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कोरोना के झटकों से उबर रही हरियाणा की अर्थव्यवस्था अब पकड़ेगी रफ्तार, सीएम ने उठाए खास कदम

हरियाणा की अर्थ व्‍यवस्था अब कोरोना के झटकों से उबर रही है और उम्‍मीद है कि यह जल्‍द ही रफ्तार पकड़ेगी। राज्‍य के बजट में मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने अर्थ व्‍यवस्‍था को गति देने के लिए जो कदम उठाए हैं उसका असर जल्‍द दिखने की उम्‍मीद है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 10:05 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 10:05 AM (IST)
कोरोना के झटकों से उबर रही हरियाणा की अर्थव्यवस्था अब पकड़ेगी रफ्तार, सीएम ने उठाए खास कदम
हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल पत्रकारों से बात करते हुए।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना के झटकों से उबरते हुए हरियाणा की अर्थव्यवस्था अब और रफ्तार पकड़ेगी। प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण में सुस्ती के शिकार औद्योगिक क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई गई है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) में सेवा क्षेत्र की भी भागीदारी बढ़ेगी। महामारी के चलते घटी प्रति व्यक्ति आय में फिर से इजाफा होगा। खासकर कृषि क्षेत्र पर काफी उम्मीदें टिकी हैं।

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मुख्यमंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण में दिखाई विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगामी वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करने के साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी है। इसके मुताबिक चालू कीमतों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद सात लाख 64 हजार 872 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जोकि वर्ष 2019-20 की वृद्धि दर 10.7 फीसद की तुलना में दो फीसद की नकारात्मक वृद्धि को दर्शाता है।

सकल राज्य घरेलू उत्पाद में बढ़ेगी सेवा क्षेत्र की भी भागीदारी

सकल राज्य घरेलू उत्पाद में बढ़ेगी सेवा क्षेत्र की भी भागीदारीसकल राज्य घरेलू उत्पाद स्थिर कीमतों (2011-12) पर 5.7 फीसद की नकारात्मक वृद्धि के साथ पांच लाख 28 हजार 70 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है। हालांकि कोरोना के चलते वर्ष 2020-21 में अखिल भारतीय स्तर पर नकारात्मक वृ़द्धि की दर आठ फीसद रही है, जिसकी तुलना में हरियाणा का प्रदर्शन बेहतर है।

घटी प्रति व्यक्ति आय में फिर होगा इजाफा, कृषि क्षेत्र पर टिकी काफी उम्मीदें

प्रदेश में योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क (ढांचा) में बदलाव किया है। बजट की कमी या दूसरे कारणों के चलते अब अल्पावधि में योजनाएं दम नहीं तोड़ेंगी बल्कि दीर्घकालिक चलेंगी। इसके लिए हर वर्ष बजट भी आवंटित होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 132 योजनाओं को बंद करते हुए बजट का विलय किया तो साथ ही नई योजनाओं को व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए उनके ढांचे में बदलाव किया है। अब योजनाओं की अवधि तीन वर्ष की बजाय दस साल की होगी।

परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा। नियमित बजट आवंटन करते समय परंपरागत वार्षिक समय-सीमा का भी पालन किया जाएगा। मध्यम अवधि परिव्यय फ्रेम वर्क विशेष रूप से सृजित किए गए कोष में निहित रहेगा। इसके साथ ही योजनाओं के लिए आवंटित की राशि को खर्च करने के लिए आउटपुट-आउटकम फ्रेम वर्क भी विकसित किया गया है।

बगैर कोई नया कर लगाए 500 करोड़ जुटाएगी सरकार

प्रदेश सरकार ने भले ही बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है, लेकिन दूसरे तरीकों से 500 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ाया जाएगा। जनता पर बिना बोझ डाले मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआइटी) के तहत नगर पालिकाओं की संपत्तियों बस-अड्डे, गेस्ट हाउस व हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड सहित सार्वजनिक उपक्रम की संपत्तियों को शामिल करने की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकारी विभागों के राजस्व को बढ़ाने के लिए आपसी विवादों को भी समाप्त किया जाएगा।

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