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लघु उद्योग इकाइयों के उत्पादों की लागत कम कर क्वालिटी सुधारेगी हरियाणा सरकार

हरियाणा सरकार राज्‍य में लघु उद्योग इकाइयों की हालत सुधारने के लिए खास कदम उठाएगी। सरकार लघु उद्योग इकाइयों के उत्पादों की लागत कम कर क्वालिटी सुधारेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 11:09 PM (IST)
लघु उद्योग इकाइयों के उत्पादों की लागत कम कर क्वालिटी सुधारेगी हरियाणा सरकार
लघु उद्योग इकाइयों के उत्पादों की लागत कम कर क्वालिटी सुधारेगी हरियाणा सरकार

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने छोटे से छोटे उद्योग को आधुनिक तकनीक से लैस कर उत्पादन लागत कम करने तथा उत्पादों की क्वालिटी सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इससे उद्योगपतियों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सकेगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए दो ग्रामीण एमएसएमई ( सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों) के कलस्टर में अत्याधुनिक ’कॉमन फैसिलिटी सेंटर’ (सीएफसी) स्थापित करने की मंजूरी दी है। इससे बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां आधुनिक तकनीक से लाभान्वित हो सकेंगी।

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सिरसा में फर्नीचर और पानीपत में हैंडलूम कलस्टर के लिए दो सुविधा केंद्रों की मंजूरी

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के नाते हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दसवीं राज्यस्तरीय संचालन समिति की बैठक में बताया कि नए कामन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) से सिरसा जिले में फर्नीचर कलस्टर और जिला पानीपत में हैंडलूम एवं टेक्सटाइल कलस्टर को लाभ मिलेगा। ’राज्य मिनी कलस्टर विकास योजना’ के तहत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में इन दोनों सीएफसी परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इस योजना के तहत इन सीएफसी में सामान्य सुविधाएं स्थापित करने के किए राज्य सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देगी।

25 परियोजनाओं का अनुमोदन पहले ही कर चुकी सरकार, 12 हजार इकाइयों को मिलेगा लाभ

दुष्यंत चौटाला के अनुसार 4.50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली इन दोनों परियोजनाओं के डिजाइन व फिनिशिंग से संबंधित सामान्य सुविधाओं को स्थापित करने के लिए सरकार 3.50 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करेगी। यह सीएफसी अगले छह महीने के भीतर स्थापित कर दिए जाएंगे और इससे संबंधित जिलों में रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे, जबकि साथ ही इनसे हजारों सूक्ष्म इकाइयों को अपनी उत्पादन लागत कम करने और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने में फायदा मिलेगा।

राज्य मिनी कलस्टर विकास योजना के तहत एक कलस्टर में कम से कम 10 सूक्ष्म और लघु इकाइयां होती हैं। वहां अधिकतम 2 करोड़ रुपये की लागत से सीएफसी स्थापित किया जा सकता है। इनमें 90 प्रतिशत वित्तीय सहायता राज्य सरकार देती है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव अपूर्व कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने एमएसएमई इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए कलस्टर बनाने का दृष्टिकोण अपनाया है।

उन्‍होंने बताया कि इसके तहत सूक्ष्म, लघु व मध्यम स्तर के उद्योगों में तकनीकी स्तर को बढ़ाने, बाजार तक पहुंच में सुधार, वित्तीय लिंकेज को सक्षम करने और एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की पहल की जा रही हैं। मिनी कलस्टर विकास योजना के तहत 65 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कुल 25 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है और 12 हजार से अधिक एमएसएमई को लाभान्वित करने के लिए राज्य में 14 सीएफसी शुरू किए गए हैं।

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