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भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की तैयारी में हरियाणा भाजपा, पदाधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण

हरियाणा में निकाय चुनावों में मिली जीत के बाद भाजपा विधानसभा व लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। सूरजकुंड में 15 से 17 जुलाई तक तक पार्टी के प्रमुख नेताओं और पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 01:46 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 01:46 PM (IST)
भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की तैयारी में हरियाणा भाजपा, पदाधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़ व सीएम मनोहर लाल की फाइल फोटो।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा अभी से लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। शहरी निकाय चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित भाजपा ने अपने सभी प्रमुख पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को लगातार तीन दिन तक प्रशिक्षण देने की कार्य योजना बनाई है।

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देश और प्रदेश में राजनीतिक बदलाव के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में मंथन किया जाएगा। भाजपा का फोकस राज्य में तीसरी बार खुद के बूते अपनी सरकार बनाने पर है।

राष्टीय राजधानी दिल्ली से सटे सूरजकुंड में 15 से 17 जुलाई तक यह प्रशिक्षण चलेगा, जिसमें भाजपा के शीर्ष नेता अपनी टीम को हर तरह से पारंगत करने पहुंचेंगे। दिल्ली के नजदीक होने की वजह से पार्टी के शीर्ष नेताओं का सूरजकुंड पहुंचना आसान होता है।

2019 के चुनाव में 75 पार सीटों का नारा देने के बावजूद भाजपा 40 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी, जिस कारण उसे इनेलो के बिखराव से उपजी 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार चलानी पड़ रही है। पंचकूला में हुई भाजपा की प्रदेश परिषद की बैठक में भाजपा चुनाव में अकेला उतरने का संकेत पहले ही दे चुकी थी।

शहरी निकाय चुनाव से ठीक पहले भाजपा व जजपा गठबंधन में दरार भी आ गई थी। भाजपा ने जजपा को अपने से दूर कर अकेले ही शहरी निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। इससे नाराज जजपा भी चुनाव मैदान में कूद पड़ी थी।

बदली परिस्थितियों में कांग्रेस द्वारा खुद को शहरी निकाय चुनाव से अलग करने के बाद जब भाजपा को लगा कि अब मुकाबला उसकी सहयोगी पार्टी जजपा के साथ ही होगा तो दोबारा से गठजोड़ का ऐलान कर दिया गया। यह अलग बात है कि इस गठजोड़ के बावजूद जजपा शहरी निकाय चुनाव में कोई खास कमाल नहीं कर पाई।

नूंह नगर परिषद और शाहबाद नगरपालिका के चेयरमैनों की जीत को यदि छोड़ दें तो जजपा के पास गिनाने के लिए बहुत कुछ नहीं है। हालांकि जजपा महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी गांवों की है, लेकिन शहरी निकाय चुनाव में भी जजपा ने शानदार एंटरी की है।

इस दावे के विपरीत नूंह में विजयी जजपा उम्मीदवार की पृष्ठभूमि भी भाजपा के बगावती चेहरे की बताई जाती है। वह पहले भाजपा का टिकट चाहता था, लेकिन नहीं मिल पाया। उचाना, बरवाला और डबवाली में जजपा की हार को भाजपा गंभीरता से ले रही है और मानकर चल रही है कि भले ही सरकार में जजपा ने उसे समर्थन दे रखा है, लेकिन चुनाव में वह भाजपा के कंधे पर सवार होकर वैतरणी पार करने का ही इरादा रखती है।

भाजपा का एक बड़ा तबका चाहता है कि भविष्य में अकेले ही चुनाव लड़ा जाए, लेकिन एक गुट इस गठबंधन को लोकसभा और विधानसभा चुनाव तक बरकरार रखने के हक में हैं, ताकि नतीजों के बाद ही कोई अगला निर्णय लिया जा सके।

इस कड़ी में भाजपा ने कमजोर कड़ी के रूप में हरियाणा की तीन लोकसभा सीटें रोहतक, सोनीपत और गुरुग्राम चिन्हित की हैं। रोहतक से डा. अरविंद शर्मा, सोनीपत से रमेश कौशक और गुरुग्राम से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सांसद हैं। अरविंद शर्मा मुख्यमंत्री के साथ सीधा टकराव ले चुके हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा उन्हें पार्टी की रीति-नीति समझाने के बाद अरविंद शर्मा पटरी पर आए और मुख्यमंत्री से अपने रिश्तों में सुधार की पहल की।

हुड्डा के गढ़ वाली सीटों पर भाजपा की खास निगाह

केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को भाजपा हालांकि नजरअंदाज नहीं कर सकती, लेकिन दक्षिण हरियाणा में उनका एकाधिकार तोड़ने की चाह जरूर पार्टी के नेताओं की है। रोहतक के साथ-साथ सोनीपत को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है।

सोनीपत से रमेश कौशिक भले ही भाजपा के टिकट पर सांसद हैं, लेकिन पार्टी इस सीट को भी कमजोर मानकर उसे मजबूत बनाने की दिशा में प्रयासरत है। रमेश कौशिक की गिनती पार्टी के गरमदल गुट के सांसदों में होती है। इनमें भिवानी के सांसद धर्मबीर का नाम भी जोड़ा जाता रहा है।

इन तीनों लोकसभा सीटों के लिए पार्टी ने प्रभारी नियुक्त कर दिये हैं। इसी तरह, भाजपा कुछ ऐसी विधानसभा सीटें चिन्हित करने वाली है, जिसे कमजोर कड़ी मानकर वहां धरातल पर काम करने की जरूरत है।

राष्टीय परिषद में शामिल होने हैदराबाद जाएंगे मनोहर और धनखड़

हरियाणा व देश के राजनीतिक परिदृश्य में लगातार बदलाव होते रहते हैं। भाजपा की रणनीति अपने कार्यकर्ताओं को हर तरह की परिस्थिति से अपडेट करने की है। सूरजकुंड की प्रशिक्षण कार्यशाला में मीडिया से मधुर संबंध, जनता के बीच जाकर उसकी जरूरत की जानकारी तथा सरकार व संगठन के बीच तालमेल बढ़ाने के साथ ही विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति पर चर्चा की जानी प्रस्तावित है।

हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने सूरजकुंड में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की पुष्टि की है। साथ ही कहा है कि इसमें दिशा-निर्देश देने वाले नेताओं की सूची तैयारी की जानी बाकी है।

उन्होंने बताया कि इससे पहल दो व तीन जुलाई को हैदराबाद में भाजपा परिषद की बैठक होगी, जिसमें हरियाणा से पांच नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वयं ओमप्रकाश धनखड़, संगठन मंत्री रवींद्र राजू, सांसद सुनीता दुग्गल और खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह सिंह शामिल होंगे।


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