कैसे होगी धरती हरी-भरी, हरियाणा के वन विभाग में बढ़ते जा रहे अफसर, घटते जा रहे कर्मचारी
हरियाणा वन विभाग में कई पद रिक्त पड़े हैं। आलम यह है कि अफसरों के पद भरे जा रहे हैं लेकिन कर्मचारियों की भर्ती 2004 के बाद से नहीं हुई।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में वन क्षेत्र बढ़ाने के दावे पिछले कई सालों से किए जा रहे हैं, मगर असलियत यह है कि वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए वन विभाग के पास न तो अमला है और न ही कोई ठोस कार्य योजना। हरियाणा सरकार हालांकि साढ़े छह फीसदी वन क्षेत्र होने का दावा करती है, लेकिन आरटीआइ में मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा का वन क्षेत्र मात्र 3.7 फीसद ही है।
हरियाणा किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष एडवोकेट विजय बंसल ने आरटीआइ के जरिये जानकारी जुटाई कि इतने कम वन क्षेत्र के लिए कार्ययोजनाएं बनाने को आठ पीसीसीएफ बनाकर सरकारी खजाने पर राजस्व का अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है, जबकि रेंजर, फोरेस्ट गार्ड और फोरेस्टर्स की संख्या कम कर दी गई। कृषि वानिकी (एग्रो फॉरेस्ट्री) भी अब कृषि विभाग के अंतर्गत है। अधिकतर तरह का पौधरोपण व पेड़ों की देखभाल बागवानी विभाग के अंतर्गत दे दिए गए हैं। ऐसे में वन विभाग के पास आठ पीसीसीएफ के लिए कोई खास कार्य नहीं बचता है।
हरियाणा में 2004 के बाद फोरेस्ट रेंजर की नई भर्ती नहीं
हरियाणा वन विभाग में कुल स्वीकृत पद 4504 हैं, जिसमे से 2690 पदों पर कर्मचारी कार्यरत है। हरियाणा फारेस्ट ऑफिसर (एचएफएस) के पद 54 स्वीकृत हैं जिनमें से 33 कार्यरत हैं। फोरेस्ट रेंजर के 126 पद स्वीकृत हैं, जबकि 45 कार्यरत हैं। डिप्टी रेंजर के 123 पद स्वीकृत हैं जबकि 60 कार्यरत हैं। फोरेस्टर के 487 पद स्वीकृत हैं जबकि 137 कार्यरत हैं। फोरेस्ट गार्ड के 1493 पद स्वीकृत हैं जबकि 793 ही कार्यरत हैं। इसके साथ ही वन्य प्राणी विभाग में वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर के 20 पद स्वीकृत हैं, जबकि 15 कार्यरत हैं। वाइल्ड लाइफ गार्ड के 74 पद स्वीकृत हैं और 23 कार्यरत हैं। विजय बंसल की आरटीआई के अनुसार पहले सिर्फ दो ही पीसीसीएफ के पद स्वीकृत थे, जो कि अब बढ़ाकर आठ कर दिए गए। प्रदेश में 2004 के पश्चात किसी भी फ़ॉरेस्ट रेंजर की नई भर्ती नहीं हुई है।