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पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार देने में सहायक होगी हरियाणा की इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी, पढ़ें क्या है इसमें खास

हरियाणा कैबिनेट ने राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी को मंजूरी दे दी है। बी सी और डी श्रेणी के औद्योगिक क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन इकाई लगाने पर राज्य सरकार की ओर से विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:28 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार देने में सहायक होगी हरियाणा की इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी, पढ़ें क्या है इसमें खास
इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर भी देगी। सांकेतिक फोटो

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा की इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ औद्योगिक विस्तार और राेजगार के संसाधन विकसित करने पर जोर दिया गया है।

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पालिसी में जहां आम उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहन खरीद के लिए अनेक तरह की छूट दी गई है, वहीं वाहन उत्पादन उत्पादन बढ़ाने के लिए उद्योग जगत को भी प्रोत्साहित किया गया है। बी, सी और डी श्रेणी के क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग स्थापित करने पर लागत कम करने के भी प्रविधान किए गए हैं।

इसमें प्लांट, मशीनरी में छूट के लिए विभिन्न श्रेणियों में 15 लाख से एक करोड़ रुपये तक की छूट का प्रविधान किया गया है। इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाले उद्योग को रोजगार देने पर प्रतिवर्ष प्रति कर्मी 48 हजार रुपये का अनुदान भी राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा। पालिसी लागू होने से अगले पांच साल तक इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए 823.31 करोड़ रुपये का बजट अनुमानित किया गया है।

हरियाणा की पालिसी में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक माेबिलिटी व्हीकल पालिसी 2019 का समावेश किया गया है। इसमें सात अन्य प्रदेशों में बन चुकी पालिसी से कुछ अलग प्रविधान हैं, ताकि लोगों का इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति आकर्षण बढ़ाया जा सके।

छूट और प्रोत्साहन के अलावा राज्य सरकार ने पालिसी में यह भी ध्यान रखा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढ़ने पर चार्जिंग स्टेशन की सुविधा वाहन चालक को मिले। वाहनों में प्रयोग होने वाली बैटरी के निर्माण के लिए भी अलग से उद्योग लगें और इन बैटरी के खराब होने पर इनकी डिस्पोजल के लिए भी विशेष प्रबंध किए जाएंगे। राज्य में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए विद्युत गतिशीलता के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा भी पालिसी में दिया गया है।

मोटर व्हीकल टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट

  • दो पहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल, पहले 30 हजार वाहनों के लिए 100 फीसद, पहले 30 हजार के लिए 200 रुपये
  • तिपहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल, पहले 15 हजार वाहनों के लिए 100 फीसद, पहले 15 हजार के लिए 200 रुपये
  • चार पहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल, पहले 10 हजार वाहनों के लिए 75 फीसद, पहले 10 हजार के लिए 500 रुपये
  • चार पहिया हाईब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल, पहले 2500 वाहनों के लिए 25 फीसद, पहले 2500 के लिए 500 रुपये
  • इलेक्ट्रिक बस, पहली एक हजार बसों के लिए 75 फीसद, पहली एक हजार बसों के लिए 500 रुपये

रोजगार भी मिलेगा

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि पेट्रोल-डीजल ईंधन पर संचालित वाहन पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है। गंभीर स्वास्थ्य खतरा भी पैदा कर रहे हैं। जीवाश्म ईंधन का स्टाक भी दुनिया में तेजी से घट रहा है। वस्तुस्थित को ध्यान में रखते हुए वाहनों के संचालन के लिए इलेक्ट्रिक वाहन पालिसी बनाई गई है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन और खरीद काे प्रोत्साहन के साथ रोजगार भी मिलेगा।

डाटा सेंटर बनेगा नया उद्योग, हजारों को मिलेगा रोजगार

हरियाणा में दिल्ली से सटे गुरुग्राम-फरीदाबाद सहित अन्य शहरों में डाटा सेंटर उद्याेग अब रफ्तार पकड़ेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने डाटा सेंटर पालिसी तैयार की है जिस पर सोमवार को मनोहर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।

हरियाणा में अगले सात साल में 100-125 डाटा केंद्र बनने की उम्मीद है जिसमें करीब 7500 करोड़ रुपये का निवेश होगा और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। हरियाणा को वैश्विक डेटा सेंटर हब के रूप में स्थापित करने के लिए डाटा सेंटरों को 24 घंटे पानी और सस्ती बिजली से लेकर राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) में प्रतिपूर्ति, स्टांप शुल्क और संपत्ति कर सहित विभिन्न मदों में रियायतें दी जाएंगी।

एक मेगावाट या इससे अधिक बिजली खपत करने वाले डाटा सेंटर को ए और बी श्रेणी के ब्लाकों में 10 वर्षों के लिए कुल एसजीएसटी की 50 प्रतिशत और सी व डी श्रेणी के ब्लाकों में एसजीएसटी की 75 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी। बिजली बिल में तीन साल के लिए कुल एसजीएसटी के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी। डेटा सेंटर की स्थापना के लिए बिक्री/पट्टा विलेखों पर भुगतान किया गया पूरा स्टांप शुल्क वापस होगा।

20 साल के लिए बिजली शुल्क नहीं देना होगा। प्रत्येक कर्मचारी के लिए सरकार 10 वर्षों तक 48 हजार रुपये सालाना सब्सिडी देगी। संपत्ति कर औद्योगिक दरों के बराबर होगा।

डेटा सेंटर से संबंधित बुनियादी ढांचे को हरियाणा बिल्डिंग कोड के तहत एक अलग ईकाई के रूप में शामिल करेगी जो एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) में छूट और बिल्डिंग डिजाइन तथा निर्माण मानदंड प्रदान करेगी। बिजली जनरेटर को जी 4 स्तरों तक स्थापित करने की अनुमति होगी।

डाटा सेंटर के निर्माण से संबंधित सभी अनुमोदन जैसे भवन योजना अनुमोदन, अस्थायी बिजली कनेक्शन, अग्निशमन योजना, स्थापना की सहमति इत्यादि डेटा केंद्रों को आवेदन की प्राप्ति के 10 कार्य दिवसों के भीतर दिए जाएंगे।

क्या होता है डाटा सेंटर

डेटा सेंटर में किसी कंपनी की आइटी गतिविधियों और उपकरणों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। इन सुविधाओं में डाटा स्टोरेज, सूचनाओं की प्रोसेसिंग और दूसरे स्थान पर उसे पहुंचाना और कंपनी के एप्लिकेशन से जुड़े कामकाज शामिल हैं। इसे किसी सर्वर की तरह मान सकते हैं जहां से किसी कंपनी का पूरा आइटी आपरेट होता है। आनलाइन के बढ़ते जमाने में ऐसे डाटा सेंटर की भारी मांग है क्योंकि डाटा को किसी जगह सुरक्षित रखना भी अपने आप में चुनौती है।


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