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Haryana Budget 2021-22: ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की खपत पर पंचायत को मिलेगा दो प्रतिशत कर

Haryana Budget 2021-22 बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने का खाका भी खींच दिया है। घोषणा की कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत ज्यादातर योजनाओं को पंचायती राज संस्थाओं को स्थानांतरित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 05:44 PM (IST)
Haryana Budget 2021-22: ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की खपत पर पंचायत को मिलेगा दो प्रतिशत कर
बिजली की खपत पर पंचायतों को मिलेगा टैक्स। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। शिक्षित पंचायतों की परिकल्पना के कर्णधार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्राम पंचायतों को और मजबूत करने की योजना बनाई है। शुक्रवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट में उन्होंने लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की परिपाटी के तहत पंचायतों की शक्तियां बढ़ा दी हैं। साथ ही पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने का खाका भी खींच दिया है। उन्होंने घोषणा की कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत विभिन्न विभागों की ज्यादातर योजनाओं को पंचायती राज संस्थाओं को स्थानांतरित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

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इसके बाद ग्रामीण विकास के लिए जिला या प्रदेश स्तर पर पंचायतों की निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसी मुहिम के तहत ग्राम दर्शन के नाम से एक पहल की गई है। यह ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में लोगों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करेगी और विकास कार्यों में निर्णय करने की शक्ति का विकेंद्रीकरण करेगी।

इसी साल से सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति मूल्य के दो प्रतिशत के बराबर स्टाम्प शुल्क का अधिभार भी लगाया है। साथ ही बिजली खपत पर दो प्रतिशत उप कर लगाया गया है। इन दोनों ही मदों से प्रदेश भर की पंचायती राज संस्थाओं को 500 करोड़ रुपये की सालाना आय होगी। इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए पांच लाख रुपये से अधिक की अनुमानित लागत के सभी कार्य केवल ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कराए जाएंगे और निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी।

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ग्रामीण कचरा प्रबंधन पर रहेगा जोर

सदन में मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य को जून 2017 में शौच मुक्त घोषित किया गया था। अब इस मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ओडीएफ की स्थिति, ठोस व तरल कचरा प्रबंधन की स्थिरता निरंतर कायम रखने पर बल दिया जाएगा। 663.20 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कचरा प्रबंधन की कुल 1542 और तरल कचरा प्रबंधन की 1807 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

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यह रहेंगे फोकस एरिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीणों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। इसमें पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तीकरण, स्वच्छता, ठोस कचरा प्रबंधन, ग्रामीण जीवन के मूल्य संवर्धन, ग्रामीण स्तर पर उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और शहरी स्थानीय निकायों को और अधिक जीवंत बनाने पर बल दिया जाएगा। धारणा है कि केवल समग्र विकास ही गारंटी न हो, बल्कि उसे बनाए भी रखा जा सके।

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