मांगों को लेकर फिर सक्रिय हुए सरकारी कर्मचारी, Strike का एलान, ये हैं Major Demands...
कर्मचारी यूनियनें आक्रामक होने लगी हैं। सरकार से पूर्व में हुए समझौते लागू नहीं होने पर सर्व कर्मचारी संघ ने 8 जनवरी को हड़ताल का एलान किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। लंबित मांगों को लेकर कर्मचारी यूनियनें आक्रामक होने लगी हैं। सरकार से पूर्व में हुए समझौते लागू नहीं होने पर सर्व कर्मचारी संघ ने 8 जनवरी को हड़ताल का एलान किया है। 19 दिसंबर तक सभी जिलों व ब्लॉकों मे कार्यकर्ता सम्मेलन कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इसके बाद 20 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयोंं पर प्रदर्शन होंगे।
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी व उप महासचिव सबिता मलिक ने कहा कि 20 दिसंबर को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर नोटिस दिवस मनाते हुए मुख्य सचिव के नाम जिला उपायुक्तों को हड़ताल के नोटिस सौंपे जाएंगे।
लांबा ने बताया कि अगले चरण में 21 दिसंबर से 6 जनवरी तक जनसंपर्क अभियान चलाते हुए सभी विभागों, बोर्ड-निगमों, विश्वविद्यालयों, स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, पंचायत समितियों, बिजली घरों, अस्पतालों मेंं गेट मीटिंगें की जाएंगी। जनसंपर्क अभियान व जत्थों के लिए केंद्रीय कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों की जिला स्तर पर ड्यूटी लगाई गई है।
क्या हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- नई पेंशन स्कीम रद कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए
- सभी प्रकार के पार्ट टाइम व अनुबंध कर्मचारी पक्के हों। नियमित होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए
- पंजाब के समान वेतनमान व पेंशन लागू कर वेतन विसंगति दूर की जाएं
- एक्सग्रेसिया रोजगार नीति में उम्र व सेवा की लगाई गई शर्त वापस ली जाए
- कैशलेस मेडिकल सुविधा सभी बीमारियों के इलाज पर वास्तविक खर्च पर लागू की जाए
- नियमित भर्ती के बाद हटाए गए कच्चे कर्मचारियों को बहाल किया जाए। नियमित भर्ती केवल खाली पदों पर हों
- रोडवेज में किलोमीटर स्कीम तथा जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए
- मकान किराया भत्ता जनवरी 2016 से लागू कर बकाया का भुगतान किया जाए
- लेबर कानूनों में पूंजीपतियों के हकों मे किए जा रहे संशोधन पर रोक लगे
- कर्मचारियों पर सभी प्रकार की उत्पीडऩ की कार्रवाई पर रोक लगे
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