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हरियाणा में मंत्रियों के दौरे तय करेंगे विधायक, विवादाें से दूर रहने को सरकार ने निकाला तरीका

भाजपा-जजपा सरकार ने मंत्रियों व विधायकों में बेहतर तालमेल और किसी विवाद से बचने के लिए बड़ा फैसला किया है। राज्‍य में अब मंत्री अपने दौरे से पहले विधायकों को विश्‍वास में लेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 04:49 PM (IST)
हरियाणा में मंत्रियों के दौरे तय करेंगे विधायक, विवादाें से दूर रहने को सरकार ने निकाला तरीका
हरियाणा में मंत्रियों के दौरे तय करेंगे विधायक, विवादाें से दूर रहने को सरकार ने निकाला तरीका

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्री राज्य के दौरे पर निकलने से पहले विधायकों को नजर अंदाज नहीं करेंगे। कोई भी मंत्री यदि किसी दूसरे मंत्री या विधायक के हलके में दौरे पर जाता है तो पहले संबंधित विधायक या मंत्री को भरोसे में लिया जाएगा। ऐसा करने से जहां विधायकों का सम्मान बढ़ेगा, वहीं मंत्री हर तरह के राजनीतिक विवादों से भी अछूते रहेंगे। भाजपा-जजपा गइबंधन सरकार ने यह कदम मंत्रियों और विधायकों के बीच बेहतर तालमेल के मद्देनजर भी उठाया है।

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विधायकों की अनदेखी कर मंत्रियों को अपने हलकों में बुला रहे लोग

अमूमन होता यह है कि विभिन्न हलकों के लोग और कार्यकर्ता किसी भी मंत्री को अपने क्षेत्र में दौरे पर अथवा कार्यक्रम में आमंत्रित कर लेते हैैं। मंत्री कार्यक्रम में पहुंचने की स्वीकृति भी प्रदान कर देते हैैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि लोगों ने विधायक को नजर अंदाज करते हुए मंत्री को कार्यक्रम में बुलाया है। यदि विधायक को स्वयं ऐसे कार्यक्रम में जाना पसंद नहीं है और मंत्री वहां पहुंच जाए तो इससे विवाद की स्थिति बन जाती है।

मंत्रियों और विधायकों के बीच पहले रहे हैं राजनीतिक विवाद

अब जो भी कार्यकर्ता अथवा लोग मंत्रियों को अपने हलकों में आने का निमंत्रण दे रहे हैैं, उन्हें कार्यक्रम की मंजूरी प्रदान नहीं की जा रही है। मंत्री ऐसे लोगों से कहते हैैं कि पहले वह अपने विधायक से बात कर लें। जहां पर भाजपा विधायक नहीं है, वहां पर पूर्व विधायक अथवा चुनाव हारे उम्मीदवारों को भरोसे में लेने की बात कही जा रही है। यदि लोग मंत्री को विधायक के साथ किसी तरह की विवाद की बात बताते भी हैैं तो मंत्री स्वयं उनसे बात करने के बाद ही कार्यक्रम की मंजूरी दे रहे हैैं।

तबादलों के लिए फिलहाल किसी को इन्‍कार नहीं

हरियाणा सचिवालय में आजकल तबादलों के लिए मारामारी मची हुई है। राज्य भर से लोग और कर्मचारी तबादलों के लिए सचिवालय पहुंच रहे हैैं। मंगलवार और बुधवार दो दिन ऐसे हैैं, जब मंत्री सचिवालय में रहते हैैं। इन दो दिनों में तमाम विधायक अपने-अपने क्षेत्र के काम, समस्याएं और तबादलों की लिस्ट लेकर मंत्रियों के यहां दस्तक दे रहे हैैं।

मंत्री पहले विधायकों के काम की लिस्ट पकड़ रहे। उसके बाद पब्लिक ग्रीवेंसिज ( जन शिकायतें) निपटा रहे हैैं। मंत्रियों को 15 दिसंबर तक तबादलों की पावर है। हाल-फिलहाल सभी की पर्ची, तबादला लिस्ट और नोट पकड़े जा रहे हैैं। 15 दिसंबर के बाद उनकी छंटनी होगी, जिसके आधार पर तबादला सूची जारी की जाएगी।

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चुनाव हार चुके उम्मीदवारों के काम को खास तरजीह

हरियाणा सरकार के मंत्रियों को साफ निर्देश हैैं कि वे विधायकों के साथ-साथ उन नेताओं के कामों को भी पूरा महत्व दें, जो विधानसभा चुनाव हार गए थे। ऐसे उम्मीदवारों के कामों की लिस्ट अलग से बनाई जा रही है। चुनाव हार चुके उम्मीदवार को मंत्री अपने कार्यालय में बाकायदा सम्मान से बैठाते हैैं और उनके तबादला नोट को गंभीरता के साथ अपने मातहत के सुपुर्द करते हैैं। पूर्व विधायकों के कामों को भी कतई नजर अंदाज नहीं किया जा रहा है।

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