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रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर छह माह तक रोक, मनो सरकार ने राज्‍य में पांचवीं बार लगाया एस्‍मा

हरियाणा सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल करने पर छह महीने तक की रोक लगा दी है। सरकार ने इस पर एस्‍मा लागू कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 08:30 PM (IST)
रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर छह माह तक रोक, मनो सरकार ने राज्‍य में पांचवीं बार लगाया एस्‍मा
रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर छह माह तक रोक, मनो सरकार ने राज्‍य में पांचवीं बार लगाया एस्‍मा

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्‍य में रोडवेज कर्मियों की हड़़ताल पर रोक लगा दी है। राज्‍य सरकार ने इस पर एस्‍मा (आवश्‍यक सेवा अधिनियम) लगाने की घोषणा की है। इससे रोडवेज कर्मचारी छह माह तक कोई हड़ताल नहीं कर सकेंगे। ऐसा करना गैर कानूनी होगा। राज्‍य में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने  5 सितंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल करने की घोषणा की थी। इसके बाद राज्‍य के मुख्‍य सचिव ने आज एस्‍मा लगाने की घोषणा की। यह पांचवा मौका है जब मनोहरलाल सरकार ने राज्‍य में एस्‍मा लगाया है।

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हरियाणा के मुख्‍य सचिव डीएस ढ़ेसी ने बृहस्‍पतिवार शाम आदेश जारी कर रोडवेज कर्मचारियों की 5 सितंबर से घोषित हड़ताल पर रोक लगाने की घोषणा की। उन्‍होंने आदेश में कहा है कि हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों द्वारा हड़ताल करने से लाेगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बस सेवा आवश्‍यक सेवाओं में शामिल  शमिल हैं। इसके बाधित होने से आम लोगों को परेशानी होगी और जरूरी सेवाएं भी प्रभावित होंगी।

ढ़ेसी ने आदेश में कहा है कि ऐसे में सरकार जनहित में इस हड़ताल पर रोक लगाने को जरूरी समझती है। ऐसे में लोगोंं के हित को ध्‍यान में रखते हुए तुरंत प्रभाव से रोडवेज कर्मचारियों पर हरियाणा आवश्‍यक सेवा प्रबंधन अधनियम (एस्‍मा) लागू किया जाता है। इसके तहत छह माह तक हरियाणा परिवहन विभाग और हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों के हड़ताल करने पर रोक होगी।

मुख्‍य सचिव डीएस ढ़ेसी द्वारा जरी आदेश।

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बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों की बुधवार को राज्‍य सरकार के साथ हुई वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने 5 सितंबर से अनिश्चित हड़ताल करने का एेलान कर दिया। इसके साथ ही रोडवेज कर्मचारियों की बार-बार की हड़ताल से परेशान प्रदेश सरकार ने इस बार इससे सख्ती से निपटने के संकेत दिए थे। इसके बाद बृहस्‍पतिवार को सरकार ने एस्‍मा लगा दिया।

रोडवेकर्मी करेंगे बेमियादी हड़ताल, बसों का करेंगे चक्का जाम

राज्‍य सरकार ने 5 सितंबर से हरियाणा रोडवेज बसों का चक्का जाम करने पर तुली ज्वाइंट एक्शन कमेटी को वार्ता के दौरान ही साफ कर दिया कि हड़ताल के नाम पर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी। अगर हड़ताल हुई तो इससे सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार का कहना है कि राज्‍य में परिवहन सुविधाओं को सुधारने के लिए ही किलोमीटर स्कीम के तहत 720 निजी बसों के संचालन का फैसला लिया है और यह लागू होकर रहेगा।

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सरकार को रुख भी कड़ा, कहा- ब्लैकमेलिंग अब बर्दाश्त नहीं

परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बुधवार को रोडवेज की सभी कर्मचारी यूनियनों को वार्ता के लिए बुलाया था। हरियाणा निवास में दो बैठक हुई। सरकार की ओर से परिवहन मंत्री के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, परिवहन महानिदेशक विकास गुप्ता और अतिरिक्त महानिदेशक वीरेंद्र दहिया वार्ता की टेबल पर बैठे। ज्वाइंट एक्शन कमेटी की तरफ से हरिनारायण शर्मा, बलवान सिंह दोदवा, दलबीर किरमारा, आजाद गिल, अनूप सहरावत, नसीब जाखड़, जयभगवान कादियान, सतीश मकड़ौली, बाबूलाल यादव व रमेश सैणी ने कर्मचारी यूनियनों का पक्ष रखा।

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बैठक में शुरू से ही तल्खी का माहौल रहा। परिवहन सचिव धनपत सिंह ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी यूनियनें हड़ताल का एेलान करके सरकार को बार-बार ब्लैकमेल करती हैं। अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। करीब पौने तीन घंटे चली दो दौर की वार्ता में जब कोई हल नहीं निकला तो परिवहन सचिव ने कह दिया कि आपको जो करना है कर लो। अगर हड़ताल हुई तो सख्त कार्रवाई होगी।

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उन्होंने कहा कि निजी बसों को परमिट जनता की सुविधा के लिए दिया जा रहा है। सरकार का काम कर्मचारियों के हित के साथ जनता को सुविधा देना भी है, लेकिन कर्मचारी नेता व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए हड़ताल करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए कर्मचारियों से ज्यादा आमलोगों के हित सर्वोपरि हैं। निजी बसों की किलोमीटर स्कीम से लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी लेकिन रोडवेज कर्मचारी यूनियनें बिना समझे इसके विरोध पर उतरी हैं।

कर्मचारी नेताओं ने एेलान कर दिया कि 5 सितंबर से बेमियादी हड़ताल होगी। वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार बातचीत को लेकर गंभीर नहीं थी। पहले परिवहन मंत्री बैठक से बीच में चले गए और फिर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी मीटिंग में नहीं पहुंचे।

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बता दें कि किलोमीटर स्कीम के तहत परिवहन विभाग में 720 बसों को कांट्रेक्ट पर चलाने के फैसले पर रोडवेज कर्मचारी भड़के हुए हैं। इसी मुद्दे को लेकर पिछली 7 अगस्त को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूरे प्रदेश मेें बसों का चक्का जाम कर दिया था। अब ज्वाइंट एक्शन कमेटी 5 सितंबर को हड़ताल की तैयारी में जुटी है।

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मनोहर सरकार में पांचवीं बार लगा एस्मा

स्वास्थ्य विभाग और रोडवेज में एक साथ एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाने के फैसले पर प्रदेश सरकार व रोडवेजकर्मी आमने-सामने हो गए हैं। वहीं मनोहर सरकार में यह पांचवां मौका है जब कर्मचारियों पर एस्मा लगाया गया। इससे पहले रोडवेज कर्मचारियों, स्वास्थ्य विभाग, बिजली कर्मियों और ग्राम सचिवों पर एस्मा लागू किया गया था।

एस्मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है। एस्मा लागू करने से पहले प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यमों से सूचित किया जाता है।

सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि 10 सितंबर को सभी महकमों के कर्मचारी विधानसभा कूच कर एस्मा का मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार एस्मा लगाने की बजाय चुनावी घोषणापत्र में किए वादों और पूर्व में किए गए समझौतों को लागू करे, तभी कर्मचारी आंदोलन समाप्त होंगे। एस्मा लगाकर कर्मचारियों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।

बंसीलाल को महंगा पड़ा था एस्मा लगाना

हरियाणा के अब तक के तमाम मुख्यमंत्रियों में स्व. बंसीलाल की छवि कठोर प्रशासक की रही है। बंसीलाल ने अपनी सरकार के कार्यकाल के अंतिम चरण में रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लागू किया था। इस कारण समूचे हरियाणा में तत्कालीन बंसीलाल सरकार का विरोध शुरू हो गया था। आखिर उन्हें अपनी सरकार गंवाकर एस्मा का खामियाजा भुगतना पड़ा था।

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