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रोडवेज कर्मियों की हड़ताल पर हाई कोर्ट भी सख्त, कहा- एस्‍मा के तहत हो कड़ा एक्‍शन

हाईकोर्ट के आदेश और एस्मा को दरकिनार कर हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी हड़ताल पर तुली है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 05:31 PM (IST)
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल पर हाई कोर्ट भी सख्त, कहा- एस्‍मा के तहत हो कड़ा एक्‍शन
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल पर हाई कोर्ट भी सख्त, कहा- एस्‍मा के तहत हो कड़ा एक्‍शन

जेएनएन, चंडीगढ़। हाई कोर्ट ने कल यानी बुधवार को आहूत हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि चक्का जाम की वीडियोग्राफी करवाए और हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) के तहत कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि रोडवेज यूनियन ने हाई कोर्ट में पहले ही अंडरटेकिंग देकर हड़ताल न करने का आश्वासन दिया था। ऐसे में अब चक्का जाम या हड़ताल कोर्ट की अवमानना होगी। हाई कोर्ट ने अंडरटेकिंग देने वाले कर्मचारी नेताओं को 3 अक्टूबर के लिए अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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हरियाणा सरकार से वीडियोग्राफी कराने को कहा, कर्मचारी हड़ताल पर उतारू

वहीं, हाईकोर्ट की रोक और सरकार द्वारा एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाने के बावजूद हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी बसों का चक्का जाम करने पर तुली है। हालांकि दो बड़ी रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन बस सेवाएं प्रभावित होना तय है। फिलहाल एक दिन के लिए हड़ताल की गई है जिसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

परिवहन निदेशालय ने सभी चालक-परिचालकों सहित अन्य कर्मचारियों की छुट्टियां रद करते हुए हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। रोडवेज कर्मचारियों की बार-बार की हड़ताल से परेशान प्रदेश सरकार ने इस बार इससे सख्ती से निपटने की रणनीति बनाई है। सरकार को हाई कोर्ट का भी सहारा मिला है जिसने चक्का जाम की वीडियोग्राफी कराते हुए हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है। रोडवेज यूनियनों ने हाई कोर्ट में हड़ताल नहीं करने की अंडरटेकिंग दे रखी है।

सरकार की कोशिश हड़ताल से अलग हुई सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन और हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा की मदद से बस सेवाओं के संचालन की है। एस्मा लागू करने की खिलाफत में उतरी दोनों यूनियनों ने साफ कर दिया कि वह हड़ताल से तटस्थ रहेंगी। परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने दोहराया कि हड़ताल के नाम पर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी। हड़ताली कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।

कमेटी पदाधिकारियों ने झोंकी ताकत

हड़ताल को सफल बनाने के लिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी की तरफ से हरिनारायण शर्मा, बलवान सिंह दोदवा, दलबीर किरमारा, आजाद गिल, अनूप सहरावत, नसीब जाखड़, जयभगवान कादियान, सतीश मकड़ौली, बाबूलाल यादव व रमेश सैणी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। हड़ताल न करने के लिए हाई कोर्ट में अंडरटेकिंग पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी पदाधिकारियों ने दावा किया कि पिछले साल निजी बसों को परमिट पर विवाद के दौरान यह अंडरटेकिंग दी गई थी।

इसलिए हो रही हड़ताल

किलोमीटर स्कीम के तहत परिवहन विभाग में 720 बसों को कांट्रेक्ट पर चलाने और पूर्व में हुए समझौते लागू नहीं होने से रोडवेज कर्मचारी भड़के हुए हैं। इसी मुद्दे को लेकर पिछली 7 अगस्त को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूरे प्रदेश मेें बसों का चक्का जाम कर दिया था। अब ज्वाइंट एक्शन कमेटी हड़ताल कर रही है। यूनियन पदाधिकारी दलबीर किरमारा ने कहा कि फिलहाल हड़ताल एक दिन की होगी। अगर सरकार ने किसी कर्मचारी पर एक्शन लिया तो इसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

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