Move to Jagran APP

हरियाणा के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: नई पेंशन स्कीम में चार प्रतिशत अंशदान ज्यादा देगी सरकार

New Pension Scheme हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्‍य सरकार नई पेंशन स्कीम में अब कर्मचारियों को चार प्रतिशत अंशदान ज्यादा देगी इससे राज्‍य के सरकारी कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। अब यह अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 09:51 AM (IST)
हरियाणा के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: नई पेंशन स्कीम में चार प्रतिशत अंशदान ज्यादा देगी सरकार
हरियाणा सरकार अब कर्मचरियों की नई पेंशन स्‍कीम में ज्‍यादा अंशदान देगी। (संकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। New Pension Scheme: हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों को अब केंद्र सरकार की तर्ज पर नई पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा। प्रदेश सरकार ने अपनी अंशभागिता चार प्रतिशत बढ़ाते हुए 14 प्रतिशत मासिक कर दी है। पहली जनवरी 2022 से कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।

loksabha election banner

केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने अंशभागिता 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत की

वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में पहली जनवरी 2006 के बाद भर्ती हुए तमाम सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत नियुक्त किया गया है। अभी तक प्रदेश सरकार अपनी तरफ से कर्मचारियों को हर महीने 10 प्रतिशत अंशदान दे रही थी।

केंद्र सरकार ने 31 जनवरी 2019 को अपने कर्मचारियों के लिए अंशभागिता 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी थी। प्रदेश के कर्मचारी संगठन तभी से प्रदेश सरकार पर अंशभागिता बढ़ाने का दबाव बनाए हुए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हरी झंडी मिलते ही वित्त विभाग ने अंशदान में बढ़ोतरी के आदेश जारी कर दिए हैं।

------

हरियाणा के एससी कर्मचारियों की सुनवाई को हाई पावर कमेटी बनी

हरियाणा सरकार ने विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में कार्यरत अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। इन कर्मचारियों के लिए बनाई गई इस आंतरिक शिकायत निवारण समिति की कमान वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अनुराग अग्रवाल को सौंपी गई है। अनुराग अग्रवाल हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हैं और उनकी गिनती सुलझे हुए आइएएस अफसरों मं होती है।

अनुराग अग्रवाल के साथ तीन आइएएस और एक एचसीएस अधिकारी को भी कमेटी में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी की है। अभी तक अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की सुनवाई के लिए कोई कमेटी नहीं थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे गंभीरता से लिया। मुख्य सचिव संजीव कौशल के पास भी अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के उत्पीड़न की लगातार शिकायतें मिल रही थी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में एससी कर्मचारियों की समस्याओं व परेशानियों को लेकर कई शिकायतें पहुंची थी।

इस तरह की शिकायतें अकेले हरियाणा नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी आई। आयोग ने इस पर कड़ा नोटिस लेते हुए राज्य सरकार को कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने आंतरिक शिकायत निवारण समिति का गठन करते हुए अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के हित सुरक्षित करने की बड़ी पहल की है। अनुराग अग्रवाल के नेतृत्व वाली इस कमेटी में आइएएस अधिकारी डी सुरेश, ए श्रीनिवास तथा आरसी बिधान के अलावा एचसीएस अधिकारी वर्षा खंगवाल को शामिल किया गया है।

यह कमेटी अब विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में कार्यरत एससी कर्मचारियों की शिकायतों की सुनवाई करेगी। विभागों व बोर्ड-निगमों में आरक्षण रोस्टर के रखरखाव व आरक्षित पदों को भरने को लेकर कमेटी फैसला करेगी। प्रमोशन, वरिष्ठता, एमएसीपी, एसीपी में भेदभाव के आरोपों की जांच भी कमेटी द्वारा की जाएगी।

तबादलों व नियुक्ति में भेदभाव के मामलों की भी होगी जांच

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति करने, एपीएआर, एसीआर व डाउनग्रेडिंग से जुड़ी शिकायतों का रास्ता निकालने का काम भी अग्रवाल कमेटी का रहेगा। किसी कर्मचारी को अगर सस्पेंड किया गया है या फिर टर्मिनेट किया गया है और संबंधित कर्मचारी ने उसे गलत ठहराया है तो इस तरह के मामलों को लेकर भी कमेटी जांच कर सरकार को अपनी सही सिफारिश करेगी। एससी कर्मचारियों की ट्रांसफर व नियुक्ति में भेदभाव से जुड़े आरोपों की जांच भी अग्रवाल कमेटी को सौंपी गई है।

शिकायतों की जांच के लिए कमेटी होगी उत्तरदायी कमेटी के अध्यक्ष

अनुराग अग्रवाल के अनुसार एससी कर्मचारियों को पेंशन संबंधी लाभ नहीं देने तथा बकाया वेतन भुगतान को लेकर कमेटी द्वारा सिफारिश की जाएगी। मुख्य सचिव ने कमेटी के नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि शिकायत की सत्यता का पता लगाने के लिए शिकायतों की जांच के लिए कमेटी ही उत्तरदायी होगी। साथ ही, कमेटी एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट संगठन प्रमुख को सौंपेगी ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके। इस कमेटी के चेयरमैन व सदस्य अपने नामांकन की तिथि से तीन वर्ष से अधिक समय तक इस पद पर नहीं रह सकेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.