रविधानों को लागू किया जा रहा है। इसके लागू होने से सरकारी परिवहन सेवा के निजीकरण का रास्ता साफ होगा। रोडवेज कर्मचारियों ने परिवहन विभाग में एक हजार चालकों को सरप्लस करने का निर्णय वापस लेने की मांग करते हुए बेड़े में नई सरकारी बसें शामिल करने का सुझाव दिया है। 

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