सरकार का बड़ा फैसला, अब कर्मचारियों की मौत से पहले भी आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरी
मनोहरलाल सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के नियम में संशोधन किया है। अब कर्मचारी की मौत से पहले भी उसके आश्रित को नौकरी मिल सकेगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने पहली बार किसी कर्मचारी की मृत्यु से पहले ही उसके बेटे को एक्सग्रेसिया (अनुकंपा) के आधार पर नौकरी देने का निर्णय लिया है। दो साल से कोमा (बेहोशी) में चल रहे ईएसआइ धर्मबीर के पुत्र विकास को कांस्टेबल की नौकरी मिलेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा सहायता (संशोधन) नियम, 2014 में बदलाव को मंजूरी दे दी।
कोमा में गए ईएसआइ के बेटे को एक्सग्रेसिया की नौकरी
बता दें कि 8 सितंबर 2017 को उपमंडलीय न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्रगढ़ (नारनौल) की अदालत के समक्ष अभियुक्तों को पेश करने के लिए ईएसआइ धर्मबीर और सात अन्य पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया था। इसी दौरान पांच बदमाश हथियारों के साथ आए और पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। मुठभेड़ के बाद बदमाश आरोपित को पुलिस से छुड़ाकर ले गए।
घायल पुलिसकर्मी के आश्रितों की मदद के लिए सरकार ने मानवीय आधार पर बदला नियम
इस हमले में ईएसआइ धर्मबीर और दो अन्य पुलिस कर्मचारी गोली लगने से घायल हो गए। ईएसआइ के सिर में गोली लगी थी और वह अभी भी बेहोश और गंभीर हालत में है। हालांकि उनके इलाज के लिए हरियाणा पुलिस कल्याण कोष से पांच लाख रुपये और मेडिकल प्रतिपूर्ति के तहत अन्य राशि मंजूर की गई है, लेकिन परिवार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इलाज का खर्च वहन कर सके।
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विधि विभाग में पदोन्नति या स्थानांतरण से भरेंगे अफसरों के पद
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विधि एवं विधायी विभाग (ग्रुप-क) सेवा नियम के प्रारूप को मंजूरी दी गई। 21 वर्ष से कम या 42 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को सीधी भर्ती द्वारा किसी भी पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा। उप विधि परामर्शी और उप-सचिव के पद को सहायक विधि परामर्शी में से पदोन्नति द्वारा अथवा प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरा जाएगा।
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विधायी अधिकारी (हिंदी) और उप सचिव के पद को उप विधायी अधिकारी (हिंदी) में से पदोन्नति अथवा स्थानांतरण से भरा जाएगा। अवर सचिव (सामान्य) के पद को अधीक्षक या निजी सचिव की पदोन्नति या प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा। उप-विधायी अधिकारी (हिंदी) व सहायक विधि परामर्शी की नियुक्ति में भी यही नियम लागू होगा।