एनएचएम कर्मियों की बर्खास्तगी पर धर्मसंकट में हरियाणा सरकार
हरियाणा सरकार को एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल ने दुविधा में डाल दिया है। मनोहरलाल सरकार हड़ताली एनएचएम कर्मचारियों की बर्खास्तगी को लेकर पशोपेश में है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में नौ दिनों से हड़ताल कर रहे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों के मामले में सरकार धर्मसंकट में फंसी नजर आ रही है। एक तरफ तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हड़ताली कर्मचारियों को बर्खास्तगी के लेटर थमा रहे हैं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिर्फ चेतावनी देने की बात कर रहे हैं। सरकार ने मामले को निपटाने के लिए आज बैठक बुलाई है। इस बैठक में काेई ठोस फैसला होने की संभावना है।
केंद्र सरकार के एनएचएम प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 10,601 एनएचएम कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 4693 कर्मचारी काम पर लौट चुके हैं, जबकि 5908 अभी हड़ताल पर हैं। बीते रोज स्वास्थ्य मंत्री ने 3728 एनएचएम कर्मियों को हटाने के पत्र जारी करा दिए थे।
सीएम ने खुद संभाली कमान
मामला बिगड़ते देख मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद कमान संभाल ली है। चिंतन शिविर के लिए शुक्रवार से तीन दिन के लिए हिमाचल जा रही सरकार की कोशिश है कि आज की बैठक में कोई निर्णायक फैसला लेकर हड़ताल समाप्त करा दी जाए।
इन मांगों पर अड़े हैं एनएचएम कर्मी
एनएचएम कर्मी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सभी कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम के लिए समान वेतन देने और सेवानियम का ड्राफ्ट जारी करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वे 5 दिसंबर से धरना दे रहे हैं।
बर्खास्त नहीं किया : मनोहर
सीएम मनोहरलाल ने रोहतक में कहा कि एनएचएम कर्मियों को बर्खास्त नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें चेतावनी दी गई है। वे काम पर लौटते हैं तो यह प्रदेश हित में होगा। एनएचएम योजना के तहत केंद्र सरकार का 40 फीसद शेयर है। इसके अनुसार कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए 14 फीसद मानदेय बढ़ाया गया है। अन्य कई मांगों पर भी विचार किया गया है।
मान ली थीं जायज मांगें : विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में कहा कर्मियों की सभी जायज मांगें सरकार ने मान ली थीं। वेतन में भी वृद्धि कर दी थी, मगर फिर भी कर्मचारियों ने हड़ताल की। एनएचएम कर्मी स्थायी करने की मांग कर रहे है जो राज्य सरकार के हाथ में नहीं है। वे केंद्र सरकार के अधीन हैं। स्वास्थ्य विभाग में इस तरह की हड़ताल नहीं होनी चाहिए।
थमाए जा रहे बर्खास्तगी के पत्र
एक तरफ सरकार हड़ताल खत्म करने को बैकफुट पर है, दूसरी ओर उन्हें बर्खास्तगी के पत्र थमाए जा रहे हैं। बुधवार को अंबाला में 260 और पानीपत में 35 हड़ताली कर्मियों को बर्खास्तगी लेटर थमा दिए हैं। जींद में भी 180 कर्मियों पर कार्रवाई की तैयारी है।
विपक्ष भी हुआ लामबंद
नौ दिन से चल रही हड़ताल को समाप्त न करा पाने पर विपक्ष को भी मुद्दा मिल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हड़ताली कर्मियों के पास पहुंच रहे हैं। बुधवार को वह कुरुक्षेत्र में पहुंचे। इनेलो नेता भी सरकार पर दबाव बना रहे हैं।