ग्रुप सी की नौकरियों में कॉमन टेस्ट पर गंभीर नहीं हरियाणा के अधिकारी, दिखा रहे बेरुखी
हरियाणा में ग्रुप सी नौकरियों के लिए कॉमन टेस्ट की योजना बनाई गई है लेकिन अफसर इसके लिए गंभीर नहीं है। उनकी बेरुखी के कारण योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में ग्रुप-डी की तर्ज पर ग्रुप सी की नौकरियों की भर्ती के लिए कॉमन टेस्ट और एक समान सर्विस रूल बनाने पर आधे से ज्यादा महकमे और बोर्ड-निगम गंभीर नहीं हैं। योजना को सिरे चढ़ाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी महकमों और बोर्ड-निगमों के नुमाइंदों को दस्तावेजों के साथ 25 जून से एक जुलाई तक अलग-अलग चरणों में बुलाया था ताकि मंथन किया जा सके। इसके बावजूद 82 में से 50 महकमों और 59 में से 40 बोर्ड-निगमों ने बैठक से किनारा कर लिया।
एक सप्ताह चली बैठकों में 82 में से 50 महकमों और 59 में से 40 बोर्ड-निगमों के नुमाइंदे रहे गायब
कॉमन टेस्ट पर मंथन के लिए एक सप्ताह तक चले बैठकों के दौर में सिर्फ 32 महकमों और 19 बोर्ड-निगमों के नुमाइंदे ही शामिल हुए, लेकिन इनमें भी कई आधी-अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने अब एक बार फिर से बाकी बचे सभी महकमों और बोर्ड-निगमों के प्रतिनिधियों को 6 जुलाई को बैठक के लिए बुलाया है।
हजारों रिक्त पदों को एक साथ भरने के लिए बदला जाना है भर्ती पैटर्न और सर्विस रूल
ग्रुप सी के हजारों रिक्त पदों को एक साथ भरने के लिए भर्ती पैटर्न में बदलाव पर मंथन के लिए सभी नोडल अधिकारियों को सभी रिक्त पदों, पदनाम, पे-लेवल, स्वीकृत पदों की संख्या, सीधी भर्तियों और पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों के प्रतिशत सहित तमाम अन्य जरूरी जानकारियां निर्धारित फार्मेट में साथ लानी होंगी।
बता दें कि अगस्त 2018 में पहली बार विभिन्न महकमों में खाली पड़े गु्रप डी के 18 हजार 218 पदों के लिए एक साथ भर्तियां निकली थी। इसके बाद आवेदन से लेकर परीक्षाओं तक पूरे प्रदेश में मेले की स्थिति रही। ग्रुप डी की भर्ती में सफल रहे प्रयोग को अब ग्रुप सी में भी आजमाने की तैयारी है।
बाल अधिकार आयोग ने पूछा, कितने स्कूलों में नहीं महिला अध्यापक
सरकारी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हरियाणा राज्य बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी है कि कितने प्राथमिक और सीनियर सेेकेंडरी स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं हैं। एक सप्ताह बाद भी अधिकतर जिला शिक्षा अधिकारियों ने इसका ब्योरा आयोग को नहीं भेजा। इस पर आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा ने नाराजगी जताई तो शिक्षा निदेशक ने तुरंत प्रभाव से सभी डीईईओ को तुरंत प्रभाव से निर्धारित फार्मेट में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
एचपीएससी व हरियाणा सरकार को नोटिस
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा इस साल जनवरी में एससी वर्ग के लिए सहायक प्रोफेसरों (अर्थ शास्त्र ) की भर्ती को रद करने की मांग की एक याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जस्टिस एचएस मदान ने यह नोटिस रेवाड़ी निवासी पूजा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिका में आरोप लगाया गया आयोग ने न तो चयनित उम्मीदवारों की कट आफ लिस्ट के अंक और न ही असफल उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंक की जानकारी दी है। इतना ही नहीं आयोग अभ्यॢथर्यों की प्रतिक्षा सूची भी जारी करने में असफल रहा है।
आरोप लगाया गया है भाई-भतीजावाद, पक्षपात और पक्षपातपूर्ण चयन हुआ है। याचिका में मांग की है कि भर्ती के दौरान साक्षात्कार के दौरान अयोग्य उम्मीदवारों को अधिक अंक देने की सीबीआइ या अन्य जांच एजेंसी से जांच करवाई जाए। याची के वकील की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार, हरियाणा लोक सेवा आयोग, व एससी वर्ग से चयनित उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।
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