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हुड्डा बोले- चार साल बर्बाद हो गए, बीस साल पीछे चला गया हरियाणा

पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि मनाेहरलाल सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। एक खास बातचीत में उन्‍होंने कहा कि पिछले चार साल में राज्‍य 20 साल पीछे चला गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 04:01 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 04:01 PM (IST)
हुड्डा बोले- चार साल बर्बाद हो गए, बीस साल पीछे चला गया हरियाणा
हुड्डा बोले- चार साल बर्बाद हो गए, बीस साल पीछे चला गया हरियाणा

चंडीगढ़। हरियाणा में दस साल तक राज चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मौजूदा भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल से कतई संतुष्ट नहीं हैं। हुड्डा मानते हैं कि पिछले चार सालों में भाजपा सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया और चारों साल सरकार इवेंट मैनेजमेंट में लगी रही। उनकी नजर में चार सालों में आम आदमी से लेकर कर्मचारी, किसान और युवाओं को जमकर छला गया।

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हुड्डा का कहना है कि किसान मंडियों में रूल रहा और कर्मचारी सड़कों पर उतर आए। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। हरियाणा के 53वें साल में प्रवेश और भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल पर दैनिक जागरण के हरियाणा ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-

हरियाणा अपने 53वें साल में प्रवेश कर रहा है। आपने प्रदेश में दस साल तक राज किया है। बदलते हरियाणा को किस तरह से देखते हैं?

- अपनी सरकार के कार्यकाल में हम हरियाणा को विकास की पटरी पर लेकर आए थे। दस सालों में हरियाणा को विकास, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिक निवेश,  रोजगार और खुशहाली के मामले में नंबर वन बनाया गया। ढांचागत विकास पर पूरा फोकस रहा। नई इंडस्ट्री लगी। लाखों लोगों को रोजगार मिले। कर्मचारियों, व्यापारियों व किसानों की खुशहाली के साथ-साथ शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने भरपूर काम किया, लेकिन अब मौजूदा भाजपा सरकार ने हरियाणा को विकास की पटरी से नीचे उतार दिया है। हरियाणा फिर से विभिन्न क्षेत्रों में निचले पायदान पर पहुंच गया। चार साल में हरियाणा 20 साल पीछे धकेल दिया गया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि आपके राज में विकास तो कहीं था ही नहीं, सिर्फ भ्रष्टाचार पर आपकी सरकार का फोकस रहा?

- हमारे पास विकास कार्यों की लंबी सूची है। भाजपा अपने राज में एक भी किसी नई परियोजना के शुरू होने की जानकारी दे दे तो हम मान जाएंगे। हमारे कार्यकाल की रुकी हुई परियोजनाएं रद करने पर इस सरकार का फोकस रहा है। कोई नया इंस्टीट्यूट नहीं खुला और न ही कोई बिजली का नया कारखाना लगाया गया। अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं और स्कूलों में शिक्षक। किसानों को ठगा जा रहा है। मेरे पास इस चार साल की सरकार के कार्यकाल में 16 घोटालों की लिस्ट है। धान घोटाला, भर्ती घोटाला, नौकरियां बेचने का घोटाला, बिजली घोटाला और अब रोडवेज के परमिट बेचने का घोटाला किया जा रहा है। इस सरकार में नौकरियों के रेट तय हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरियां बेची जा रही हैं। इससे बड़ा भ्रष्टाचार और क्या होगा।



मुख्यमंत्री चार साल की उपलब्धियां गिना रहे हैं। उनका दावा है कि 160 वादे पूरे किए जा चुके। आपकी सरकार सिर्फ घोषणाएं करती थी?

