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कृषि अध्यादेशों में संशोधन के लिए हरियाणा के किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को सौंपे आठ सुझाव

कृषि अध्यादेशों में संशोधन के लिए किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को आठ सुझाव दिए हैं। मंत्री ने इस पर गौर करने का आश्वासन दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 10:06 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 12:46 PM (IST)
कृषि अध्यादेशों में संशोधन के लिए हरियाणा के किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को सौंपे आठ सुझाव
कृषि अध्यादेशों में संशोधन के लिए हरियाणा के किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को सौंपे आठ सुझाव

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा प्रदेश भाजपा समर्थित किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों में संशोधन के लिए आठ सुझाव केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपे। किसानों के इस प्रतिनिधिमंडल के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल और सांसद धर्मबीर सिंह, नायब सैनी, बृजेंद्र सिंह भी थे। ये सुझाव तीनों भाजपा सांसदों की कमेटी ने कृषि अध्यादेश लोकसभा में पेश किए जाने से पहले किसानों से चर्चा कर तैयार किए थे।

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मंगलवार को तोमर से मुलाकात करने से पहले धनखड़ और दलाल ने भाजपा सांसदों ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हरियाणा भवन में चर्चा कर संशोधन सुझावों को अंतिम रूप दिया। दलाल ने बताया कि 10 अगस्त को इन अध्यादेशों के विरोध में कुरुक्षेत्र के पीपली में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस होंगे। इसके लिए किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल व गृहमंत्री अनिल विज के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी इसके लिए राज्य सरकार से सिफारिश करेंगे।

कृषि मंत्री ने दिया आश्वासन

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि किसानों के सुझावों को केंद्रीय कृषि मंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। कृषि मंत्री ने हमें यह भी आश्वासन दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। मंडियों का प्रारूप पहले जैसा ही रहेगा। तीनों कृषि अध्यादेश किसानों के हित में ही बनाए गए हैं। इन अध्यादेशों को किसान और आढ़तियों के खिलाफ बताकर कुछ राजनीतिक दल झूठ बोल रहे हैं। कुछ लोग इन राजनीतिक दलों का मोहरा बनकर सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं।

आठ संशोधन प्रस्ताव जो धनखड़ के साथ किसानों ने तोमर को सौंपे

  1. फसलों की सरकारी खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की नीति में कोई बदलाव न हो।
  2. अनाज मंडियों में सरकारी खरीद की मौजूदा व्यवस्था यथावत रहे।
  3. फसल की सरकारी खरीद का भुगतान सीधे किसानाें के बैंक खाते में जाए।
  4. किसान को स्वयं और किसान उत्पादक संघ के जरिये अपने उत्पाद का खुदरा व्यापार करने की नीति को और कारगर बनाया जाए
  5. मंडियों से अलग फसल खरीदने वाले व्यापारियों का भी सरकार द्वारा पंजीकरण किया जाए।
  6. किसानों की फसल खरीदने के सभी ई-प्लेटफार्म सरकार से पंजीकृत हों ताकि कोई किसानों से धोखाधड़ी न कर सके।
  7. व्यापारी और किसान के बीच विवाद के निपटारे के लिए एसडीएम की कोर्ट में दो व्यापारी और दो आढ़ती प्रतिनिधियों का भी उपभोक्ता अदालत की तर्ज पर प्रावधान हो।
  8. मंडियों या मंडियों से बाहर फसल की खरीद के लिए सरकारी ई-मंडी प्लेटफार्म हो, जिसमें खरीद-फरोख्त का विवरण दर्ज हो। ई-मंडी प्लेटफार्म से ही किसान अपनी फसल बेचने का विवरण प्राप्त कर सकें।

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