अफसरों की मेहरबानी से फल-फूल रहा ईधन माफिया
मालिक जीएस चावला जाते-जाते ईधन माफिया की पोल खोल गए हैं।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : आर्थिक मंदी के शिकार मोहाली के पेट्रोल पंप मालिक जीएस चावला जाते-जाते ईधन माफिया की पोल खोल गए हैं। सुसाइड नोट में भले ही जीएस चावला ने हिदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के तीन अधिकारियों सहित छह लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया हो, लेकिन सुसाइड नोट में उन्होंने चंडीगढ़ के ईटीसी चौधरी और फाइनेंस सेक्रेटरी मिस्टर सिंहा का उल्लेख किया है। हालांकि इन पर कोई एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। सुसाइड नोट कहता है कि आइओसी डीलर हर महीने अधिकारियों को 35 लाख रुपये इकट्ठा करके देते हैं। यह डीलर मोहाली के साथ लगते एरिया के हैं, जोकि चंडीगढ़ का सस्ता पेट्रोल और डीजल मोहाली में महंगे दामों पर बेचते हैं। जीएस चावला पहले भी यह मुद्दा उठा चुके थे। उनके मुताबिक ईधन माफिया काफी सक्रिय है और करोड़ों रुपये का पेट्रोल एवं डीजल चंडीगढ़ से मोहाली और पंचकूला में पहुंच जाता है, क्योंकि चंडीगढ़ में डीजल एवं पेट्रोल सस्ता है, जोकि मोहाली एवं पंचकूला में महंगा बिकता है। कागजात चंडीगढ़ के तैयार होते हैं और सप्लाई मोहाली एवं पंचकूला में होती है, जिसकी कोई चेकिग नहीं होती। तनाव में थे जीएस चावला
जीएस चावला के छोटे भाई एमपीएस चावला ने बताया कि उनके भाई काफी तनाव में थे, क्योंकि चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों और पेट्रोलियम डीलरों की मिलीभगत के कारण वैट बराबर नहीं कर रहे थे। चंडीगढ़ में वैट कम होने से मोहाली में बिजनेस खत्म हो गया था। पंजाब एक्साइज विभाग बॉर्डर से होने वाली ईधन की स्मगलिग नहीं रोक रहा था। जिस कारण उनका 80 प्रतिशत से ज्यादा व्यापार खत्म हो चुका था। वह पहले भी सुसाइड की धमकी दे चुके थे, लेकिन यह नहीं सोचा था कि इस तरह वह जान ही देंगे। इस पूरे प्रकरण में हिदुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। जीएस चावला के सुसाइड नोट के बाद शलभ राज गुप्ता, राजीव बंसल, विजय कुमार कामरा, राकेश कामरा, ईशान कामरा, निखिल सूद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में चंडीगढ़ के दो अधिकारियों के नामों का भी जिक्र करने से पुलिस पूछताछ कर सकती है। भले ही पुलिस ने छह लोगों के नाम एफआइआर में दर्ज किए हैं, लेकिन सुसाइड नोट के अनुसार कुछ और नाम भी हैं, जिन पर गंभीर आरोप हैं। इनसे भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। बड़ी गाड़ियों में होती है स्मगलिंग
सूत्र बताते हैं कि बड़ी गाडि़यों में पेट्रोल एवं डीजल भरकर स्मगलिग की जाती है। जिसके बारे स्मगलर पहले ही एक्साइज विभाग के अधिकारियों को सूचित कर देते हैं। जब यह गाडि़यां बॉर्डर से पार होती है, तो पहले ही निचले कर्मचारियों को बता दिया जाता है, जोकि जान-बूझकर इनकी चेकिग नहीं करते और करोड़ों रुपये का ईधन चंडीगढ़ से पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच जाता है। पिता की अस्थियों का विसर्जन कर दिया गया है और अब पाठ रखा गया है। मेरे पिता बिजनेस खत्म होने से काफी तनाव में थे। चंडीगढ़ एवं मोहाली में वैट के रेट में फर्क होने के कारण चंडीगढ़ में पेट्रोल एवं डीजल मोहाली के मुकाबले सस्ता था। जिस कारण उनके व्यापार में काफी कमी आ गई थी। पिता ने कई दरखास्त दी थी और समाचार पत्रों के माध्यम से इच्छा मृत्यु की भी इजाजत मांगी थी। -हमरीत सिंह, पुत्र, जीएस चावला इस मामले में छह लोगों को जीएस चावला ने अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। चंडीगढ़ प्रशासन के दो अधिकारियों ईटीसी चौधरी और फाइनेंस सेक्रेटरी सिंहा के नाम का उल्लेख है, लेकिन फिलहाल इन छह लोगों शलभ राज गुप्ता, राजीव बंसल, विजय कुमार कामरा, राकेश कामरा, ईशान कामरा, निखिल सूद के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सभी से पूछताछ की जाएगी।
-ललित कुमार, थाना प्रभारी, सेक्टर-5