Move to Jagran APP

अस्पतालों में बेडों को लेकर मची मारामारी से मरीज परेशान, हरियाणा सरकार ने तलब की रिपोर्ट

CoroanVirus हरियाणा में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण अस्‍पतालों में बेड के लिए मारामरी मची हुई है। जरूरतमंद व गंभीर मरीजों के लिए बेड की उपलब्‍धता चुनौती बन गई है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने बेडों की मारामारी पर रिपोर्ट तलब की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 09:09 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 09:09 AM (IST)
अस्पतालों में बेडों को लेकर मची मारामारी से मरीज परेशान, हरियाणा सरकार ने तलब की रिपोर्ट
हरियाणा में कोरोना मरीजों के लिए बेड की मारामारी हो रही है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ,जेएनएन। CoronaVirus: कोरोना के चलते अस्पतालों में बेडों को लेकर मची मारामारी पर  हरियाणा सरकार एक्शन में आई है। सरकार ने इस मामल में रिपोर्ट तलब की है। मुख्य सचिव विजय वर्धन ने सभी उपायुक्तों से दो दिन में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों तथा मेडिकल कालेजों में दाखिल कोरोना मरीजों की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इसमें बताना होगा कि अस्पतालों में भर्ती कितने मरीज गांवों के हैं और कितने शहर के। दूसरे प्रदेशों के कितने मरीज उपचाराधीन हैं। उपायुक्तों को निर्धारित फार्मेट में हर अस्पताल में उपलब्ध सामान्य बेड, आक्सीजन बेड, आइसीयू बेड और वेंटीलेटर सहित अन्य संसाधनों का विस्तृत ब्योरा रिपोर्ट में देना होगा।

loksabha election banner

मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को और वेंटीलेटर सहित तमाम संसाधनों की रिपोर्ट देने को कहा

हरियाणा में संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में बेडों की कमी हो गई है। आलम यह है कि कई अस्पतालों ने बाहर सूचना चिपका दी है कि यहां बेड खाली नहीं हैं। इससे मरीजों को बेडों के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। प्रदेश में एक लाख से ज्यादा संक्रमित घर पर ही (होम आइसोलेट) कोरोना को हराने की जिद्दोजहद में जुटे हुए हैं। सरकारी रिपोर्ट की मानें तो सिर्फ दस से 15 हजार संक्रमित ही ऐसे हैं, जो गंभीर हैं और उन्हें बेड की आवश्यकता है। इसके उलट हर रोज बेडों की संख्या बढ़ने के बावजूद भी स्थिति जस-की-तस बनी हुई है। खासकर प्राइवेट अस्पतालों में बेडों का संकट है।

अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों के साथ ही दूसरे प्रदेशों के उपचाराधीन मरीजों की भी देनी होगी जानकारी

ऑक्सीजन आपूर्ति का सिस्टम भी गड़बड़ाया हुआ है। सरकारी दावों के अनुसार प्रदेश में आक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में है। इसके बावजूद प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत है। कई प्राइवेट अस्पताल निर्धारित कोर्ट से ज्यादा आक्सीजन की मांग कर रहे हैं, जबकि पोर्टल पर बेडों की संख्या का सही ब्योरो नहीं दे रहे हैं। इससे ऑक्सीजन आवंटन का सिस्टम बिगड़ रहा है। खासकर एनसीआर और जीटी रोड बेल्ट पर ऑक्सीजन की मांग हर रोज बढ़ रही है। आखिर आक्सीजन की डिमांड बेडों की संख्या के मुताबिक है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए सरकार ने अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की रिपोर्ट तलब की है।

यह भी पढ़ें: मुश्किल में फंसी 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की बबीता जी, हरियाणा में पुलिस में दी गई शिकायत

दिल्ली के मरीजों से बिगड़ी स्थिति

कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली में एकाएक बढ़ी संक्रमितों की संख्या से हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में दिल्ली के मरीज दाखिल हैं। इससे ऑक्सीजन की भी मांग बढ़ गई। अहम पहलू यह भी है कि निजी अस्पताल अपने यहां दाखिल दिल्ली के संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। इस पर खुद मुख्यमंत्री भी नाराजगी जता चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का मानना है कि प्रदेश में उपचाराधीन 60 से 70 फीसद संक्रमित दिल्ली के हैं जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा है।

यह भी पढ़ें: पंजाब कांग्रेस में नए समीकरण, दो 'सियासी दुश्‍मन' बाजवा व अमरिंदर में 'दोस्‍ती' का क्‍या है माजरा


यह भी पढ़ें: हरियाणा सरकार कोरोना संक्रमित लोगाें को देगी आर्थिक मदद, जानें किसे कितनी राशि मिलेगी


हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.