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हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के बैंक खाते सीज, बोर्ड के खाते से दो करोड़ रुपये का ड्राफ्ट बनाने का आदेश

उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेशों की अनदेखी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड को भारी पड़ी। पंचकूला मंडी में एक अलाटी को न दुकान देने और न पैसे वापस करने की शिकायत पर यह आदेश जारी किए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 11:06 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 11:06 AM (IST)
हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के बैंक खाते सीज, बोर्ड के खाते से दो करोड़ रुपये का ड्राफ्ट बनाने का आदेश
हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के बैंक खाते सीज। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मार्केटिंग बोर्ड) कार्यशैली पर कड़ा रुख अपनाते हुए उसके आदेश की पालना न करने पर एक सख्त आदेश पारित किया है। आयोग के आदेश के बाद लेनदार की बोर्ड द्वारा राशि का भुगतान न करने पर आयोग ने हरियाणा राज्य सहकारी एपेक्स बैंक लिमिटेड के प्रभारी निर्देश दिया की वह बोर्ड के खातों से 2,03,36,425 ( दो करोड़ तीन लाख छत्तीस हजार चार सौ पच्चीस रुपये) की राशि डिमांड ड्राफ्ट सचिव राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पक्ष में प्रेषित करे।

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आयोग ने उपभोक्ता आयोग फोरम के सचिव को इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया है। इसी के साथ कठोर शब्दों में आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर कृषि विपणन बोर्ड प्राधिकारियों या किसी अधिकारी द्वारा कोई बाधा उत्पन्न की जाती है उस स्थिति में, यह आयोग और अधिक कठोर कदम उठा सकता है, यहां तक कि उच्च अधिकारियों की गिरफ्तारी के गैर-जमानती वारंट जारी कर सकता है। इस मामले में आयोग के आदेश पर राकेश राठी लेखाकार हरियाणा राज्य सहकारी एपेक्स बैंक लिमिटेड, एक्सटेंशन. काउंटर, एचएसएएमबी कांप्लेक्स, सेक्टर -6, पंचकूला आयोग के समक्ष पेश हुआ है। उसने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आठ बैंक खातों का विवरण व प्रत्येक खाते में उपलब्ध राशि की जानकारी आयोग को दी।

आयोग ने काका सिंह नामक एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के न्यायिक सदस्य राम ङ्क्षसह चौधरी द्वारा जारी आदेश में हरियाणा राज्य सहकारी एपेक्स बैंक लिमिटेड को आदेश दिया गया है कि वह मार्केटिंग बोर्ड के सेलरी खाते को सीज करें। मामले में काका ङ्क्षसह ने पंचकूला मंडी में मार्केटिंग बोर्ड से एक दुकान खरीदी थी। साल 2009 में उन्होंने दुकान की कीमत के रूप में 75 लाख 10 हजार रुपये का भुगतान बोर्ड को कर दिया था। इसके बावजूद साल 2016 तक काका ङ्क्षसह को दुकान का कब्जा नहीं दिया गया। इसके बाद याची ने र्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों के सामने अर्जी दायर कर उसके पैसे लौटने का आग्रह किया। परंतु मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों ने उसकी मांग पर कोई कार्रवाई नहींं की। न तो उसका पैसा वापस लौटाया और न ही दुकान पर कब्जा दिया।

इसके बाद याची ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। इस पर सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कृषि विपणन बोर्ड को आदेश दिया कि वह याची की पूरी राशि नौ फीसद ब्याज के साथ वापस लौटाए। मार्केटिंग बोर्ड ने इस आदेश को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में चुनौती दे दी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश पर रोक न लगाते हुए मार्केटिंग बोर्ड को आदेश दिया कि वह याची को 50 प्रतिशत राशि लौटा दे। मार्केटिंग बोर्ड ने इस आदेश का भी पालना नहीं किया।

मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों के रवैये से तंग आकर काका ङ्क्षसह ने दोबारा राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सामने अर्जी दायर कर सारी स्थिति से अवगत करवाया। आयोग ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के बैंक खाते सीज करने का आदेश देते हुए व बोर्ड के खाते से लेनदार की राशि का ड्राफ्ट आयोग के सचिव के नाम बनाने का आदेश दिया।


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