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पंचायतों में अवैध कब्जे पर हरियाणा सरकार और अफसरों चौकस, कोर्ट ने दिखाया था कड़ा रुख

हरियाणा में ग्राम पंचायत क्षेत्रों में अवैध कब्‍जों की भरमार है। इन अवैध कब्‍जों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट और सुपीम काेर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। अब हरियाणा सरकार और राज्‍य के अफसर चौकस हो गए हैं व कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:20 PM (IST)
पंचायतों में अवैध कब्जे पर हरियाणा सरकार और अफसरों चौकस, कोर्ट ने दिखाया था कड़ा रुख
हरियाणा के पंचायत क्षेत्रों से अवैध कब्‍जे हटाए जाएंगे।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद अब अफसरशाही भी चौकस हो गई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह के भीतर पंचायतों पर हुए अवैध कब्जे हटवाने तथा कब्जा नहीं छोड़ने वालों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हरियाणा सरकार की ओर से भी हाईकोर्ट में जानकारी दी गई कि वह अवैध कब्जे हटाने को लेकर खासी गंभीर है। अब इसका असर निचले स्तर पर अधिकारियों में देखने को मिल रहा है। अधिकारियों ने गांवों में पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जे करने वालों के खिलाफ अभियान चलाने का संकेत दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद अब कब्जाधारी पंचायतों पर होगी कार्रवाई

यह काम हालांकि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का है और इसमें राजस्व तथा पुलिस विभाग का सहयोग जरूरी है, लेकिन सामाजिक संगठनों, सरपंचों तथा कुछ राजनेताओं की जागरूकता के चलते अवैध कब्जे हटाने का अभियान कामयाब हो सकता है। चरखी दादरी की पंचायत घिकाड़ा के सरपंच सोमेश कुमार ने इस मुहिम की शुरुआत की है।

इसके बाद कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने भी अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान छेड़ने की बात कही है। सरपंच सोमेश ने अवैध कब्जा नहीं हटवा पाने के संबंध में मुख्य सचिव, विभाग के प्रधान सचिव और चरखी दादरी के जिला उपायुक्त को कानूनी नोटिस भी भेज रखा है।

मंडलायुक्त डी सुरेश ने की दादरी की घिकाड़ा पंचायत पर अवैध कब्जाधारियों की अपील खारिज

हर गांव में पंचायती शामलात की जमीन होती है। प्रदेश सरकार इस जमीन पर न केवल उद्योग धंधे खोलना चाहती है, बल्कि कुटीर व लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने की योजना है। इसी जमीन पर गोशालाएं और गोचरान की जमीन छोड़ने तथा बायोगैस प्लांट लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, लेकिन अवैध कब्जाधारी सरकार की इस मंशा में बड़ी बाधा बने हुए हैं। हालांकि राजनीतिक संरक्षण के बिना यह कब्जे संभव नहीं है।

हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना बुधवार को शुरू होती दिखाई दी। रोहतक के मंडलायुक्त डी सुरेश ने चरखी दादरी की पंचायत घिकाडा के अवैध कब्जाधारियों की अपील को खारिज कर दिया। कब्जाधारियों को बार-बार इस बात के सबूत पेश करने को कहा गया कि उन्होंने पंचायती जमीन पर कब्जा नहीं कर रखा है। उनके द्वारा सबूत दिखाने की बजाय कोर्ट नहीं आने को मंडलायुक्त ने संदेहास्पद माना।

घिकाड़ा ग्राम पंचायत की तरफ से सोमेश सरपंच ही अदालत मे पेश हुए। सोमेश सरपंच ने सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी चरखी दादरी की अदालत मे केस दायर किए थे, जहां फैसला ग्राम पंचायत के हक मे आया। उसके बाद अवैध कब्जाधारी कलेक्टर दादरी की कोर्ट मे गए। वहां भी अवैध कब्जाधारी कोई सबूत पेश नहीं कर पाए और कलेक्टर कोर्ट ने ग्राम पंचायत के हक मे दिए गए सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी की कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।

उसके बाद अवैध कब्जाधारी रोहतक के मंडलायुक्त डी सुरेश की कोर्ट मे गए, जहां हर तारीख पर उन्हें सबूत पेश करने को कहा गया। आखिरकार मंडलायुक्त की कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया तथा ग्राम पंचायत के हक मे फैसला सुनाया। मंडलायुक्त की कोर्ट ने सरपंच द्वारा अवैध कब्जा हटाने की पहल की सराहना करते हुए टिप्पणी की है कि बाकी सरपंचों को भी इस दिशा में काम करना चाहिए।

बहस के दौरान सोमेश सरपंच ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया कि ग्राम पंचायत की जमीन से अवैध कब्जे जल्द हटवाए जाएं। जिलाधीश चरखी दादरी ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी झोझु सुभाष को शांति व्यवस्था बनाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।


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