आरपार की लड़ाई में जिंदगी की जंग हार गए जीएस चावला
चंडीगढ़ में कम होने के खिलाफ जीएस चावला आरपार की लड़ाई का मूड बना चुके थे।
राजेश मलकानिया, पंचकूला : पंजाब में पेट्रोल एवं डीजल पर वैट अधिक और चंडीगढ़ में कम होने के खिलाफ जीएस चावला आरपार की लड़ाई का मूड बना चुके थे। लगातार पंजाब सरकार एवं चंडीगढ़ प्रशासन पर जीएस चावला हमलावर थे। पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ऑफ पंजाब के सदस्यों के साथ मिलकर चावला भूख हड़ताल पर भी बैठ गए थे। चावला चाहते थे कि उनकी इस जंग का मोहाली एवं पंचकूला के पेट्रोल पंप मालिकों को लाभ पहुंचे, क्योंकि यह दोनों जिले ट्राईसिटी का हिस्सा हैं। चंडीगढ़ में पेट्रोल एवं डीजल पंचकूला एवं मोहाली के मुकाबले सस्ता है। लोग चंडीगढ़ आकर पेट्रोल एवं डीजल डलवा लेते हैं और नुकसान मोहाली एवं पंचकूला के पंप मालिकों को होता है। कुछ माह पूर्व पंजाब के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जीएस चावला की भूख हड़ताल खुलवाते हुए दूसरे चरण में पेट्रोल और डीजल पर वैट के युक्तिकरण का आश्वासन दिया था। चन्नी ने एसोसिएशन को बताया था कि सरकार पड़ोसी राज्यों के बराबर पेट्रोल और डीजल पर वैट लाने के पक्ष में है। लॉकडाउन के बाद फिर सक्रिय हुए थे चावला
लॉकडाउन खत्म होने के बाद चावला फिर से सक्रिय हो गए थे, क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्य सचिव को प्राथमिकता के आधार पर इस क्षेत्र में पेट्रोल और डीजल पर वैट में समानता के मामले को देखने और एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। चावला बार-बार यही कह रहे थे कि वैट नीति ने राज्य के खजाने को खत्म कर दिया है और उनके कारोबार को इस हद तक प्रभावित किया कि राज्यभर के हजारों पेट्रोल पंप कर्मचारियों की आजीविका खतरे में है। लेकिन उनकी बात को पंजाब सरकार ने संजीदगी से नहीं लिया और आखिरकार चावला जिंदगी की जंग हार गए।