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सरकार ने ह‍रियाणा रोडवेज कर्मचारियों काे दिया जोर को झटका, ओवरटाइम बंद

हरियाणा सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों को जाेर का झटका दिया है। सरकार ने रोडवेज कर्मचा‍रियों का ओवरटाइम बंद कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 10:12 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:12 AM (IST)
सरकार ने ह‍रियाणा रोडवेज कर्मचारियों काे दिया जोर को झटका, ओवरटाइम बंद
सरकार ने ह‍रियाणा रोडवेज कर्मचारियों काे दिया जोर को झटका, ओवरटाइम बंद

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। ह‍रियाणा सरकार ने रोडवेज कर्म‍चारियों को तगड़ा झटका दिया है। राज्‍य सरकार ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों का ओवरटाइम भत्‍ता बंद करने का फैसला किया है। किलोमीटर स्कीम के तहत 700 बसें चलाने के विरोध में हड़ताल करने वाले रोडवेज कर्मचारियों को इससे पहले सरकार ने हड़ताल की अवधि का वेतन न देने का ऐलान किया था। अब किसी चालक-परिचालक को ओवरटाइम नहीं मिलेगा।

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लंबे रूटों के चालक-परिचालक हर महीने कर रहे 60 से 70 हजार रुपये तक ओवरटाइम

परिवहन निदेशक ने सभी रोडवेज महाप्रबंधकों को तुरंत प्रभाव से सभी कर्मचारियों का ओवरटाइम बंद करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय हे कि लंबे रूटों पर चलने वाले चालक-परिचालक हर महीने अमूमन 60 से 70 हजार रुपये तक का ओवरटाइम करते हैं।  निदेशक की ओर से जारी लिखित आदेश में परिवहन विभाग के खर्चों में कटौती का हवाला देते हुए साफ कहा गया है कि किसी चालक-परिचालक से सप्ताह में 48 घंटे से अधिक की ड्यूटी नहीं ली जाए। अगर कोई महाप्रबंधक कर्मचारियों को ओवरटाइम कराता है तो इसकी भरपाई ड्यूटी सेक्शन, ट्रैफिक मैनेजर और महाप्रबंधक के वेतन से की जाएगी। साथ ही चेतावनी दी गई है कि स्टाफ की कमी का बहाना नहीं चलेगा।

परिवहन निदेशक ने साफ किया कि सभी रोडवेज डिपुओं में बसों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त चालक-परिचालक हैं। इसी हिसाब से उनकी ड्यूटी का रोटेशन निर्धारित किया जाए। लंबे रूटों पर चलने वाले स्टाफ के काम के अधिक घंटों को अगले दिन उन्हें छुट्टी देकर समायोजित किया जाएगा। अगर किसी परिचालक को दूसरे कामों में लगाया गया तो उन्हें तुरंत प्रभाव से अपने मूल कार्य पर लगाया जाए।

16 साल पहले बनी थी पॉलिसी

हरियाणा में परिवहन विभाग ही इकलौता महकमा है जिसमें रोडवेज कर्मचारियों से सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम लेने पर ओवरटाइम देने की व्यवस्था है। सालाना सैकड़ों करोड़ के घाटे से जूझ रहे परिवहन विभाग को उबारने के लिए कई मौकों पर कर्मचारियों का ओवरटाइम बंद करने की सिफारिशें की जाती रही। इस पर 1 फरवरी 2002 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सरकार ने रोडवेज में ओवरटाइम सिस्टम बंद करने की पॉलिसी बना दी थी। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर रोडवेज महाप्रबंधक कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर अधिक काम लेते रहे जिससे यह पॉलिसी कभी लागू नहीं हो सकी।

रोडवेज कर्मचारियों में बढ़ा आक्रोश

ह‍रियाणा सरकार के ताजा फैसले ने रोडवेज कर्मचारियों के आक्रोश को बढ़ा दिया है। हाई कोर्ट के निर्देश पर 18 दिन की हड़ताल खत्म करने वाली रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के नेताओं सरबत सिंह पूनिया, दलबीर किरमारा, वीरेंद्र सिंह धनखड़, हरि नारायण शर्मा और सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि विभाग में बसों व स्टाफ का भारी टोटा है। इसलिए रोडवेज कर्मचारी 12 से 18 घंटे ड्यूटी कर यात्रियों को गंतव्य पर पहुंचाते हैं। सरकार ने विभाग में कर्मचारियों की भर्ती किए बिना ही कर्मचारियों का ओवरटाइम खत्म कर यात्रियों व छात्र-छात्राओं के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।


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