- यह सरकार इवेंट, लूट और झूठ पर टिकी है। भोजन, आयोजन और बिना प्रायोजन के कामों पर इसका फोकस है। चार सालों में प्रदेश का तीन बार भाईचारा खराब किया गया। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। जब से हरियाणा बना है, तब से 2014 तक पुलिस की गोली से इतने आदमी नहीं मरे। भाजपा के राज में चार साल में 74 निर्दोष आदमी पुलिस की गोली से मार दिए गए। रही वादे पूरे करने की बात, चुनाव में चले जाएं, जनता अपने आप हिसाब मांग लेगी कि उन्होंने कितने वादे किए थे और कितने पूरे किए हैं। हम पर घोषणाएं करने का आरोप लगाते हैं, जबकि हकीकत यह है कि घोषणाएं सिर्फ इस सरकार में हो रही हैं। हैंडपंप लगाने के सामान्य से काम को भी मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल कर लिया जाता है।

आरोप है कि जाट आरक्षण आंदोलन हुड्डा के उकसाने पर हुआ है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु तो इसके खुले आरोप लगाते हैं?

- कैप्टन अभिमन्यु के बारे में मैं क्या कहूं। उन्हें समझ नहीं है कि वह क्या कह रहे हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन्हें माफ करे। रहे मुझ पर आंदोलन को भड़काने के आरोप तो, पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की रिपोर्ट सब कुछ बयां करने के लिए काफी है। उस रिपोर्ट में साफ लिखा है कि सरकारी मशीनरी पैरालाइज हो गया था और सरकार तथा उसके मंत्री मूकदर्शक बनकर चुपचाप बैठे हरियाणा को जलता हुआ देख रहे थे। पुलिस लाचार थी। सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नहीं थी। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए सरकार यदि इसे पढ़कर अपने ऊपर लागू करे तो उसे समझ आ जाएगा कि गलती किसकी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दावा है कि प्रदेश विकास के नए आयाम छू रहा। आपकी सरकार ने इतने गड्ढे छोड़े थे कि उन्हें भरने में काफी समय बर्बाद हो गया?

- हमारी सरकार में कोई गड्ढा नहीं था। मुख्यमंत्री जी की बात यदि मान भी जाए तो क्या चार सालों में उनसे हमारे गड्ढे अभी तक नहीं भरे गए। वह अपनी विफलताएं छिपाने के लिए हमारे कार्यकाल के गड्ढे भरने की बात कर रहे हैं। उन्हें काम करके दिखाना चाहिए था, जिसमें वह पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। मंत्रियों में आपसी कलह है। कोई मंत्री अपने मुख्यमंत्री की बात नहीं मानता। विधानसभा में कई मंत्री अपने मुख्यमंत्री को कहते हैं कि पहले मैं बोलूंगा।

भाजपा सरकार का दावा है कि वह किसानों के हक में काम कर रही है। उन्हें रुका हुआ मुआवजा दिया और फसलों के उचित दाम दिए जा रहे हैं?

- किसानों की लागत बढ़ गई और आमदनी घट गई। भाजपा का यही विकास है। गन्ना किसानों को आज तक उनका बकाया पेमेंट नहीं मिल पाया। सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य तक नहीं दे पा रही है। बाजरे व सूरजमुखी की फसलों की खरीद के लिए लिमिट तय की जा रही है। बाकी फसल किसान कहां बेचने जाएंगे। अप्राकृतिक आपदा का मुआवजा आज तक नहीं दिया गया है। किसानों पर बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए फसल बीमा योजना जबरदस्ती थोपी जा रही है। व्यापारी इस राज में सुरक्षित नहीं हैं। कर्मचारियों की हालत सबके सामने है।

मुख्यमंत्री का आरोप है कि आप राजनीतिक दुर्भावना से सरकार पर गलत आरोप लगाते हैं?

- यह बात तो हमें करनी चाहिए। चार साल में जब कोई काम नहीं करेंगे तो जनता को हिसाब तो देना ही पड़ेगा। मैं ऐसा आदमी हूं कि यदि सरकार अच्छा काम करेगी या करती तो उसकी तारीफ करता। सरकार बनते ही सरकार ने करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कालेज को यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी, मगर आज तक एक ईंट भी नहीं लग पाई है। यह सरकार सिर्फ थोथी घोषणाओं पर टिकी है।

भाजपा किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है। कांग्रेस में आपसी गुटबाजी है। आप की क्या तैयारी है?

- कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। सब अपने-अपने ढंग से कांग्रेस को मजबूत करने में लगे हैं। भाजपा तो क्या, हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। चाहे आज चुनाव करा लिए जाएं। सभी कांग्रेसी मिलकर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने हमेशा जाति और धर्म की राजनीति की है। उसकी निगाह सिर्फ किसी भी तरह से वोटबैंक हथियाने की है। सरकार की असलियत बताने के लिए प्रकाश सिंह की रिपोर्ट ही काफी है, जिसे अब गायब कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में साफ कहा कि हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है।

कर्मचारी पंजाब के समान वेतनमान की मांग कर रहे?

- इस सरकार में पहले दिन से कर्मचारी आक्रोशित हैं। हमने रिटायरमेंट आयु 60 साल की, मगर भाजपा सरकार ने वापस 58 साल कर दी। पंजाब के समान वेतनमान देने का हमारी सरकार का फैसला बदल दिया। अब रोडवेज के परमिट देने में घपला किया जा रहा है। 34 रुपये प्रति किलोमीटर की दर पर बसें किराये पर ली जा रही हैं, जबकि पड़ोसी राज्यों में 20 से 21 रुपये प्रति किलोमीटर की दर पर चल रही हैं। अपने चहेतों को परमिट बांटने के लिए यह घोटाला हो रहा है। एक साल में ही बस मालिक अपनी लागत 20 से 25 लाख रुपये पूरी कर लेगा। सरकार को कर्मचारियों के हितों की कोई फिक्र नहीं है। हमने राज्यपाल से हड़ताल खत्म कराने का अनुरोध किया था।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा फोकस जाटलैंड पर है। उनके बार-बार के दौरों को आप कैसे देखते हैं?

- भाजपा सरकार पूरी तरह से विफल है। इनकी कोई उपलब्धि नहीं है। यह लोग जितने चक्कर यहां काटेंगे, उतनी कांग्रेस मजबूत होगी। उन्हें कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। उन्हें चुनाव वैतरणी पार करने के लिए कोई न कोई आसरा चाहिए, जो कहीं नहीं मिल रहा है।

हरियाणा में औद्योगिक निवेश के बड़े बड़े दावे हो रहे हैं। प्रदेश पर कर्ज भी बढ़ रहा है। आप इसे कैसे देखते हैं?

- भाजपा सरकार ने अपने चार साल के रिपोर्ट कार्ड में खुद माना कि अभी तक सिर्फ आठ हजार करोड़ का निवेश आया है, लेकिन मैं इस आंकड़े से भी सहमत नहीं हुई। उन्होंने करीब साढ़े चार सौ एमओयू साइन होने तथा कई लाख करोड़ का निवेश होने का दावा किया था, मगर अब यह दावा हकीकत में धरातल पर कहां गायब हो गया है। यह सिर्फ छलावे की सरकार है और कर्ज लेकर घी पी रही है।

इनेलो की पारिवारिक लड़ाई चरम पर है। अभय चौटाला एसवाईएल नहर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बना रहे, जबकि कांग्रेस चुप बैठी है?

- इनेलो की पारिवारिक लड़ाई पर मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहता। मैंने दो साल पहले ही कह दिया था कि यह पार्टी खत्म हो जाएगी और धीरे-धीरे सब कुछ आपने सामने है। रही एसवाईएल नहर निर्माण के लिए आंदोलन की बात तो इनेलो व भाजपा दोनों नकली खेल खेल रहे हैं। इनेलो की नकली लड़ाई बेनकाब हो चुकी है। इनेलो की नकली गिरफ्तारी पर भाजपा की नकली रिहाई किसी से छिपी नहीं है। वहीं जेल और वहीं बेल, यह रूल कहीं देखा है क्या। प्रदेश की जनता दोनों की मिलीभगत से वाकिफ है, जो विधानसभा के भीतर भी नजर आती है।


 


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