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होली के रंगों से सराबोर दिखेगी हरियाणा की सियासत, दुष्‍यंत के बाद आज सीएम मनोहर आज दिल्‍ली में

हरियाणा की सियासत होली में रंगाें में रंगी नजर आएगी। हरियाणा के उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के बाद अब मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल आज दिल्‍ली जाएंगे। सीएम दो-तीन दिन पहले ही दिल्‍ली के दौरे पर गए थे। सीएम के फिर दिल्‍ली दौरे को कयासबाजी शुरू हो गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 09:27 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 09:27 AM (IST)
होली के रंगों से सराबोर दिखेगी हरियाणा की सियासत, दुष्‍यंत के बाद आज सीएम मनोहर आज दिल्‍ली में
हरियाणा के डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला के साथ मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की राजनीति में अगले कुछ दिन होली के रंगों से सराबोर नजर आ सकते हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार, भाजपा संगठन में नई नियुक्तियां और ऐलनाबाद व कालका उपचुनाव की तैयारियों की अटकलों के बीच प्रदेश की राजनीति में कई बदलाव होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को सप्ताह में दूसरी बार दिल्ली पहुंच रहे हैं। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शुक्रवार रात को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल सप्ताह में दूसरी बार आज पहुंचेंगे दिल्ली

दिल्ली में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री औपचारिक बातचीत के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री तीन दिन पहले दिल्ली आए थे। तब उनकी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई थी। संगठनात्मक मसलों, तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन और उपचुनाव समेत कई मसलों पर उनकी नड्डा से बातचीत हुई। हालांकि तब उन्होंने मंत्रिमंडल में बदलाव या विस्तार पर कोई बातचीत होने से इन्कार कर दिया था, लेकिन माना जा रहा है कि रविवार को होली की शुभकामनाएं देने के साथ ही भाजपा व आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के साथ इस बारे में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री चर्चा कर सकते हैं।

संगठनात्मक व सरकारी मसलों पर भाजपा नेतृत्व से बातचीत संभव

मंत्रिमंडल में एक मंत्री भाजपा तो दूसरा मंत्री जजपा के कोटे से बनना है। भाजपा अपने कोटे का मंत्री कालका और ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद बना सकती है, जबकि जजपा चाहती है कि उपचुनाव से पहले ही उसके कोटे की सीट को भर दिया जाए। जजपा में टोहाना के विधायक देवेंद्र सिंह बबली को मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भाजपा की रणनीति जजपा से इतर है। कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जा सकता है, लेकिन किसी मंत्री को तुरंत हटाने की बजाय अपने कोटे का मंत्री बनाने के दौरान ही भाजपा यह कदम उठा सकती है। तब तक दो से तीन मंत्रियों का पद बरकरार रहेगा।

मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के बीच बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैनों के नाम पर भी चर्चा हो चुकी है, लेकिन इस बारे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी लेना बाकी है। दिल्ली प्रवास के दौरान मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला अपनी पसंद के विधायकों और प्रमुख कार्यकर्ताओं को बोर्ड व निगमों का चेयरमैन बनवाने पर मुहर लगवा सकते हैं।

कालका व ऐलनाबाद की सीटों पर किस तरह से चुनाव लड़ा जाए, यह भी बातचीत का मुख्य बिंदु होगा। भाजपा ने अभी तक अपनी प्रदेश कमेटी का ऐलान नहीं किया है। इस पर भी चर्चा संभव है। राजनीतिक गलियारों में संभावना जताई जा रही कि एक पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा में शामिल हो सकता है, लेकिन इसे सिर्फ होली का रंगीला शगूफा ही मानकर देखा जा रहा है।


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